बालाघाट में बिना लाइसेंस के बिक रहा है धड़ल्ले से धान बीज | Balaghat main bina license ke bik rha hai dhadalle se dhan bij
बालाघाट में बिना लाइसेंस के बिक रहा है धड़ल्ले से धान बीज
जांच के नाम पर भारी वसूली कर रहा कृषि विभाग
बालाघाट (देवेंद्र खरे) - वर्षा ऋतु के प्रारंभ होते ही किसानो ने खेती की ओर अपना रूख करके फसलो की बोनी की तैयारी कर रहे है।
कृषक अच्छे से अच्छे और प्रमाणित बीजो के लिए कृषि केंद्रों पर जा रहे है।
किन्तु जिले में देखा जा रहा है कि जगह-जगह कुकुरमुत्ते की तरह कृषि केंद्र भी दिखाई दे रहे है ।
जो बिना लाइसेंस के संचालित कर शासन को तो धोखा दे ही रहे है वहीं किसानो को भी इनके द्वारा ठगा जा रहा है।
कृषि विभाग की मिलीभगत से आदिवासी क्षेत्र बिरसा ,बैहर एवं परसवाड़ा के साथ-साथ पूरे बालाघाट जिले में तहसील मुख्यालय से लेकर ग्रामीण इलाके तक गली-गली धान बीज की दुकानें बिना लाइसेंस के नियम के विरुद्ध खुल गई हैं। जहां किसानों को दिनदहाड़े चूना लगाया जा रहा है।
कृषि केंद्रों के द्वारा ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए लोकल बीज का विक्रय किया जा रहा है। इन कंपनियों के पास मध्यप्रदेश में विक्रय करने की परमिशन भी नहीं है ।
उसके बावजूद भी कृषि केंद्रों के द्वारा इन बीजों को सर्वोत्तम बता कर बेचा जा रहा है वह भी बिना पक्के बिल के ।
*जो कृषि विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत को दर्शा रहा है ।*
ज्यादा उत्पादन के चक्कर में किसानों के पास से देशी बीज समाप्त हो चुका है। और वह पूर्णता बीज के लिए कृषि केंद्रों पर निर्भर है ।
यदि ऐसे में गुणवत्ता हीन बीज कृषि केंद्रों के माध्यम से बिना पक्के बिल का विक्रय किया जाता है और किसी कारणवश बीज का जर्मी नेशन नहीं होता तो इसकी जिम्मेदारी आखिर किसकी होगी ?
यह एक बहुत गंभीर विषय है किंतु कृषि विभाग और जिला प्रशासन गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है । जिसका दुष्परिणाम यहां के किसानों ने पहले भी भुगत चुका है ।
वैसे तो कृषि विभाग के द्वारा संपूर्ण जिले के लिए जांच दल गठित की गई है ।
किंतु इसके बावजूद भी नियम के विरुद्ध कृषि केंद्रों का संचालन होना कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत को दर्शा रहा है ।
यदि जिले के कृषि केंद्रों की जांच उच्च अधिकारियों से करा दी जाए तो यहां के तमाम भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खुल जाएगी ।
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