चीनी वस्तुओं का रोजाना 15 करोड़ का कारोबार अब शहर करेगा बहिष्कार
*दिल्ली से आए इंजीनियर का टेंपरेचर लेकर डॉक्टरों ने कहा ठीक है घर जाओ बाद में पूरा परिवार संक्रमित*
जबलपुर (संतोष जैन) - स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग की मुहिम तेज हो गई है भारतीय सीमा पर चीन के रवैए के खिलाफ व्यापारियों के साथ उपभोक्ताओं में आक्रोश बढ़ गया है वह अब चीन से आने वाली वस्तुओं का पूरी तरह बहिष्कार करने का मन बना रहे हैं अभी बाजार में चीनी वस्तुएं कम जरूर हुई है लेकिन खत्म नहीं हुई है वर्तमान में अलग-अलग प्रकार की वस्तुएं चीन से यहां आ रही है 35 से 40 फीस दी चीजों में चीनी कंपनियों का दखल है एक अनुमान के अनुसार रोजाना शहर में 10 से ₹15 करोड़ का व्यापार होता है आमतौर पर त्योहारों पर बिकने वाली वस्तुओं में चीनी माल ज्यादा होता है लेकिन सामान्य बाजार में भी ऐसी कई चीजें हैं जिनमें कहीं ना कहीं चीन का ठप्पा लगा होता है चमक-दमक के लिए वहां की चीजें पहचानी जाती है कीमत भी कम होने के कारण लोग इन्हें खरीदते हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता पर हमेशा सवाल खड़ा रहता है मजबूती में कई चीजों में वहां का मार्केट देश की फर्म के आगे नहीं टिकता लेकिन लागत ज्यादा आने के कारण कीमत देसी चीजों की थोड़ी ज्यादा होती है लेकिन अब लोग चीन को सबक सिखाने के लिए वहां की वस्तुओं का उपयोग नहीं करने की कसम खा रहे हैं
*दिल्ली से आए इंजीनियर का टेंपरेचर लेकर कहा ठीक है घर जाओ बाद में पूरा परिवार संक्रमित*
सरकारी अस्पतालों की लापरवाही फिर उजागर हुई है मामला नई दिल्ली से आए 36 वर्षीय इंजीनियर का है विक्टोरिया अस्पताल में उसका उपचार हो रहा है इंजीनियर को दिल्ली से आने के अगले दिन ही बुखार आया वह जांच के लिए मेडिकल कॉलेज क्या दो बार जाने और ट्रैवल हिस्ट्री बताने पर भी डाक्टरों ने जांच के बाद बुखार नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया बुखार बना रहने पर अगले दिन विक्टोरिया गया वहां भी वैसा ही बर्ताव रखा परेशान होकर इंजीनियर ने समाजसेवी से मदद मांगी दोबारा जाने पर विक्टोरिया अस्पताल में नमूने लेकर घर भेज दिया गया करीब 1 सप्ताह बाद रिपोर्ट आई तो वह कोविड-19 पॉजिटिव निकला उसके संपर्क में आकर परिवार की ओर से 7 सदस्य बाद में कोरोना संक्रमित मिले
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