लॉकडाउन में प्रतिबंधित गुडाखू अधिक दाम पर बाजार में खुलेआम बिक रही | Lock down main ptaibandhit gudakhu adhik daam pr bajar main khuleaam

लॉकडाउन में प्रतिबंधित गुडाखू अधिक दाम पर बाजार में खुलेआम बिक रही

डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - जिला डिंडौरी के विकासखंड करंजिया अंतर्गत कस्बा गोरखपुर सहित अंचल के करंजिया मोहतरा, रुसा, झनकी, गोपालपुर समेत अन्य गांवों के बाजार में प्रतिबंधित गुडाखू, पान मसाला लॉकडाउन अवधि में शासन प्रशासन के नियमों का उल्लंघन करते हुए खुलेआम बेचा जा रहा है। बताया गया कि इन वस्तुओं को खुलेआम बेचा ही नहीं जा रहा बल्कि इन के दाम कई गुना तक बढ़ा दिए गए हैं। इसके आद भी लोग लत के कारण बढ़े हुए दाम पर इन नशीली वस्तुओं को खरीदने मजबूर हैं। जानकारों की मानें तो प्रदेश में गुटखा व पान मसाला की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे ग्राहकों को चोरी छिपे बिक्री कर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा हैं। विकासखंड के गांव कस्बा में लाकॅडाउन के बाद से अभी तक दुकानदारों पर संबंधित विभाग द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने से सवाल खड़े हो रहे हैं।

गुडाखू के रेट आसमान पर

उल्लेख है कि जब से लॉकडाउन हुआ है तभी से गुडाखू के शौकीनों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग इसका इस्तेमाल बड़े चाव से करते हैं। लॉकडाउन अवधि में दूसरे शहर से इस उत्पाद के नहीं आने के कारण दुकानदार मुंहमांगी कीमत पर इसे बेच रहें हैं। कस्बा के एक युवक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गुडाखू के छोटी बड़ी डिब्बी की कीमत 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक हो गई है, फिर भी लोग इसे खरीद रहे हैं। जबकि सामान्य दिनों में यही गुड़ाखू आसानी से तीन रुपये में मिल जाती थी। इसी तरह फार्म के अंडे की भी कीमत बढ़ा दी गई है। 5 रुपये में बिकने वाले अंडे का भाव इन दिनों 10 रुपये कर दिया गया हैं। गुटखा राजश्री के भी यही स्थिति है। 10 वाली 15 तो 20 वाली राजश्री 30 रुपये में धड़ल्ले से बिक रही है। क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कोरोना वायरस से बनी स्थिति में जिन दुकानदारों ने मौके का फायदा उठाकर सामग्रियों के दाम बढ़ा दिए हैं उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए 

ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग

लोगों का कहना है कि लॉकडाउन अवधि में शासन प्रशासन ने जिन वस्तुओं को प्रतिबंधित किया है वे कैसे बाजार पहुंच रहीं हैं। बताया गया कि किसी भी किराना दुकान में पान गुटखा नहीं रहता है, लेकिन ज्यादा कीमत देने पर वह तुरंत उपलब्ध हो जाता है। हालात यह है कि पान मसाला की कालाबाजारी रोकना प्रशासन की प्राथमिकता में नहीं होने के कारण ग्राहकों को इसे तीन से चार गुना अधिक कीमतों पर बेचा जा रहा है। क्षेत्र के लोगों द्वारा संभावना आशंका जताई जा रही हैं कि जैसे जैसे दिन बीतेंगे, वैसे वैसे पान मसाला की कीमतें और बढ़ सकती हैं, जबकि प्रशासन की नजर फिलहाल इस व्यापार पर नहीं हैं। इसके कारण खुलेआम कालाबाजारी चल रही हैं। कस्बा के बुद्घजीवी वर्ग ने जिला प्रशासन से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

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