अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्टसंत आचार्य श्री 108 प्रमूखसागरजी महाराज ने जैन मांगलीक भवन मै प्रवचन दीये | Ahinsa tirth praneta raashtsant acharya shri 108 pramukh sagar ji maharaj
अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्टसंत आचार्य श्री 108 प्रमूखसागरजी महाराज ने जैन मांगलीक भवन मै प्रवचन दीये
जावरा (यूसुफ अली बोहरा) - आचार्य श्री के मुखारबिंद से कहा गया वृक्षारोपण हरियाली अमावस्या की सबसे बड़ी पूजा होगी जीवन में हर व्यक्ति को कम से कम 10 बड़े वृक्षों को जरूर लगाना चाहिए क्योंकि अंतिम समय में वह जो तुमको लकड़ी लगेगी जलाने की उसकी तैयारी अभी से करो अन्यथा लावारिस की तरह तुम्हारा अंतिम शरीर को फेंक दिया जाएगा वृक्षों की सेवा माता पिता की सेवा से कम नहीं है क्योंकि वृक्ष हमें माता पिता की तरह जीने के लिए ऑक्सीजन देते हैं खाने के लिए फल देते हैं थक जाने पर विश्राम के लिए छांव देते हैं भाई आदि पशुओं के लिए चारा भोजन देते हैं और तो और अपना सब कुछ न्योछावर करके तुम्हारे रहने के लिए सुंदर लकड़ी के मकान पलंग कुर्सी टेबल यह सब रख से ही तो मिलता है यदि आप अपने घर में फर्नीचर का उपयोग कर रहे हैं तो वृक्षों को रोपण जरूर करें तभी उस कर्ज से मुक्त हो पाओगे अन्यथा वृक्ष वनस्पति की पर्याय में जन्म लेना पड़ेगा वृक्षारोपण मंदिर निर्माण का कार्य पुण्य देकर जाती है पितरों की सच्ची सेवा वृक्षारोपण है यह जानकारी चातुर्मास समिति पवक्ता रीतेश जैन ने दी ।आचार्य श्री प्रमुख सागर जी ऐलक जी प्रभाकर सागर जी छुलक जी पुकार सागर जी परमात्म सागर जी और माताजी प्रीति श्री माताजी परीक्षा श्री माताजी प्रेक्षा श्री माताजी रविवार को उपवास रहा इस अवसर पर महावीर मादावत विजय ओरा पुखराज सेठी हिम्मत गंगवाल पवन पाटनी रितेश जैन सुनील कोठारी दिलीप मादावत अजय दोषी अनील काला कैलाश जी बारोड़ मयंक मादावत राजेश कियावत मनोज बारोड़ सोनू बरैया अनिल कोठारी सुरेश जी अग्रवाल संजय कियावत राजेश भचवत नरेन्द्र गोधा पंकज शाह अभिषेक अग्रवाल अंतिम कियावत पवन जी कलसधर राजकुमार ओरा पूनम चंद्र जी ओरा विनोदी लालजी दोषी दिलीप बैरिया आदि लोग उपस्थित थे।
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