लावारिस की तरह चल रहा जिला चिकित्सालय, अव्यवस्थाओं ने पैर पसारे | Lawaris ki tarha chal rha jila chikitsalay

लावारिस की तरह चल रहा जिला चिकित्सालय, अव्यवस्थाओं ने पैर पसारे

स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जवाब देने से कतरा रहे 

लावारिस की तरह चल रहा जिला चिकित्सालय, अव्यवस्थाओं ने पैर पसारे

झाबुआ (मनीष कुमट) - जिला मुख्यालय झाबुआ पर स्थित जिला चिकित्सालय की दिन-प्रतिदिन लचर सी स्थिति हो चली है, जिसका कारण यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की घोर लापरवाही है। जिससे अस्पताल निरंतर अव्यवस्थाओं एवं समस्याओं से पटता जा रहा है। उधर इस संबंध में जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मोबाईल पर संपर्क करने पर वे जवाब देने से कतराते नजर आते है।
  
ज्ञातव्य रहे कि जिला चिकित्सालय झाबुआ को पूर्व में आईएसओ का तमगा (दर्जा) प्राप्त हो चुका है, लेकिन बावजूद उक्त स्तर की सुविधाओं का पूर्व के साथ आज भी अभाव बना हुआ है। जिसके कारण अस्पताल में जिलेभर से आने वाले रोगियों और उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पडता है। सबसे अधिक परेषानी ग्रामीण क्षेत्रांे से आने वाले महिला-पुरूष, युवा एवं बच्चों को होती है। 

लावारिस की तरह चल रहा जिला चिकित्सालय, अव्यवस्थाओं ने पैर पसारे

परिसर में पार्किंग की व्यवस्था लचर

मुख्य समस्या यहां यातायात पार्किंग की भी है। पार्किंग व्यवस्था सहीं नहीं होने से जहां‘-तहां एवं अव्यवस्थित तरीके से दो पहिया वाहन चालक अपने वाहन खड़े कर देते है। जिससे चिकितसालय में इमरजेंसी वाहन 108 एंबुलेंस, जननी सुरक्षा के वाहन के अतिरिक्त मरीजों को लेकर आने वाले अन्य तीन एवं चार पहिया वाहन को चालकों को भी काफी दिक्कते आती है।

पसरा रहता है कूड़ा-कचरा

सफाई कर्मचारियों द्वारा चिकित्सालय के अंदर तो सफाई कार्य करवाया जाता है, लेकिन परिसर में हमेषा कूड़ा-कचरा पसरा देखा जाता है। चिकित्सालय के मेन गेट से प्रवेष मार्ग पर लगी नाली की जाली काफी चैड़ी होने से यहां 29 फरवरी, शनिवार शाम जाली में एक मवेषी का पैर फंस गया, जिसे स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य लोगों की मद्द से जैसे-तैसे मषक्कत कर गाय का पैर बाहर निकाला गया।  जिला चिकित्सालय परिसर में अक्सर आमाजिक तत्व भी बैठे रहने से कोई घटना होने की प्रबल संभावना बनी रहती है।

लावारिस की तरह चल रहा जिला चिकित्सालय, अव्यवस्थाओं ने पैर पसारे

काउंटर पर नहीं बैठे रहते है कर्मचारी 

जिला चिकित्सालय के बाहर बने पंजीयन केंद्र एवं निःषुल्क दवाई औषधि वितरण केंद्र पर अक्सर कर्मचारियों के नदारत रहने से रोगियों एवं उनके परिजनों को कतार में खड़े रहकर परेषान होते देखा जा सकता है। यहां पदस्थ कर्मचारी इधर-उधर घूमते रहने के साथ ही वे अपने कार्य के प्रति भी अत्यधिक लापरवाह होने के साथ निःषुल्क दवाई वितरण केंद्र पर कई प्रकार की गोली-दवाईयों का भी इन दिनों अभाव होने से गरीब तबके के आने वाले मरीजों के परिजनों को ऐसी दवाईयां बाहर मेडिकल दुकानांे से पैसे देकर खरीदने को मजबूर होना पड़ता है। 

गर्मी में आएगी पेयजल की समस्या

जिला चिकित्सालय में सबसे अधिक परेषानी रोगियों और उनके परिजनों को गर्मी के सीजन में होगी, अभी ही रोगियों के परिजन बोतल, बर्तन एवं महिलाएं मटके लेकर बाहर से हैंडपंपों और होटलों से पानी भरकर लाते दिखाई पड़ती है, तो गर्मी में पानी की आवष्यकता अधिक पड़ने पर जिला चिकित्सालय में ऐसे में पेयजल के पर्याप्त इंतजाम नहंी होने से हाहाकार मचना एवं अटेंडरों का अत्यधिक परेषान होना स्वभाविक है। एक्स-रे एवं सोनाग्राफी कक्ष में अक्सर कर्मचारी नहीं होने में इन कार्यों के लिए आने वाले लोग परेषान होते रहते है। जिला चिकित्सालय में लापरवाही एवं अव्यवस्थाआंे का बोलबाला ... का अगला एपिसोड अगली खबर में अवष्य पढ़े ..... !

जवाबदारों का कहना 

- इस संबंध में जानकारी के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बीएस बारिया से उनके मोबाईल पर संपर्क करने पर उन्होंने मोबाईल रिसीव नहीं किया।

- वहीं जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डाॅ. आरएस प्रभाकर ने ‘मैं दिखवाता हूॅ’’ केवल इतना कहकर फोन काट दिया।

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