साडे 11 लाख मजदूर लौटे, दो लाख आएंगे इन्हें काम देना बड़ी चुनौती
भोपाल (संतोष जैन) - कोरोना से जन जीवन प्रभावित मनरेगा के अलावा रोजगार के दूसरे विकल्प नहीं
दवा मनरेगा में अभी 14:30 लाख- को काम
सियासी गणित में फायदेमंद
लांग डाउन के कारण अलग-अलग राज्यों से मजदूरों का लौटना जारी है अब तक 11:30 लाख से ज्यादा मजबूर मध्य प्रदेश लौट आए हैं 200000 मजदूर अभी भी प्रदेश की सीमा पर बसे हुए हैं उन्हें भी अपने गांव लौटने का इंतजार है इन सबके बीच प्रदेश सरकार की सबसे बड़ी चुनौती अपना काम धंधा छोड़ कर लौटे इन मजदूरों को रोजगार देने की है विशेषज्ञों के अनुसार यदि सरकार इन मेन पावर को प्रदेश में रोक लेती है तो यह विकास में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं वहीं इन्हें काम नहीं मिला तो समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है सरकार का दावा है कि अभी 14:30 लाख मजदूर मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं लेकिन इनमें ज्यादातर पहले सिर्फ मध्यप्रदेश में ही रहने वाले मजदूर हैं वजह यह है कि नहीं लौटे सभी मजदूरों को अभी जॉब कार्ड नहीं मिले हैं हालांकि वापस लौटने वाले कुछ मजदूरों को जरूर मनरेगा में काम दिया गया है बेरोजगारी का संकट 11 दशमलव 78 मजदूरों को काम देने सरकार लोक निर्माण जल संसाधन पीएचई सहित अन्य विभागों में जल परियोजना और निर्माण कार्य शुरू कर रही है सरकार फिलहाल इन मजदूरों को ब्राइड नहीं कर पाई है कि कौन से मजबूर किस कास्ट के हैं और किस प्रकार की औद्योगिक गतिविधियों के लिए मुफीद रहेंगे।
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