कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए बाढ़ नियंत्रण के राहत कार्य करने के निर्देश | Corona virus ke sankraman rokne ke maddenazar social distancing rakhte hue

कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए बाढ़ नियंत्रण के राहत कार्य करने के निर्देश

रिस्पांस टाईम मिनीमम होना चाहिये - कलेक्टर ने दिये निर्देश
कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए बाढ़ नियंत्रण के राहत कार्य करने के निर्देश

उज्जैन (रोशन पंकज) - कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने कहा है कि बाढ़ राहत के कार्यों में इस वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये सोशल डिसटेंसिंग का ध्यान रखते हुए बाढ़ पीड़ितों को सहायता उपलब्ध कराई जाना है। कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ आपदा की सूचना मिलने पर तुरन्त ही टीम को रवाना होना चाहिये। सूचना मिलने पर हमारा रिस्पाँस टाईम मिनीमम होना चाहिये, तभी हम बाढ़ में फंसे व्यक्ति की मदद कर पायेंगे। कलेक्टर ने कहा कि रिस्पाँस देने में किसी तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिये। एक-एक जीवन कीमती है। आपदा के समय किसी व्यक्ति की जान बचाने से बड़ा काम और कोई नहीं है। यह निर्देश कलेक्टर ने जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण की तैयारी के लिये आयोजित बैठक में दिये। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री मनोज सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अंकित अस्थाना, एडीएम श्रीमती बिदिशा मुखर्जी, सभी एसडीएम, तहसीलदार, जिला कमांडेंट होमगार्ड, जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

वर्षामापी यंत्र की जांच करने के निर्देश

कलेक्टर ने बैठक में सभी तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्र में लगे वर्षामापी यंत्रों की जांच एवं उनका मेंटेनेंस कराने के निर्देश दिये हैं, जिससे कि वर्षा के सटीक आंकड़े रिपोर्ट किये जा सकें। उन्होंने कहा कि कई बार वर्षामापी यंत्री की गड़बड़ी के कारण गलत आंकड़े रिपोर्ट हो जाते हैं, इसका विशेष ध्यान रखा जाये।

बैठक में एडीएम श्रीमती बिदिशा मुखर्जी ने जानकारी दी कि जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर लिया गया है। उन्होंने जिले के लिये तैयार की गई बाढ़ नियंत्रण कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण किया।

बैठक में जिले की नगरीय निकायों को निर्देश दिये गये हैं कि वे वर्षा-पूर्व अपने-अपने कस्बे में बाढ़ नियंत्रण समिति का गठन कर लें, राहत स्थलों की पहचान कर लें एवं राहत हेतु कार्य योजना तैयार कर लें। बाढ़ की चेतावनी देने के लिये सूचनाओं का प्रसार एवं सिस्टम बनाने के लिये कहा गया है। इसी के साथ नगरीय निकायों को बारिश के पूर्व नालों की सफाई करने, पेड़ों की छंटाई करने के निर्देश दिये गये हैं। बैठक में परिवहन विभाग को निर्देशित किया गया कि बाढ़ के दौरान आबादी के निष्क्रमण हेतु आवश्यक चारपहिया वाहनों की व्यवस्था की तैयारी रखी जाये। इसी तरह महिला एवं बाल विकास विभाग को चेतावनी प्रणाली में सहयोग करने, राहत स्थल पर महिला व बालकों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। विद्युत विभाग को बारिश के दौरान कंट्रोल रूम का प्रभावी संचालन करने के लिये टीम्स गठित करने के निर्देश दिये गये हैं। गठित की गई टीम्स के सम्पर्क नम्बर सभी को वितरित करने के लिये कहा गया है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा गया है कि वे प्रत्येक ग्राम पंचायत सचिव एवं सरपंच को आपदा की स्थिति होने पर तुरन्त सूचना का आदान प्रदान करने एवं सक्रियतापूर्वक कार्य करने के लिये पाबन्द करें।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित

एक जून से वर्षाकाल एवं बाढ़ तथा अतिवृष्टि से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के निराकरण एवं जनमानस की सुरक्षा के लिये किये जाने वाले उपायों के सम्बन्ध में जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना पुलिस कंट्रोल रूम में की गई है। इसका दूरभाष नम्बर 0734-2513512 है। कंट्रोल रूम के प्रभारी राजस्व निरीक्षक भू-अभिलेख श्री उद्धव देराड़ी होंगे। इनका मोबाइल नम्बर 9926359526 है। इसी तरह उज्जैन नगर निगम के उपायुक्त श्री सुनील शाह (9406801016) को शहरी क्षेत्र के लिये प्रभारी बनाया गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष आगामी 15 जून से प्रतिदिन चौबीस घंटे क्रियाशील होकर आगामी 15 अक्टूबर तक प्रभावशील रहेगा।

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