महाशिवरात्रि के पूर्व रामघाट का पानी बदला गया | Mahashivratri ke purv ramghat ka pani badla gaya

महाशिवरात्रि के पूर्व रामघाट का पानी बदला गया

एडीएम द्वारा गऊघाट सीवेज पम्प हाऊस और विभिन्न घाटों का निरीक्षण किया गया

रविवार शाम को गऊघाट का एक गेट खोला गया

महाशिवरात्रि के पूर्व रामघाट का पानी बदला गया

उज्जैन (रोशन पंकज) - एडीएम डॉ.आरपी तिवारी द्वारा रविवार को गऊघाट के समीप स्थित सीवेज पम्प हाऊस, गऊघाट, रामघाट तथा चक्रतीर्थ घाट का निरीक्षण किया गया। इस दौरान अधीक्षण यंत्री स्मार्ट सिटी और पीएचई श्री धर्मेन्द्र वर्मा, एनवीडीए के इंजीनियर श्री टंडन और अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि आने वाले महाशिवरात्रि पर्व के मद्देनजर रामघाट और अन्य प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं को स्वच्छ और निर्मल जल मिल सके, इस उद्देश्य से प्रशासन द्वारा महाशिवरात्रि के पूर्व रामघाट का पानी नये पानी से बदला गया है।

गौरतलब है कि गत दिवस लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सदावल के पास पीएचई की पाईप लाइन क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुई थी। नगर निगम आयुक्त श्री ऋषि गर्ग और अन्य अधिकारियों द्वारा मौके पर जाकर पाईप लाइन का निरीक्षण किया गया था। अधीक्षण यंत्री श्री वर्मा द्वारा एडीएम डॉ.तिवारी को जानकारी दी गई कि जांच के दौरान यह पाया गया कि पाईप लाइन को तुरन्त दुरूस्त करना अत्यधिक आवश्यक है, क्योंकि क्षतिग्रस्त स्थिति में शिप्रा में सीवर का पानी मिलना तय था।

महाशिवरात्रि के पूर्व रामघाट का पानी बदला गया

इसलिये विभाग द्वारा पाईप लाइन दुरूस्त करने के लिये ऐसे समय का चयन किया गया, जब सीवर में न्यूनतम आवक होती है। विशेषकर रात के समय क्योंकि अधिकतर लोग सो रहे होते हैं, इसीलिये घरेलु उपयोग के पानी का निष्पादन दिन के मुकाबले कम होता है। इसलिये शाम 7 बजे के आसपास पम्प बन्द कर दिये गये। पम्प बन्द करना इसलिये आवश्यक होता है क्योंकि बिना ऐसा किये पाईप लाइन में वेल्डिंग और अन्य सुधार कार्य नहीं किये जा सकते।

विभाग द्वारा पाईप लाइन दुरूस्त करने का कार्य रात के लगभग 3.30 बजे तक जारी था। इसके बाद रात्रि 3.40 बजे पम्प को दोबारा चालू कर सिस्टम को रिस्टोर किया गया था। रिस्टोर करने के बाद जितना भी पानी मिला उसकी गुणवत्ता की जांच की गई। एक दिन पहले के बिना ट्रीटमेंट वाले पानी और पाईप लाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद सीवर मिले बिना ट्रीटमेंट वाले पानी की गुणवत्ता की जांच की गई, तो पाया गया कि सीवर मिलने के बाद पानी में परिवर्तन तो हुआ है लेकिन यह परिवर्तन अत्यन्त मामूली और स्वीकार करने योग्य सीमा के अन्दर हुआ था। जांच अनुसार 15 फरवरी को बिना ट्रीटमेंट किये पानी की टर्बिडिटी 7.2, पीएच 8.17 और कलर 12 था, जबकि 16 फरवरी को सीवर मिलने के बाद पानी की टर्बिडिटी 8, पीएच 8.2 और कलर 14 था। अत: पानी की गुणवत्ता 95 प्रतिशत तक थी।

लेकिन चूंकि विभाग का पहले से ही निर्धारित कार्यक्रम था कि महाशिवरात्रि पर्व के पहले रामघाट का पानी बदला जायेगा, ताकि स्नान के लिये आने वाले श्रद्धालुओं को साफ पानी मिल सके। शनिवार को जब पाईप लाइन को दुरूस्त करने का कार्य किया जा रहा था और जब पम्प बन्द किया गया तो रामघाट के सारे गेट खुलवा दिये गये थे, ताकि वहां का पुराना पानी पूरी तरह से निकल जाये और घाट पर नया पानी लाया जाये।

इसी प्रकार भूखीमाता घाट के गेट भी खोल दिये गये थे। रविवार को काफी पानी निकल चुका था। रविवार की शाम को गऊघाट से दोबारा पानी छोड़ा गया तथा गऊघाट की तरफ शिप्रा से पानी छोड़ा गया, ताकि स्नान के लिये निर्धारित मापदण्ड अनुसार गुणवत्तापूर्ण पानी मिल सके। एडीएम डॉ.तिवारी ने एनवीडीए के इंजीनियर को भी साफ पानी निरन्तर प्रदाय करने के लिये कहा। उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा पाईप लाइन दुरूस्त करने का कार्य अत्यन्त तेज गति से कम समय में किया गया है। इस वजह से पानी की गुणवत्ता में अधिक परिवर्तन नहीं हो पाया, लेकिन श्रद्धालुओं के स्नान को देखते हुए रामघाट के पानी को नये पानी से बदला गया है।

Post a Comment

Previous Post Next Post