मरीज की पहचान में देरी नहीं हो ताकि प्रभावी उपचार हो सके कमिश्नर उज्जैन श्री आनंद शर्मा | Marij ki pehchan main deri nhi ho taki prabhavi upchar ho sake commissioner

मरीज की पहचान में देरी नहीं हो ताकि प्रभावी उपचार हो सके कमिश्नर उज्जैन श्री आनंद शर्मा

कमिश्नर ने रतलाम मेडिकल कॉलेज में बैठक ली

मरीज की पहचान में देरी नहीं हो ताकि प्रभावी उपचार हो सके कमिश्नर उज्जैन श्री आनंद शर्मा

रतलाम (यूसुफ अली बोहरा) -  जिले में मरीज की पहचान में देरी नहीं की जाए, इसके लिए सुनियोजित ढंग से कार्य योजना बनाकर कार्य करें ताकि जल्दी पहचान होने से शीघ्र और प्रभावी उपचार हो सके। यह निर्देश कमिश्नर उज्जैन श्री आनंद शर्मा ने रतलाम मेडिकल कॉलेज में बैठक में दिए। इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित, अपर कलेक्टर श्रीमती जमुना भिड़े, संयुक्त कलेक्टर श्री एम.एल. आर्य, डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर्स आदि उपस्थित थे।

कमिश्नर श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि जिले में कोई भी प्राइवेट डॉक्टर किसी कोरोना संदिग्ध मरीज का उपचार नहीं करें, उनके पास सर्दी, खांसी, बुखार वाला मरीज आता है तो उसको फीवर क्लीनिक को रेफर करें ताकि उसका सैंपल टेस्ट होकर शीघ्र प्रभावी उपचार मिल सके। कमिश्नर ने सीएमएचओ को निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय को प्राप्त  सीबिन ट्रू नॉट मशीन का कोरोना सैंपल जांचने में  पूर्ण क्षमता के साथ उपयोग किया जाए। बताया गया कि मशीन से 1 दिन में 35 से 40 सैंपल टेस्ट होते हैं। कमिश्नर ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी कोरोना मरीज की मृत्यु नहीं हो, इसके लिए जो भी संभव उपचार हो किया जाए।

बैठक में कमिश्नर द्वारा रतलाम जिले में कोरोना मरीजों की संख्या, नेगेटिव तथा पॉजिटिव संख्या, मृत्यु दर, कंटेनमेंट संख्या इत्यादि जानकारी प्राप्त करते हुए आवश्यक निर्देश दिए बताया गया कि जिले में फीवर क्लिनिक्स के माध्यम से 14 मरीज मिले हैं। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बताया कि जिले में अब सुव्यवस्थित ढंग से फीवर क्लिनिक्स संचालित किए जा रहे हैं। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए सबसे महत्वपूर्ण रूप से अस्पताल में जांच उपकरणों की उपलब्धता और उपचार का सुनियोजित ढंग से प्रबंधन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कोविड- हॉस्पिटल में आईसीयू बेड क्षमता, वेंटीलेटर उपलब्धता आदि की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिए कि यदि कोविड- हॉस्पिटल में क्षमता हो तो मंदसौर तथा नीमच के पेशेंट का भी उपचार किया जा सकता है, इसलिए अपनी क्षमता का एनालिसिस कर ले। कमिश्नर ने इस बात पर जोर दिया कि कोविड हॉस्पिटल में कोरोना मरीज को बगैर देर किए भर्ती कराया जाए जिससे प्रभावी उपचार होने से वह शीघ्र स्वस्थ हो सकेगा। देर से भर्ती होने वाले मरीजों के मामलों में इसके कारण खोजे जाएं और कमी को दूर किया जाए।

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