केरल में फंसे छिंदवाड़ा/हर्रई के 110 लोग
देश के दूसरे सबसे बड़े संक्रमित राज्य केरल में असुरक्षित हैं छिंदवाडावासी
छिन्दवाड़ा/धनोरा (जयकुमार डेहरिया) - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुल नाथ से छिंदवाड़ा वापसी की गुहार।हर्रई के इन ग्रामीणों की अब तक शासन प्रशासन ने नहीं ली सुध*।*जनप्रतिनिधियों की यह कैसी रहस्यमय चुप्पी ।संपूर्ण विश्व सहित देश में हाहाकार मचा चुका कोरोना वायरस का संकट लगातार बढ़ता दिखाई दे रहा है, और इस संकट में छिंदवाड़ा के हर्रई आदिवासी अंचल के 110 व्यक्ति सुदूर प्रांत केरल के कोल्लम जिले में फंसे हुए हैं। इन व्यक्तियों के द्वारा छिंदवाड़ा स्थित अपने समस्त संबंधी रिश्तेदारों से संपर्क कर उन्हें वापस अपनी सरजमीं पर बुलाने के लिए निवेदन किया गया है, लेकिन चारों ओर से उन 110 लोगों को निराशा ही हाथ लग रही है। अब उनको अपना भविष्य को लेकर खासी चिंता हो रही है। केरल के कोल्लम जिले में फंसे इन 110 लोगों ने इस संवाददाता से फोन पर हुई चर्चा के दौरान कहा कि वह हर्रई आदिवासी अंचल से रोजगार हेतु केरल में बेकरी में केक निर्माण का कार्य करते हैं, लेकिन बीते दिनों से कोरोना संकट के चलते यहां की बैकरियों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है, तब ऐसी परिस्थितियों में इन कारीगरों का जीना दुश्वार हो चला है। छिंदवाड़ा जिले के यह 110 लोग वहां बुरी तरह फस चुके हैं। इनका रहना, खाना, भोजन की बड़ी समस्याएं उभर कर आ रही है, तब ऐसी स्थिति में छिंदवाड़ा का जिला प्रशासन और हर्रई का स्थानीय प्रशासन भी उन्हें कोई सुविधाएं मुहैया नहीं करा पा रहा है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। जिले के जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान इस ओर अब तक नहीं गया है कि वह अपने जिले के इन 110 बेकरी के कारीगरों को वापस अपने छिंदवाड़ा जिले में ले आए। इसके लिए यह जरूरी है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुल नाथ को व्यक्तिगत रूप से ही पहल करनी होगी, तब ही इन 110 कामगारों को सुरक्षित सकुशल छिंदवाड़ा लाया जा सकता है। अन्यथा वह 110 लोग ईश्वर के सहारे ही अपना भविष्य तय होने की स्थिति में आ चुके हैं। अब देखना है कि जिला प्रशासन और जिले के ताकतवर राजनेता और जनप्रतिनिधिगण इस दिशा में क्या सार्थक पहल कर पाते हैं। केरल राज्य के अलग अलग जिला मै मजदूर जाते है ।पर हर्रई विकासखंड से अधिक संख्या मै मजदूर पलायन करते है इससे यह सिद्ध होता है कि बेरोजगारी की समस्या विकास खण्ड हर्रई मै अधिक है ।हर्रई विकासखंड आदिवासी विकास खण्ड है यहा रोजगार का होना अतिआवश्यक है ।
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