स्थाई बेरिकेट्स के चलते शहरी ओर ग्रामीणजनों को उठानी पड़ रही है भारी परेशानी
व्यापारियों के लिए अभिशाप बन रहे है बेरिकेट्स
अलीराजपुर। (रफीक क़ुरैशी) - इन दिनों देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, जिसके चलते जिलेभर में लॉक डाउन 04 का दौर चल रहा है। हालांकि जिला प्रशासन ने जिलेभर में सुबह 07 बजे से लेकर शाम 05 बजे तक दुकानें ओर बाजार खुलने की छूट दी है। इधर नगर के विभिन्न मार्गो ओर गलियो में प्रशासन द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए बेरिकेट्स शहरी ओर ग्रामीणजनों के आवागमन के लिए परेशानी का सबब ओर जनचर्चा का विषय बना हुआ है..? वही दूसरी ओर नगर में लगाए गए बेरिकेट्स दुकानदार ओर व्यापारियों के लिए अभिशाप बनता जा रहा है।
*गली-कूचों में लगाए गए बेरिकेट्स का आखिर क्या औचित्य*
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण के बचाव और सुरक्षा को लेकर विगत दो माह से जिला मुख्यालय के प्रमुख चौराहों ओर मुख्य मार्गो पर बेरिकेट्स लगाकर सीमाएं सील कर दी गई थी। जिससे बीमारी को रोकने में काफी हद तक सफलताएं भी मिली। गौरतलब है कि शासन-प्रशासन की जारी गाइडलाइन का परिपालन कर आमजनता ओर व्यापारियों ने समर्थन किया है। वही विगत दिनों कलेक्टर सुरभि गुप्ता ने संकट प्रबंधन समिति की बैठक में तय हुवे एजेंडे अनुसार जिलेभर में सुबह 07 बजे से लेकर शाम 05 बजे तक दुकानों को छूट प्रदान की गई। अब प्रश्न यह उठता है कि जब प्रशासन ने सुबह से लेकर शाम पांच बजे तक दुकान ओर बाजार खोल दिये है तो इन मार्गो ओर गली-कूचों में लगाए गए बेरिकेट्स का आखिर क्या औचित्य है..? इन बेरिकेट्स के स्थाई लगने से नगर के कुछ मार्गो ओर गलियो के दुकानदार ओर व्यापारियों के लिए यह अभिशाप बन गए है। वजह यह कि जब स्थाई बेरिकेट्स जमे रहेंगे तो ग्राहक उन तक कैसे पहुचेगा। फिर उक्त दुकानदार अपना व्यापार कैसे करेंगे। वही ग्राहकों को घूम फिरकर इन तक पहुचना भी कठिन लग रहा है। नगर के मुर्गी बाजार, बस स्टैंड तिलक मार्ग, सिनेमा चोराहा-हाट गली, सोरवा नाका चौराहा, सुभाष मार्ग गली, बहारपूरा क्षेत्र की कुछ गलियां, पुरानी नगरपालिका वाली गली, पुराना छोटा अस्पताल, जामा मस्जिद मार्ग गली सहित कुछ अन्य गलियो में बेरिकेट्स अभी तक जमे हुवे है। जिसके चलते नागरिकों को आने-जाने के लिए बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। यानी लोगो को 500 मीटर की दूरी तक पहुंचने के लिए 1500 मीटर घूम फिरकर की दूरी तय करना उनकी मजबूरी बन गई है। यानी उनको गतंव्य स्थान पर जाने के लिए लम्बी दूरी तय करना पड़ रही है। वजह ओर सबब वही बेरिकेट्स ही है। हद तो जब हो जाती है किसी ग्रामीण को कृषि यंत्र सुधराना हो तो वह मोटर को हाथों में उठाकर घूम फिर कर गतंव्य स्थान पर पहुंचना पड़ रहा है। यही हाल नगरवासियों का भी है, उनका घर पास में है मगर उन्हें लम्बी दूरी तय कर घूम फिरकर घर जाना पड़ रहा है। दुपहिया वाहन तो ठीक पैदल निकलने के लिए भी नागरिकों को बड़ी मशक्कत करना पड़ती है। जैसे तैसे बेरिकेट्स पार कर निकलना पड़ रहा है । इतना सब होने के बावजूद प्रशासन ने गली-कूचों के अभी तक बेरिकेट्स हटाने की जरूरत नही समझी। इस प्रतिनिधि को कुछ दुकानदारो ने बताया कि इस तरह से लगे बेरिकेट्स से हमारे रोजगार प्रभावित हो रहे है ओर कारोबार ठप सा पड़ गया है। बेरिकेट्स के चलते ग्राहक हम दूकानदारो तक पहुंच नही पा रहा है। बहरहाल नगरवासियों ओर व्यापारियों ने जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों से नगर के प्रमुख चोराहो को छोड़कर गली-कूचों में लगे बेरिकेट्स हटाने की मांग की है। जिससे शहरी ओर ग्रामीणजनों को आवागमन के लिए राहत मिल सके।
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