वर्तमान परिस्थितियों में सकारात्मक चिंतन को अपना सुरक्षा कवच बनाएं : राजयोगी राजूभाई
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - ब्रम्हाकुमारीज़ के मुख्यालय माउंट आबू से वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षक ओजस्वी वक्ता ब्रह्माकुमार राजू भाई ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बुरहानपुर सब जोन के अंतर्गत विभिन्न नगरों अंचलों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग पॉच हजार से भी अधिक परिवारो से सीधे उनके मोबाइल स्क्रीन पर संपर्क करते हुए वर्तमान परिस्थितियों में सकारात्मक चिंतन पर अमृत रूपी शीतल धारा प्रवाहित करते हुए कहां कि सकारात्मक चिंतन सतत ईश्वर की याद में रहकर व्यापक जनहित, जनकल्याण, लोकमंगल की शुभभावनाओ एवं शुभकामनाओ से अपने मन बुद्धि और संस्कारों को परिपूर्ण तथा ओतप्रोत करते रहने से उत्पन्न होता है। यह भी जरूरी है कि हमारे मन में किसी के भी प्रति दुर्भावना ईर्ष्या द्वेष भेदभाव से भरे हुए विचार ना आते है। यह एक ऐसी साधना है जो वर्षों के अभ्यास से सिद्ध होती है। सकारात्मक चिंतन में सदैव लीन रहने वाले व्यक्ति के मुख मंडल पर अलौकिक आभामंडल ईश्वरीय कृपा से निर्मित हो जाता है। उनमें ऐसी गुरुत्वाकर्षण शक्ति निर्मित होती है कि सभी उनके सानिध्य में आना चाहते हैं। उनकी वाणी बोल और संकल्प सिद्ध होने लगते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जिन्होंने इस संस्था को विश्व में प्रतिष्ठित किया है उनमें इस विश्वविद्यालय के संस्थापक ब्रह्मा बाबा मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती प्रकाशमणि दादी जानकी दादी रतन मोहिनी दादी हृदय मोहिनी दादी निर्वेर भाई रमेश भाई बृजमोहन भाई एवं अनेकों अनेक ब्रह्मा वत्स सम्मिलित है जिनके प्रयासों से आज सारे विश्व में ब्रह्माकुमारीज़ एक विशाल वटवृक्ष की तरह अपनी उपस्थिति से ईश्वरीय ज्ञान को आधार बनाकर प्रेम सद्भाव एवं सुख शांति की गंगा प्रवाहित कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन में अहंकार और मैं पन की भावना नहीं होना चाहिएं। मान सम्मान को लेकर कोई विवाद शक और शंका विचार या धारणा नहीं पनपना चाहिएं सब को सम्मान देते हुए करन करावनहार एक ही ईश्वर है यह मानना चाहिए। नम्रचित एवं निमित्त भाव से हर कार्य करने से ईश्वरीय मदद मिलती है और सकारात्मक चिंतन को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने इस अवसर पर शांतामणी दादी का उदाहरण देते हुए बताया कि उनका व्यक्तित्व इतना सरल स्नेह प्रेम एवं अपनत्व से पूर्ण था कि हर कोई उनके सानिध्य से सकारात्मक ऊर्जा ग्रहण करता थां इसीलिए हमको हमारे मन को बहुत ही साफ सुथरा रखना चाहिए उसमें किसी भी प्रकार के दूषित विचारों को प्रवेश नहीं करने देना चाहिएं। वर्तमान परिस्थितियों में चिंतन प्रभु चिंतन एवं स्व चिंतन से आप अपने चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनाएं स्वयं की अपने परिवार की समाज की देश की और विश्व के स्वास्थ्य रक्षा के लिए अपने मन में सुंदर सकारात्मक विचार जिसमें सब स्वस्थ हो रहे हैं सभी सुख शांति एवं आनंद से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। सबका जीवन सुचारू रूप से चल रहा है ऐसे विजन को बार.बार अपनी स्मृति में लाएंं । अपने परिवार मित्रों और परिचितों को भी यह संदेश दे कि हम वह भय अनिश्चितता और निराशा के वातावरण के अंधकार से दूर होते हुए उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसी कामनाओं के साथ अपने मन एवं बुद्धि में अच्छे.अच्छे सकारात्मक विचारों का उत्पादन करते रहे। अंत मे ओम शांति के साथ राजू भाई ने अपने विचार प्रवाह को विराम दिया। उल्लेखनीय है कि बुरहानपुर सबजोन के प्रभारी ब्रम्हाकुमारी मंगला दीदी के विशेष आग्रह पर राजू भाई द्वारा संजीवनी स्वरूप विचारों से हजारों भाई बहनों के हृदय रूपी मुरझाए हुए उपवन को फिर से हरे भरे सुगंधित पुष्पों से सुसज्जित कर जीवन में नवऊर्जा एवं उत्साह संचार कर दिया। सभी ने राजू भाई और मंगला दीदी के प्रति आभार व्यक्त किया।
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