कोरोना के प्रति गंभीर नही स्वास्थ विभाग, कर्मचारी बिना मास्क के कर रहे ड्यूटी | Corona ke prati gambhir nhi swasthy vibhag

कोरोना के प्रति गंभीर नही स्वास्थ विभाग, कर्मचारी बिना मास्क के कर रहे ड्यूटी

1 साल से प्रभारी बी एम ओ के भरोसे सामुदायिक स्वास्थ केंद्र

कोरोना के प्रति गंभीर नही स्वास्थ विभाग, कर्मचारी बिना मास्क के कर रहे ड्यूटी

आमला (रोहित दुबे) - कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने प्रशासन हर तरह के व्यापक प्रचार प्रसार कर लोगो को जागरूक कर रहा है वही प्रशासन का महत्वपूर्ण विभाग सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के स्टाफ पिछले कई दिनों से  बिना मास्क ही  के ड्यूटी करने को मजबूर है ।यहा लेबोटरी स्टाफ की बात हो या कार्यालय के कर्मचारियों की सभी बिना मास्क ही नजर आ रहे है।प्रसूताओं को लाने वाले वाहन चालक या मोबिलिटी ,आ बी एस के वाहनों के ड्राइवर भी बिना मास्क के वाहन चला रहे है। ऐसे में जागरूक नागरिको का कहना है जब अस्पताल में ही लापरवाही है तो आम लोग क्यो मास्क उपयोग करेंगे।पिछले एक साल से अस्पताल प्रभारी बी एम ओ के भरोसे है ,कई बार अस्पताल में मरीजो से अभद्रता और अनेक मामले प्रकाश में आ चुके है ।वही दूसरी तरफ अब अस्पताल में एम बी बी एस एक ही चिकित्सक है यहा पदस्थ दो एम बी बी एस जिनमे एक महिला चिकिस्तक जा चुके है इनके जाने के पीछे भी कई तरह की चर्चाएं आम हुई ।बोरदेही ,मोरखा भी बिना एम बी बी एस डॉक्टर के चल रहे है ।अधिकत्तर मरीजो के उपचार के मामलों में जिला चिकित्सालय रैफर कर ओपचारिकता निभा दी जाती  है ।कोरोना वायरस का नाम देश हो या विदेश बच्चे से लेकर युवा बूढ़े तक इस नाम से ख़ौफ़ज़दा है ।दुनिया भर में अब तक 7,894 मौते हो चुकी है ।

कोरोना के प्रति गंभीर नही स्वास्थ विभाग, कर्मचारी बिना मास्क के कर रहे ड्यूटी

प्रदेश हो या जिला हर जगह कोरोना को लेकर  एहतियात बरतने के लिए लोगो को पल पल पर किसी भी माध्यम से जागरूक किया जा रहा है लेकिन यह नाम सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के  अधिकारीयो को इससे कोई भय नही है ।ओ पी डी व अन्य कुछ जगह में वायरस से बचने सम्बन्धी पाम्पलेट लगाकर ओपचारिकता निभा दी गई है ।जबकि मास्क अभी तक अस्पताल कर्मचारियों ,फील्ड कर्मचारियों को वितरण किये ही नही गए।इस मामले अधिकारियों की सोच है कि अभी कोई संदिग्ध मिला नही जब मिलेगा तब देखेगे गौरतलब होगा कि फील्ड स्टाफ लगभग 200 है जिनमे 185 आशा कार्यकर्ता बाकी अन्य और अस्पताल में ही कर्मचारियों की संख्या लगभग 80 के आस पास है ।ऐसे में इनके स्वास्थ की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग रहा है ।वही जिला चिकित्सालय के अधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों का भी सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में चल रही मनमानी पर कोई ध्यान नही है।

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