किसान प्याज के आंसू रो रहा है सरकार शराब की दुकाने खोलने मे मस्त है - विजय चौधरी
पीथमपुर (प्रदीप द्विवेदी) - ग्राम खंडवा और आसपास के कई गांव मैं प्याज की खेती की जाती हैं ,देखा जाए तो इस बार प्याज की खेती एवं किसानों ने जिस तरह से मेहनत की है वह सराहनीय है ।लेकिन किसान को मेहनत का फल ना मिले , तो मेहनत किस काम की , प्याज की खेती तो की है लेकिन जो दाम मिलना था, वह भी नहीं मिल रहा है। प्याज की खेती में जो खर्च आता है एक बीघा का खर्चा ₹30000 रुपए आता है एक बीघे में से 200 कट्टे निकलते हैं लेकिन व्यापारी ₹5 से 6 रुपया किलो प्याज के दाम लगा रहे हैं। किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहा है ।कहां गई सरकार, किसानों का कहना है सरकार ने शराब की दुकानें खोल दी, लेकिन किसानों के लिए कुछ नहीं सोचा ।ग्राम खंडवा के विजय चौधरी ने बताया किसानों का दूध नहीं लिया जा रहा है, हरी सब्जियां फेंकी जा रही है ,खेतों में प्याज सड़ रही हैं ।किसान मौन है । व्यापारी किसान की फसल का फायदा उठा रहे हैं। गेहूं ₹2000 कुंटल बिकने का था। व्यापारी 1600 ले रहे हैं। सोसाइटी में 4 से 5 दिन में नंबर आ रहा है। पिछले वर्ष प्याज 12 से ₹15 किलो में बिक रहा था ।किसानों के पास प्याज रखने की जगह नहीं है क्योंकि गर्मी बहुत पड़ रही है इस वजह से प्याज सड़ जाता है ।क्या यह सब किसानों के साथ ही होने का था।
किसान विजय चौधरी का कहना है सरकार जल्द से जल्द इसका निराकरण करें एवं किसानों की फसलों का सही दाम मिले इस तरह की रणनीति बनाएं ताकि हमारे देश का किसान खुश रहे किसान देश का अभिन्न अंग है किसान देश की पहली प्राथमिकता बनती है
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