सोशल डिस्टेनसिंग के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा समिति ने मनाई भगवान जगन्नाथजी की जयंती | Social distancing ke sath jagannath rath yatra samiti
सोशल डिस्टेनसिंग के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा समिति ने मनाई भगवान जगन्नाथजी की जयंती
झाबुआ। (मनीष कुमट) - शहर के कॉलेज मार्ग स्थित प्राचीन जगदीष मंदिर पर भगवान श्री जगन्नाथजी की जयंती 23 जून, मंगलवार को मनाई गई। कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते इस बार श्री जगन्नाथ रथ यात्रा समिति द्वारा भव्य रूप से निकाली जाने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा शासन-प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए नहीं निकाली गई। दोपहर में मंदिर में विषेष आरती बाद सभी भक्तों को केसरिया भात का वितरण किया गया। आरती में सभी भक्तजन मुंह पर मास्क और सोशल डिस्टेनसिंग के साथ शामिल हुए। जानकारी देते हुए जगदीश मंदिर के पूजारी जगदीश पंड्या ने बताया कि जगन्नाथ जयंती पर मंगलवार अलसुबह 6 बजे भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्राजी का अभिषेक हुआ। बाद भगवान का विषेष श्रृंगार किया गया। समीप सिद्धी विनायक गणेषजी एवं माता रिद्धी-सिद्धीजी को नवीन पोषाक पहनाई गई। मंदिर को पुष्पमालाओं से सुसज्जित किया गया। सुबह 7 बजे से लेकर रात्रि 8 बजे मंदिर में श्रद्धालुओं का दर्षन के लिए आना-जाना लगा रहा।
*आरती कर प्रसादी का हुआ वितरण*
दोपहर ठीक 12 बजे विषेष आरती हुई। जिसमें श्री जगन्नाथ रथ यात्रा समिति से जुड़े वरिष्ठ अष्विन शर्मा, सुषील पंडा, युवा पार्षद पपीष पानेरी, श्याम सुंदर शर्मा, संजय सोलंकी, डॉ. निष्चय पानेरी, श्री चौरसिया, विशाल (नून्नू) भट्ट, बाबुभाई अग्रवाल, महिलाओं में रेखा शर्मा, प्रेमलता उपाध्याय, लीला पंड्या, उषा पंवार, मीना पटेल, रीना शर्मा, दीपाली पानेरी, आषा राशिनकर आदि के साथ सभी भक्तजन मुंह पर मास्क और सोशल डिस्टेनसिंग के साथ शामिल हुए। आरती पश्चात् सभी को प्रसादी के रूप में केसरिया भात का वितरण किया गया।
भगवान को मंदिर परिसर में भ्रमण करवाया गया
ज्ञातव्य रहे कि इस वर्ष समिति द्वारा 14वीं जगन्नाथ जयंती मनाई गई। वर्ष 2007 से शुरूआत की गई। प्रतिवर्ष समिति द्वारा जगन्नाथ जयंती शहर में धूमधाम से एवं भव्य रूप से मनाते हुए रथ यात्रा निकाली जाती है, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते सोषल डिस्टेनिंग का पालन आवष्यक होने से समिति ने यह रथ यात्रा नहीं निकाले जाने हेतु निर्णय लिया। इसके बदले समिति ने दोपहर में भगवान जगन्नाथजी, भाई बलभद्र और बहन सुभद्राजी को बारी-बारी से हाथों में उठाकर पूरे मंदिर एवं परिसर में भ्रमण करवाया। इस दौरान सभी ने सामूहिक रूप से जय जगन्नाथजी एवं जगनाथ पूरी के जमकर जयकारे भी लगाए। शाम को भी आरती हुई।
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