8500 क्विंटल धान खरीदी का मामला एक माह से अटका किसान परेशान | 8500 quintal dhan kharidi ka mamla ek mah se atka

8500 क्विंटल धान खरीदी का मामला एक माह से अटका किसान परेशान

8500 क्विंटल धान खरीदी का मामला एक माह से अटका किसान परेशान

डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - जिले में धान की खरीदी बंद हुए लगभग एक माह होने को है, लेकिन अब भी 12 खरीदी केंद्रों में 8500.8 क्विंटल धान खुले में पड़ी हुई है। धान की खरीदी नहीं हो पा रही है। ऐसे में किसानों को भुगतान भी नहीं मिल पाया है। खरीदी केंद्र प्रभारियों की मनमानी का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। बजाग खरीदी केंद्र में सबसे अधिक 3450 क्विंटल धान खुले में पड़ी है। किसानों का आरोप है कि शासन द्वारा निर्धारित खरीदी के अंतिम दिन 20 फरवरी से पहले भी उपार्जन लेकर खरीदी केंद्र पहुंच गए थे। उनके धान की तुलाई भी करा ली गई, लेकिन ऑनलाइन फीडिंग नहीं कराई गई। स्थिति यह है कि 20 फरवरी के बाद पोर्टल शासन ने बंद कर दिया और किसानों की धान बिक्री का मामला अटक गया।

सर्वर की समस्या बताकर झाड़ रहे पल्ला

जिले के धान खरीदी केंद्र परसेल, अमरपुर, डिंडौरी, निघौरी भानपुर, बम्हनी, छांटा, कोकोमटा, मनेरी, बरगांव, महेंदवानी, हर्रा, बजाग में स्थिति यह है कि 342 किसानों की धान खरीदी केंद्रों में ही पड़ी है। धान उपार्जन केंद्र लेकर किसान तो समय पर आ गए थे, लेकिन केंद्र प्रभारियों पर आरोप है कि उन्होंने धान की तुलाई तो करा ली, लेकिन ऑनलाइन फीडिंग नहीं कराई। सर्वर की समस्या बताकर जिम्मेदार लंबे समय से पल्ला झाड़ रहे हैं। आरोप है कि पैसा बचाने के चक्कर में पर्याप्त ऑपरेटरों की व्यवस्था नहीं की गई। अंतिम समय धान की आवक बढ़ने से ऑनलाइन फीडिंग नहीं हो पाई।

धान उठाव में बरती गई मनमानी

धान के परिवहन में भी मनमानी बरतने से 8500 क्विंटल धान की खरीदी अटककर रह गई है। आरोप है कि खरीदी केंद्रों में धान का उठाव न होने से यहां रखने की जगह भी नहीं थी। नागरिक आपूर्ति निगम के जिम्मेदारों पर आरोप है कि उनके द्वारा साठगांठ कर ऐसे वाहन धान उठाव में लगाए गए जो जर्जर थे। वाहनों की भी कमी थी। केंद्रों से धान उठाव समय पर नहीं हो पाने से किसान भी अंतिम समय की उपार्जन केंद्र पहुंचे। अब उन्हें विभागीय लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

कलेक्टर के माध्यम से कराया जा रहा पत्राचार

8500 क्विंटल से अधिक की धान की खरीदी न हो पाने के बाद अब जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी द्वारा लगातार कलेक्टर के माध्यम से खरीदी की अनुमति के लिए पत्राचार कराया जा रहा है। बताया गया कि शाहपुर और गोरखपुर में धान उपार्जन की बिक्री शेष रह गई थी, जिसकी खरीदी की अनुमति मिल गई, लेकिन 12 केंद्रों की अनुमति अब भी अटकी हुई है। प्रबंध संचालक मप्र स्टेट सिविल सप्लाइज को पत्राचार किए जा रहे हैं। बताया गया कि मैदानी अमले की लापरवाही की खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

केंद्रवार धान की मात्रा

उपार्जन केंद्र रखी हुई धान (क्विंटल में)
परसेल - 90
अमरपुर - 238.80
डिंडौरी - 120
निघौरी भानपुर - 409.60
बम्हनी - 2460.80
छांटा - 415.60
कोकोमटा - 301.60
मनेरी शहपुरा - 519.20
बरगांव - 368.40
मेहंदवानी - 80
हर्रा - 47.20
बजाग - 3450

इनका कहना है

टोकन जारी न होने से खरीदी बंद हो गई। अब तक दो तीन पत्र कलेक्टर सर के माध्यम से खरीदी के लिए अनुमति मांगी जा रही है। शासन से अभी अनुमति नहीं मिल पाई है। अनुमति नहीं मिलने से समस्या हो रही है। सत्यापन में 8500 क्विंटल धान खरीदी केंद्रों में पड़ी होना सामने आ रहा है।

आरएम सिंह, जिला आपूर्ति अधिकारी डिंडौरी।

खरीदी के अंतिम दिन किसान खरीदी केंद्र आ गए थे। उनके अनाज की तुलाई भी हो गई थी। उस दिन सर्वर चला नहीं, इसलिए धान की ऑनलाइन फीडिंग नहीं हो पाई। जिला को पूरी जानकारी दे दी गई थी।पत्राचार भी किए जा रहे हैं। धान खुले में पड़ी है। दो लोगों को सुरक्षा के लिए लगाया गया है। बारिश होने से धान निश्चित तौर पर प्रभावित हुई है। उसके लिए क्या किया जा सकता है।

एनके साहू, खरीदी केंद्र प्रभारी बजाग।

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