जमाती यू को शरण देने के आरोपियों को रिलीफ फंड में जमा नहीं करनी होगी रकम, हाई कोर्ट का निर्देश
जबलपुर (संतोष जैन) - Covid 19 संक्रमण को फैलाने में मददगार विदेशी जमातियों को शरण देने के आरोपियों की जमानत के लिए ₹25000 कुरौना राहत फंड में जमा करने की शर्त को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गैरकानूनी बताया जस्टिस अजय पाल की सिंगल बेंच ने आरोपियों की अर्जी मंजूर कर शर्त रद्द कर दी अभियोजन के अनुसार इस्लाम पुरा भोपाल की ईदा सेट मस्जिद के मौलवी हाफिज मोहम्मद हसीन व एक अन्य मस्जिद कर्मी के यह जानते हुए भी कि देश में कोरो ना संक्रमण का कहर जारी है कजाकिस्तान किर्गिस्तान व अजैविक उज्बेकिस्तान से आए हुए विदेशी पर्यटकों को मस्जिद में धार्मिक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया यह सभी पर्यटक वीजा पर भारत आए और यहां भी बीजा का दुरुपयोग कर धार्मिक आयोजन में शिरकत की इतना ही नहीं उन्होंने यहां ठहराया भी गया जबकि केंद्र सरकार ने इस संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी कर ऐसे आयोजनों पर रोक लगा दी थी सूचना पर 28 अप्रैल को भोपाल की तलैया थाना पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर थाना 188a 269a 270 वां राष्ट्रीय आपदा अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया
रिटायरमेंट की उम्र तय करने से नहीं होता कर्मी का वर्गीकरण हाईकोर्ट ने कहां
मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के कर्मी कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति की आयु तक कर्मचारी का वर्गीकरण करना नहीं कहा जा सकता जस्टिस विशाल भगत की सिंगल बेंच ने मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के कर्मी की याचिका निरस्त कर दी है
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