विभाग के बाबुओं की लापरवाही से समय पर नही मिल पाता अध्यापको को वेतन | Vibhag ke babuo ki laparwahi se samay pr nhi mil pata

विभाग के बाबुओं की लापरवाही से समय पर नही मिल पाता अध्यापको को वेतन


आमला (रोहित दुबे) - शिक्षा विकास खण्ड आमला के संवर्ग अध्यापकों को लगातार विभागीय लापरवाही के चलते वेतन नही मिलने की समस्या से जूझना पड़ता है ।पूर्व में भी वेतन नियमित रूप से नही मिलने की शिकायतें जिला अशिकारियो को अध्यापकगण कर चुके है ,वही इस माह जून का वेतन अब तक अप्राप्त है जानकारी के मूताबिक मध्य प्रदेश शासन द्वारा अध्यापक सवर्ग का कुछ समय पहले शिक्षा विभाग मे सविलियन किया गया था। जिसमे सहायक अध्यापक अध्यापक वरिष्ठ अध्यापक को क्रमशः प्राथमिक शिक्षक माध्यमिक शिक्षक उच्चतर माध्यमिक शिक्षक नाम दिया गया है ।जिनके एम्प्लाई कोड  जारी किए गये है। ज्ञात हो की बी ओ कार्यालय द्वारा नियमित शिक्षको का वेतन समयावधि मे कर दिया जाता है। परन्तु अध्यापक सवर्ग के साथ हमेशा उदासीनता बरती जाती है। इसी के चलते इस माह भी एम्प्लाई कोड के बहाने  बाबु  की लापरवाही से माह की 22 तारीख़ तक भी लगभग 650 अध्यापको का वेतन नही हुआ है ।कभी नेट स्वान खराब है का बहाना बनाया जाता  है ।जिसके चलते कई अध्यापक जिनके द्वारा बैक से लोन लिया गया है उनकी किस्तो का भुगतान नही हो पाया है।जिससे अधयापक मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहे है। कई अध्यापकों को उधार लेकर काम चलाने की नौबत आ गई है।

,,,,,पूर्व में भी लापरवाही की अध्यापकों ने की थी शिकायत,,,

अध्यापक संघर्ष समिति आमला के आह्वान पर राज्य अध्यापक संघ व संयुक्त अध्यापक संघ द्वारा एक जुलाई 2019 को विकासखंड शिक्षा अधिकारी आमला को ज्ञापन सौंपकर मांगों का निराकरण चाहा था। इसमें साहेबराव चिल्हाटे अध्यापक संघर्ष समिति आमला, रामेश्वर यदुवंशी राज्य अध्यापक संघ आमला, अमरसिंह चौहान संयुक्त अध्यापक संघ आमला ने ज्ञापन में बताया था कि प्रमुख रूप से वेतनमान   व समय पर प्रतिमाह वेतन भुगतान तथा अन्य मांगे थी, जो आज दिनांक तक निराकरण नहीं होने से अध्यापक वर्ग बेहद आक्रोशित है। सब कुछ होते हुए भी वेतन व एरियर्स का भुगतान नहीं किया जा रहा है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी आमला का तर्क है कि संकुलों से समय पर कार्य न करना इसके विपरीत संकुलों के बाबुओ का तर्क है बीईओ कार्यालय के बाबू समय पर बिल नहीं लगाते, जिससे लेट होता है। अध्यापक  इसमें विकासखण्ड में व संकुलों में हो रही वित्तीय अनियमितता की जांच व कार्रवाई के लिए हर स्तर से मांग की जाएगी। जहां एक ओर अध्यापक संवर्ग शिक्षा की गुणवत्ता के लिए उत्तरोतर प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर बाबुओं के बाबूगिरी के चलते आर्थिक व मानसिक प्रताड़ना के लिए मजबूर है।

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