भव्य शोभायात्रा संग कवि सम्मेलन सम्पन्न
मनावर (पवन प्रजापत) - मांडवी सिंघाना श्री श्री १००८ श्री गजानन महाराज जी बालीपुर धाम की जन्म शताब्दी महोत्सव के दौरान मांडवी में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें ग्राम और आसपास के हजारों गुरु भक्तों ने भाग लिया बालीपुर धाम से पधारे योगेश जी महाराज ने पूरे ग्राम में भ्रमण कर भक्तों आशिर्वाद प्रदान किया । रथयात्रा स्थानीय बस स्टैंड से आरंभ हुई जो कि ग्राम की गलियों से गुजरते हुए पंचायत भवन चौक पर समाप्त हुई । यात्रा के दौरान प्रत्येक घर में रंगोली और दीपकों व पुष्पों से रथयात्रा का माता-बहनों द्वारा स्वागत किया गया । रथयात्रा की अगुवाई ग्राम के वरिष्ठ सीताराम आवल्या , देवराम बड़वाला , दिनेश बड़वाला , सुखदेव भाई , रामेश्वर चामट , उमेश भाई , मोहन सुपर , मोतीलाल बंशी , तुकाराम बड़वाला के साथ सरदार पटेल ग्रुप ने की । तदुपंरात बतौर अतिथि पधारे योगेश जी महाराज , स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर विश्वदीप मिश्र , नवीन अत्रे , आचार्य बंटी महाराज मंच पर पहुंचे मां सरस्वती और बाबाजी के चित्र पर माल्यार्पण कर कवि सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन किया । कवि सम्मेलन की शुरुआत कवियित्री दीपिका व्यास द्वारा मां सरस्वती वंदना के साथ की । इगरिया से पधारे कवि कृष्णपाल सिंह राजपूत ने हास्य चुटकियों के साथ गंभीर बात करते हुए कहा कि मैं यह नहीं कहता कि मेरे देश में आधुनिक मोटरकार है , मेरे देश में वह है जो विदेश में नहीं है मेरे देश में संस्कार है । बरसलाय के कवि जीतेन्द्र यादव ने को अपनी त्वरित टिप्पणियों से लोटपोट करते हुए कहा कि एक जमाना था जब कबूतर के जरिए चिट्ठी आती थी और मैं उस कबूतर को सिने से लगाता था क्योंकि उसके पैरों में वतन की मिट्टी आती थी । मोहना से पधारे गीतकार दीपक पगारे ने अपनी मधुर आवाज में गीत मैं मंदिर क्यों जाऊं मेरे घर में मां रहती है प्रस्तुत कर उपस्थित माता-बहनों को भावपूर्ण कर दिया इनके निमाड़ी गीत दगड़िया तू केतरो श्याणो हुई गयो ने खूब दाद बटोरी । वीर रस के कवि वीरेंद्र दंसौधी वीर ने अपनी ओजपूर्ण रचना हम सलामत रहे इसलिए वे सरहद पर रहते हैं , हम रहे जिंदा इसलिए वे सरहद पर मरते हैं पढ़कर सैनिकों को याद किया । स्थानीय कवि सुनील पटेल ने हिंदी निमाड़ी चुटकियों से श्रोताओं को खूब हंसाया । हास्य कवि विष्णु विश्वास खाचरोद ने अपने निराले अंदाज में हास्य फुलझड़ियों से श्रोताओं को पेट पकड़ कर हंसने पर मजबूर कर दिया । कवियित्री दीपिका और संचालक राम शर्मा परिंदा के बीच हुई नोंक झोंक को श्रोताओं ने खूब सराहा । स्थानीय वीर रस के कवि प्रद्युम्न शर्मा भानू ने वर्तमान हालात का बखान करते हुए कहा कि हमने एक दीप तक नहीं जलाया ताकि उनकी भावनाओं को ठेस न पहुंचे किंतु उन्होंने देश जला दिया । कवि सम्मेलन के संचालक राम शर्मा परिंदा ने बढ़ते बलात्कारों पर रचना सुनाते हुए कहा कि बलात्कार रुक सकते नहीं कभी भी सरकारों से , बलात्कार रुक सकते हैैं अपने दिए संस्कारों से । कवि सम्मेलन के आखिर में कवियों को स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए युवा क्रांति संगठन की ओर से अनील पाटीदार ने आभार व्यक्त किया ।
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