40 से अधिक मजदूरों का जत्था खुद के खर्चे पर गुजरात से मध्यप्रदेश कि बॉर्डर पर पहुंचे
मनावर (पवन प्रजापत) - पूरे भारत में लाकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों को अपने प्रदेश में लाने का काम शुरू हो चुका है, हर प्रदेश की सरकार अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को घर वापसी के लिए कड़े कदम उठा रही है। ऐसे में गुजरात सरकार की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसमें बड़े बच्चों सहित 40 से अधिक मजदूर खुद के खर्चे पर मोरबी गुजरात से पिटोल बॉर्डर मध्य प्रदेश पहुंचे। जहां पर उनका चेकअप हुआ तथा मध्य प्रदेश सरकार द्वारा की गई व्यवस्था (बसों) से वह विधानसभा मनावर पहुचाया गया। प्रवासी मजदूरों में विकास उजले ने बताया कि गुजरात में बहुत बुरी हालत में रह रहे थे, जिसके चलते 1 महीने से गुजरात सरकार से मध्यप्रदेश जाने की गुहार लगा रहे थे, परंतु कोई सहायता प्राप्त नहीं हुई। जिसके बाद उन्हें कोई हल नहीं दिखाई दे रहा था बमुश्किल अपने खर्च पर वह मध्य प्रदेश की बॉर्डर तक पहुंचे। मजदूरों ने बताया कि उन्हें रोज आश्वासन दिया जा रहा था लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था, नहीं कुछ खाने पीने की व्यवस्था की जा रही थी ऐसे में सरकार के बड़े-बड़े वादे खाली और खोखले नजर आ रहे हैं। मजदूरों के हित में आवाज उठाने वाले जयस के राष्ट्रीय संरक्षक विधायक डॉ हीरालाल अलावा लगातार मजदूरों के लिए सरकार को पत्र लिख मजदूरों के लिए सहायता मांग रहे हैं परंतु धीमी गति से कार्य कर रही सरकार भूखे प्यासे रह रहे मजदूरों पर तरस न खाते हुए उन्हें मरने की कगार पर छोड़ दिया है।
लोक जन कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष सुनील स्टार ने बताया कि विधायक हीरालाल अलावा के निर्देशानुसार सभी प्रवासी मजदूरों का चेकअप कराने उन्हें यहां लाया जाता है और गुजरात में मजदूरों के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया जा रहा था ना ही उनकी गुजरात में सुनवाई हुई न ही उन्हें खाने-पीने कोई व्यवस्था की गई ऐसे में मजदूर कुछ दिन और वहां रहते तो मरने की कगार पर पहुंच जाते। हाल फिलहाल 40 से अधिक मजदूरों को मनावर हॉस्पिटल में चेकअप के लिए लाया गया है, जहां उन्होंने अपनी आपबीती बताई। ड्यूटी पर स्टाफ नर्स निंद्रा मिश्रा ने बताया कि सभी प्रवासी बहुत ही तकलीफ की हालत में यहां आए है, उनकी सम्पूर्ण जांच की जा रही है तथा उन्हें होम कवारेंटाइन में रहने व मास्क पहनकर रखने की सलाह भी दी गई हैं।
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