दो महीने सतत चली अंतर राष्ट्रीय काव्यगोष्ठी धामनोद के भी कवि शामिल| do mahine satat chali antar rastriye kavygosti dhamnod ke bhi kavi samil


धामनोद - काव्यप्रेमियों की महफि़ल द्वारा 23 मार्च से सतत दो महीने अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया है जिसमे काव्यप्रेमियों की महफि़ल समूह के संस्थापक कैलाश सिंघल के कुशल संयोजन में दो माह काव्यगोष्ठी चली, अप्रतिम प्रस्तुतियां साहित्यकारों द्वारा दी गईं ।


दो महीने सतत चली अंतर राष्ट्रीय काव्यगोष्ठी  धामनोद के भी कवि शामिल| do mahine satat chali antar rastriye kavygosti dhamnod ke bhi kavi samil
दो महीने सतत चली अंतर राष्ट्रीय काव्यगोष्ठी  धामनोद के भी कवि शामिल| do mahine satat chali antar rastriye kavygosti dhamnod ke bhi kavi samil

 साहित्यकारों का उत्साह देखते ही बनता था। प्रतिदिन लगभग 20 कवि कवियित्री द्वारा अपना काव्य पाठ ऑडियो या वीडियो के माध्यम से किया गया। समूह की प्रवक्ता रागिनी शर्मा स्वर्णकार इन्दौर ने बताया कि इस गोष्ठी में  एस एन गोयल सी.ए. इंदौर, हेमन्त बोर्डिया धामनोद, जयकृष्ण चांडक हरदा, डॉ.रविन्द्र बंसल उज्जैन, शीतल खण्डेलवाल सी.ए. इंदौर, नमिता राकेश दिल्लीसन्ध्या राय चौधरी इन्दौररश्मि शर्मा इंदु जयपुर, रमा टेकोम बालाघाट, वन्दना दुबे धार,सुषमा दुबे इंदौर, गोपाल अग्रवाल महू, मधु सर्राफ धामनोद, विजय शर्मा खलघाट, नवीन नाहर देवास, शैलेन्द्र दवे धामनोद, प्रमोद सनाढ्य नाथद्वारा, सूर्य प्रकाश दीक्षित राजसमन्दपुरषोत्तम शाकद्वीपी उदयपुर, गुरिन्दर गिल मलेशिया, अपर्णा तिवारी, मोना ठाकुर इन्दौर, जितेंद्र राज इंदौर, हेमलता शर्मा भोली बैन इंदौर, रश्मि चौधरी इंदौर, वर्षा कोष्ठा मुंबई, डॉ. प्रखर फर्रूखाबाद, राम शर्मा परिंदा मनावर, ज्योति विश्वकर्मा सागर, नीलम मलकानिया दिल्ली आदि रचनाकार अपनी काव्य रचनाएं प्रस्तुत करते ही हैं, साथ ही प्रतिदिन मुख्य अतिथि के रूप में हिन्दी काव्य मंचों के जाने माने प्रसिद्ध कवियों ने अपनी रचनाओं से आनंदित कर समूह के मित्रों का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन किया। डॉ. सीता सागर लखनऊ, डॉ. विष्णु सक्सेना अलीगढ़, डॉ. अनु सपन भोपाल, अशोक भाटी, रमेश शर्मा चित्तौडग़ढ़, डॉ. कीर्ति कालेजी दिल्ली मदन मोहन समर ने ऑनलाइन आयोजित काव्य गोष्ठी की प्रशंसा कर अपनी प्रतिनिधि रचनाओं से सभी काव्यप्रेमियों को काव्य रस का पान कराया। दो महीने चली इस काव्यगोष्ठी का समापन 20 मई 2020 को कवि अनेक आवाज एक कार्यक्रम के द्वारा बहुत ही मधुर, अप्रतिम तरीके से किया गया। प्रसिद्ध कवियों की लोकप्रिय रचनाओ का पाठ कैलाश सिंघल  द्वारा सृजनकार के ही लहजे में प्रस्तुत कर महफि़ल में काव्यसुधा, स्वर लहरियों की गूंज और आनन्द वर्षण के द्वारा अविस्मरणीय समापन रहा। दो महीने चली इस काव्यगोष्ठी का संचालन रागिनी स्वर्णकर शर्मा इंदौर द्वारा एवम कैलाश सिंघल धामनोद द्वारा किया गया। संयोजक हेमन्त बोर्डिया ने सभी का आभार अभिव्यक्त किया

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