बुरहानपुर। (अमर दीवाने) - जिले का स्वास्थ्य विभाग अपने कामो की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहता है। जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में एपीडियोलॉजिस्ट एवं जिला महामारी नियंत्रक के पद पर कार्यरत रविन्द्र राजपूत और आशा कार्यकर्ताओं के बीच झगड़े को लेकर हैं। रविंद्र राजपूत ने शहरी क्षेत्र के आशा ग्रुप में कोरोना पॉज़िटिव संबंधित जानकारी मांगी तो ना मिलने पर कड़क भाषा में सन्देश लिखा। "जिसको घर बैठना है वो बता दे" अन्यथा एक तरफ़ा कार्यवाही के लिये तैयार रहे।
इस पर ग्रुप की कुछ आशा कार्यकर्ताओं को बुरा लगा और बात बढ़ गयी।
मामला भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष तक पहुंचा तो जिला अध्यक्ष दिलीप इंगले ने कहा कि आजकी परीस्थिति में अनेक असुविधा के बीच जिस हिम्मत के साथ यह सभी लोग 44 डिग्री तापमान में दिन भर घूम कर जिम्मेदारी से कार्य कर रही हैं वहाँ अच्छे-अच्छे लोगों की हिम्मत जबाब दे रही है। जिस साहस के साथ ये काम कर रही हैं उन्हें उत्साहित करना चाहिए। इनका मनोबल गिरना ठीक नहीं है वह भी व्हाट्सएप ग्रुप में।
में इसप्रकार के ग्रुप मेसेज की निंदा करता हूँ।
फिर सभी आशा कार्यकर्ताओं ने आपस मे निर्णय लिया कि 26 मई को 12 बजे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के ऑफिस के बाहर कालीपट्टी बांधकर जब तक विरोध करना है, जब तक कि रविंद्र राजपूत माफ़ी ना मांगे।
लगभग 40 से 45 आशा कार्यकर्ताओं ने मिलकर इस सम्बंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रमसिंह वर्मा को शिकायत सम्बंधित ज्ञापन सौंपा और कार्यवाही की मांग की जिस पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने ज्ञापन लेकर शीघ्र ही उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया तभी मामला शांत हो पाया।
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| जिले में कोरोना संक्रमण महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग में आपसी कलह का मामला| swsthy vibhag me aapsi kalah |
इस पर ग्रुप की कुछ आशा कार्यकर्ताओं को बुरा लगा और बात बढ़ गयी।
मामला भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष तक पहुंचा तो जिला अध्यक्ष दिलीप इंगले ने कहा कि आजकी परीस्थिति में अनेक असुविधा के बीच जिस हिम्मत के साथ यह सभी लोग 44 डिग्री तापमान में दिन भर घूम कर जिम्मेदारी से कार्य कर रही हैं वहाँ अच्छे-अच्छे लोगों की हिम्मत जबाब दे रही है। जिस साहस के साथ ये काम कर रही हैं उन्हें उत्साहित करना चाहिए। इनका मनोबल गिरना ठीक नहीं है वह भी व्हाट्सएप ग्रुप में।
में इसप्रकार के ग्रुप मेसेज की निंदा करता हूँ।
फिर सभी आशा कार्यकर्ताओं ने आपस मे निर्णय लिया कि 26 मई को 12 बजे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के ऑफिस के बाहर कालीपट्टी बांधकर जब तक विरोध करना है, जब तक कि रविंद्र राजपूत माफ़ी ना मांगे।
लगभग 40 से 45 आशा कार्यकर्ताओं ने मिलकर इस सम्बंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रमसिंह वर्मा को शिकायत सम्बंधित ज्ञापन सौंपा और कार्यवाही की मांग की जिस पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने ज्ञापन लेकर शीघ्र ही उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया तभी मामला शांत हो पाया।
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