उज्जैन में पर्यटन विकास के लिये विधिवत डीपीसी तैयार की जाये – कलेक्टर | Ujjain main paryatan vikas ke liye vidhivat dpc tayyar ki jaye
उज्जैन में पर्यटन विकास के लिये विधिवत डीपीसी तैयार की जाये – कलेक्टर
काफी टेबल बुक और लिफलेट्स बनाये जायें, जिनमें उज्जैन के प्रमुख पर्यटक स्थलों की जानकारी हो
उज्जैन पर्यटन संवर्धन परिषद की बैठक हुई
उज्जैन (रोशन पंकज) - मंगलवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर श्री शशांक मिश्र द्वारा उज्जैन पर्यटन संवर्धन परिषद की बैठक ली गई। बैठक में पावर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से उज्जैन में पर्यटन के विकास के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। जानकारी दी गई कि उज्जैन पर्यटन संवर्धन परिषद का गठन एक मार्च 2012 को मध्य प्रदेश शासन पर्यटन विभाग के निर्देश अनुसार किया गया है। पर्यटन परिषद द्वारा मार्च-2015 से जून-2016 तक शहर में पर्यटन और सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए विभिन्न कार्यक्रम जैसे राहगिरी, आनन्द उत्सव, सिंहस्थ फेमिली हेरिटेज वॉक इत्यादि जनसहयोग से कराये गये हैं।
सिंहस्थ फेमिली हेरिटेज वॉक और सिंहस्थ साइक्लोथॉन रिले कार्यक्रमों को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी दर्ज किया गया है।
पर्यटन संवर्धन परिषद द्वारा पर्यटन विकास हेतु प्रदाय की गई राशि 31 लाख 63 हजार 339 में से 9 लाख 97 हजार 654 रुपये व्यय किये गये हैं। वर्तमान में पर्यटन विकास हेतु 21 लाख 65 हजार 685 रुपये की राशि शेष है।
पर्यटन विभाग द्वारा होमस्टे सम्बन्धी इकाईयों को पंजीकृत करने के लिये प्राप्त आवेदनों के पर्यवेक्षण और निरीक्षण हेतु कलेक्टर द्वारा एक अशासकीय सदस्य नामित करने के निर्देश बैठक में दिये गये। साथ ही उज्जैन पर्यटन की वेब साइट डेवलप करने के लिये कहा गया। महाकाल मन्दिर परिसर में आने वाले पर्यटकों के लिये पर्यटक सुविधा केन्द्र बनाये जाने के निर्देश दिये गये। साथ ही डोंगला वेधशाला को पुन: प्रारम्भ किये जाने के लिये कहा।
कलेक्टर ने बैठक में रेलवे स्टेशन पर ई-रिक्शा चालकों के लिये ई-पर्यटन मित्र बुकिंग काउंटर प्रारम्भ करने हेतु प्रस्ताव तैयार करने के लिये कहा। बैठक में जानकारी दी गई कि देशी-विदेशी पर्यटकों को भारतीय संस्कृति, आतिथ्य से परिचित कराने, किफायती दरों पर आवास व भोजन उपलब्ध कराने और स्थानीय नागरिकों को रोजगार सृजन के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से होमस्टे सम्बन्धी नीतियों का संचालन किया जाना है। इनमें मध्य प्रदेश बेड एण्ड ब्रेकफास्ट स्थापना योजना, मध्य प्रदेश फार्म स्टे स्थापना योजना और मध्य प्रदेश ग्राम स्टे स्थापना योजना शामिल है।
बैठक में उज्जैन में पर्यटन की संभावनाओं पर विचार-विमर्श के दौरान जानकारी दी गई कि धार्मिक दृष्टि से उज्जैन में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उज्जैन को दो पर्यटन सर्किट के रूप में विभाजित किया जा सकता है, महाकाल सर्किट और पंचक्रोशी यात्रा सर्किट। वर्ष 2017 से रामघाट पर मां शिप्रा नौका विहार से नौकाओं का संचालन किया जा रहा है।
बैठक में प्रोजेक्ट अवन्तिका टूरिज्म के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें गंभीर डेम के समीप स्थित वाटर पम्पिंग प्लांट के आसपास 915.43 लाख रुपये की लागत से पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना है। इसके अलावा उज्जैन में वैकल्पिक पर्यटन की भी आवश्यकता है। इस हेतु यहां वैकल्पिक पर्यटन गतिविधियां प्रारम्भ करने के उद्देश्य से सोलर पार्क सदावल, अवन्तिका एडवेंचर पार्क जैसी योजनाओं की परिकल्पना की गई है।
अवन्तिका एडवेंचर पार्क गंभीर डेम के समीप स्थित पम्पिंग प्लांट के आसपास चयनित नौ एकड़ स्थल पर विकसित करने की योजना तैयार की गई है, जो तीन चरणों में क्रियान्वित की जायेगी। पहले चरण में आधारभूत पर्यटन अधोसंरचना विकास कार्य जैसे सड़क निर्माण, बोटिंग डेक, पार्क लाईटिंग इत्यादि और दूसरे चरण में ट्री हाऊस, टूरिस्ट हट, कलाबाजार, फारेस्ट सफारी एडवेंचरस स्पोर्ट्स इत्यादि शामिल होंगे। कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने उज्जैन को डेस्टिनेशनल वेडिंग के रूप में भी विकसित करने के लिये आवश्यक कदम उठाने के लिये कहा।
कलेक्टर ने कहा कि एडवेंचर पार्क में विभिन्न पर्यटक गतिविधियां किफायती दरों पर पर्यटकों को उपलब्ध कराई जायें। उज्जैन और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को भी बतौर पर्यटन स्थल विकसित किया जाये। पर्यटकों के लिये काफी टेबल बुक और लिफलेट्स भी प्रकाशित करवाये जायें, जिनमें उज्जैन के विभिन्न पर्यटन स्थलों की जानकारी सारगर्भित और रोचक तरीके से दी गई हो।
जिन क्षेत्रों को बतौर पर्यटन स्थल विकसित किया जाना है, वहां भैरवगढ़ के बटिक प्रिंट के स्टाल भी लगाये जायें। कुछ क्षेत्र जैसे बड़नगर के आमला फोर्ट को हेरिटेज विलेज के रूप में विकसित किया जा सकता है। वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये विभिन्न वेडिंग प्लानर्स जिन्होंने स्टार्टअप किया है, उनसे भी सम्पर्क किया जाये। डेस्टिनेशन वेडिंग को हेरिटेज वॉक के साथ टाइअप करें। नगर निगम, यूडीए और पर्यटन विभाग आपसी समन्वय के साथ प्रस्ताव तैयार करें। डीटीपीसी स्मार्ट सिटी को भी पर्यटन विकास में शामिल करें।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि उज्जैन के समस्त एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसी जगह चिन्हांकित करें, जिन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके। इसके अलावा चौरासी महादेव, नारायणाधाम, सप्त सागर और नौ नारायण को भी पर्यटन विकास में सम्मिलित करें। इसके अलावा इंदिरा सागर हनुमंतिया टापू की तर्ज पर बैठक में अवन्तिका उत्सव का आयोजन किये जाने के प्रस्ताव पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में आयुक्त नगर पालिक निगम श्री ऋषि गर्ग, डूडा के श्री भविष्य खोबरागड़े, जिला पंचायत की श्रीमती कीर्ति मिश्रा और सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।
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