पर्यावरण सहेजने की दिशा में इको फ्रेंडली होलीका दहन नवाचार - समाजसेवी सुरेश चंद पूरणमल जैन
मेघनगर (जिया उल हक कादरी) - होली के मौके पर हरे-भरे पेड़ों को बचाने और शहर के वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए रोटरी क्लब अपना की पहल पर मेघनगर बड़ा गणपति कान्हा ग्रुप ने इको फ्रेंडली कण्डे की होलिका दहन करके पर्यावरण सहेजने की दिशा में नवाचार का संदेश दिया। मेघनगर शहर की ह्रदय स्थली दशहरा मैदान पर इको फ्रेंडली होलिका का दहन किया गया। जिसमें गाय के गोबर से तैयार गौ-काष्ठ और कंडों का इस्तेमाल किया गया। पर्यावरण शुद्धि की दिशा में होलिका दहन की पूजा में कई परिवारों ने लोंग इलाइची एवं कपूर लेकर भी इको-फ्रैंडली तरीके से होलिका दहन आयोजन में जुटे हैं। एक होलिका दहन में कम से कम 6 से 10 कविंटल लकड़ी स्वाहा हो जाती है.. इस बार इको फ्रेंडली होलिका दहन की अनूठी पहल में कंडे का इस्तेमाल किया गया। जिससे प्रत्येक एक होली में एक पेड़ को बचाने की कवायद की गई। होलिका दहन एवं इको फ्रेंडली होली को देखने के लिए दूर-दूर से कई महिलाएं एवं पुरुष भी शामिल हुए। महिलाओं ने भी होली के चारों ओर परिक्रमा कर अपनी बुराइयों को होलीका में दहन किया। इको फ्रेंडली होलिका दहन करने के लिए विशेष रूप से प्रादेशिक समाजसेवी सुरेश चंद पूरणमल जेन दशहरा मैदान पहुंचे।जहां उन्होंने पूर्ण विधि-विधान से होलिका का दहन किया एवं इस दौरान रोटरी क्लब अपना पप्पू भैया मित्र मंडल कान्हा ग्रुप द्वारा एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की शुभकामना दी गई।इस दौरान थाना प्रभारी मेघनगर कौशल्या चौहान शौर्य भारती महिला संस्था से आरती भानपुरिया रोटेरियन माया शर्मा योग्यता प्रजापत श्रीमती सिंघल द्वारा इको फ्रेंडली होली का दहन के लिए कान्हा ग्रुप को रोटरी अलंकरण से सम्मानित किया गया।होलीका दहन कार्यक्रम में समाजसेवी सुरेश चंद पूरणमल जैन रोटरी क्लब अपना के असिस्टेंट गवर्नर भरत मिस्त्री उद्योगपति जयंत सिंघल रोटरी क्लब अपना अध्यक्ष महेश प्रजापति राजेश भंडारी हितेश पडियार वार्ड पार्षद कवि निसार पठान आनंदीलाल पडियार बड़े गजानंद कान्हा ग्रुप नरेश बारोट ललन डामोर अर्जुन डामोर अजय भूरिया प्रांजल शर्मा विजय भूरिया काजू भाई सुमित डामोर रितिक डामोर रितेश सोलंकी गोलू सोलंकी उदित शर्मा राहुल बारोट महेंद् बारोट भाविक बारोट समीर हितेश धूमिल कार्तिक सचिन प्रेम अंकित पंकज सहित नगर के गणमान्य नागरिक माता बहने श्रद्धालु एवं मीडिया पत्रकार साथी उपस्थित रहे।इस इको फ्रेंडली होली आयोजन की सराहना जगह-जगह की जा रही है।
*इको फ्रेंडली कंडे से बनी होलीका दहन के फायदे*
होली दहन में 6 से 10 क्विंटल लकड़ी लगती है।जिससे एक पेड़ को स्वाहा हो जाता है। उस पेड़ को बचाना की कवायद। इको फ्रेंडली होली में कंडे की वजह से वातावरण की शुद्धि होती है क्योंकि कंडों में पूजा की सामग्री एवं गोमूत्र के गोबर का इस्तेमाल होता है जो हिंदू संस्कृति के लिए पवित्र माना गया है।इस पहल को देखने के लिए कई परिवार एकत्रित होंगे जिसको पर्यावरण सहेजने की दिशा में विशेष मैसेज जाएगा। एवं सामूहिक होली दहन में रंग गुलाल लगाकर होली आयोजित होगी।वायु प्रदूषण से मुक्ति,होलिका दहन में कम खर्च में बेहतर उत्सव।होलिका दहन के दौरान कपुर व छोटी ईयची होली डाली जाती है जिससे रोग मुक्त वातावरण बना रहता है।
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