बैगाओं का ब्रांड बनेगा सिकिया, बिना हल चलाए उगाते हैं 52 तरह की फसलें | Begao ka brand banega sikiya

बैगाओं का ब्रांड बनेगा सिकिया, बिना हल चलाए उगाते हैं 52 तरह की फसलें

बैगाओं का ब्रांड बनेगा सिकिया, बिना हल चलाए उगाते हैं 52 तरह की फसलें

डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - डिंडौरी जिले के कोदो कुटकी अनाज को प्रदेश के सीएम कमलनाथ से इंटरनेशनल ब्रांडिंग की हरी झंडी मिलने के बाद बैगा आदिवासियों में ख़ुशी की लहर है। बैगा आदिवासियों ने कोदो कुटकी के साथ साथ सिकिया,सल्हार,मंडिया आदि अनाजों के भी इंटरनेशनल ब्रांडिंग किये जाने की मांग रखी है। डिंडौरी के वनग्राम ढाबा में कोदो कुटकी,सिकिया,मंडिया सल्हार आदि अनाजों से तरह तरह के व्यंजनों का मेला लगाकर बैगा आदिवासियों को इन अनाजों का महत्व बताया गया। लंबे समय से बैगा आदिवासियों की संस्कृति,रहन सहन,पारंपरिक खेती पर काम करने वाले निर्माण नामक एनजीओ के द्धारा कोदो कुटकी,सिकिया,सल्हार समेत अन्य अनाजों से तरह तरह के व्यंजन बनाने लोगों को दो दिन का प्रशिक्षण दिया गया। व्यंजन की रेसिपी सिखाने उड़ीसा से आई शबनम ने बैगा आदिवासियों को कम खर्चे में एक अनाज से कई तरह के व्यंजन बनाने के गुर सिखाये वहीँ एनजीओ के संचालक एवं बैगा आदिवासियों की संस्कृति को करीब से जानने वाले नरेश बिश्वास ने सिकिया अनाज के भी इंटरनेशनल ब्रांडिंग किये जाने की मांग रखी। नरेश बिश्वास ने बताया कि अन्य अनाजों की तुलना में सिकिया बेहद पौष्टिक होता है जिसको खाने से मोटापा खून की कमी एवं कुपोषण जैसे गंभीर बीमारियों से निजात मिलती है। हम आपको बता दें कि 24 फ़रवरी को शबरी माता की जयंती पर आयोजित आदिवासी सम्मलेन में शिरकत करने सीएम कमलनाथ डिंडौरी आये थे तब स्थानीय विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री ओमकार मरकाम ने सीएम से कोदो कुटकी के इंटरनेशनल ब्रांडिंग किये जाने की मांग रखी थी जिसको सीएम कमलनाथ से मंजूरी मिल चुकी है। डिंडौरी जिले में कोदो कुटकी की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिये आदिवासी विकास विभाग के द्धारा 42 करोड़ रूपये स्वीकृत किया गया है। कोदो कुटकी की इंटरनेशनल ब्रांडिंग की अनुमति मिलने के बाद आदिवासी विकास विभाग के मंत्री ओमकार मरकाम ने सीएम कमलनाथ को धन्यवाद दिया है।

बैगाओं का ब्रांड बनेगा सिकिया, बिना हल चलाए उगाते हैं 52 तरह की फसलें

बैगा जनजाति के लोग सीख रहे लजीज व्यंजन बनाना

जिले के समनापुर के ढाबा गांव में एक निजी संस्था ने सिकिया मांदी कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम का उद्देश्य बैगाओं के द्वारा खेतों में बिना हल चलाए अनाज को उगाने के बारे में है. इस प्रोग्राम में बैगा जनजाति के पुरुष और महिला शामिल हुए. बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बैगा के अनाजों को मिशन मिलेट के जरिए ब्रांडिंग करने का ऐलान किया है. दरअसल जिले के ढाबा गांव में सिकिया मांदी प्रोग्राम के तहत प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.

बैगाओं का ब्रांड बनेगा सिकिया, बिना हल चलाए उगाते हैं 52 तरह की फसलें

इसमें बैगा जनजाति के बिना हल चलाए पारंपरिक खेती के जरिए 52 प्रकार की फसल उगाने के बारे में बताया गया है. बैगा लोग कोदो, कुटकी, सलहार, जोबार, कंगनी, मढिया जैसी पोस्टिक आहार का उत्पादन जंगलों में करते हैं. कार्यक्रम में उड़ीसा से सामाजिक कार्यकर्ता शबनम बैगा महिलाओं को कोदो, कुटकी अनाज से कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाने की ट्रेनिंग दे रही हैं.

बैगाओं का ब्रांड बनेगा सिकिया, बिना हल चलाए उगाते हैं 52 तरह की फसलें

शबनम ने बताया कि इन अनाजों में पौस्टिक तत्व भारी मात्रा में होता है, जिससे स्वास्थ्य ठीक रहता है. सामाजिक कार्यकर्ता नरेश विश्वास ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बैगाओं की पारंपरिक खेती बेवर खेती को बचाना है, जो खत्म होने की कगार पर है. बैगा अपने खेत पर बगैर हल चलाए 52 तरह की फसल ले सकते है.

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