अनूपपुर स्वास्थ्य विभाग में भर्ती घोटाला | Anuppur swasthya vibhag main bharti ghotala

अनूपपुर स्वास्थ्य विभाग में भर्ती घोटाला

अधिकारियों ने पदोन्नति पर कर दी सीधी भर्ती, स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं कराया गया विज्ञापन का प्रकाशन

अनूपपुर स्वास्थ्य विभाग में भर्ती घोटाला

अनूपपुर (अरविन्द द्विवेदी) - मध्यप्रदेश शासन द्वारा चार जिलों, जिसमें अनूपपुर, अशोक नगर, मालवा-आगर और बुढ़ानपुर में जिला स्तर पर मलेरिया कार्यालय में कर्मचारी भर्ती के आदेश जारी किए थे। जिसमें अब तक तीन जिलों में मलेरिया विभाग (जिला स्तरीय) में किसी प्रकार की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई। जबकि अनूपपुर स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों ने नियमों के विपरीत अलग-अलग पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर कर्मचारियों को जिला स्तर कार्यालय के बजाय विकासखंड स्तर पर पदस्थापित भी कर दिया है। जिसमें विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया से संबंधित गड़बड़ी कर अनेक सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच प्रतिवेदन मांग है कि भर्ती प्रक्रिया में विभाग द्वारा अब तक 14 पदों पर सीधी भर्ती कराई गई है। जिसमें 2 सर्वलेंस वर्कर, 2 सर्वलेंस निरीक्षक, 1 निम्न श्रेणी लिपिक, 2 सुपीरियर फील्ड वर्कर, 5 फील्ड वर्कर, तथा 2 भृत्य शामिल है। इनमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वप्रथम 2 सर्वलेंस वर्कर के साथ भर्ती प्रक्रिया आरम्भ की और शेष अन्य पदों पर कुछ दिनों बाद भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया गया।

लेकिन इन सबसे सबसे अनोखी प्रक्रिया यह रही है कि विभाग ने किसी भी अखबार में इसका विज्ञापन प्रकाशित नहीं कराया। यहां तक भर्ती प्रक्रियाओं में आरक्षण रोस्टर को भी तिलांजलि देते हुए आवेदकों की भर्ती कर दी। जबकि शासन ने सर्कुलर के आधार पर जारी आदेश में वर्ष 1989 भर्ती नियम के तहत प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। शासन का इस आदेश के पीछे यह आशय था कि भर्ती नियम 1989 के दौरान सर्वंलेस वर्कर, सर्वलेंस निरीक्षक, और सुपीरियर फील्ड वर्कर के पद स्वीकृत नहीं थे। इन पदों को नए सिरे से स्थापित किया गया था। जिसकी योग्यता सहित अन्य मापदंडों को लेकर शासन ने भर्ती नियम 1989 और 2008 में संसोधन की मांग की थी जो अब तक संशोधित नहीं हुए हैं, और ना ही इस भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने संचालनालय से इस सम्बंध में कोई मार्गदर्शन मांगा। यहीं कारण रहे कि भर्ती नियम के संशोधन के अभाव में अन्य तीन जिलों आगर-मालवा, अशोक नगर और बुढ़ानपुर में जिला मलेरिया कार्यालय में किसी पद पर भर्ती की प्रक्रिया अब तक आरंभ नहीं की जा सकी। शासन ने 11 श्रेणियों में 23 पद भरने  की स्वीकृति प्रदान की है। शासन द्वारा जारी आदेश में सहायक मलेरिया अधिकारी के 1 पद, लेब टेक्नीशियन के 1 पद, मलेरिया निरीक्षक के 3 पद, सर्वलेंस इंस्पेक्टर के 3 पद, उच्च श्रेणी लिपिक के 1 पद, निम्न श्रेणी लिपिक के 1 पद, सर्वलेंस वर्कर के 2 पद, ड्राइवर के 1 पद, सुपीरियर फिल्ड वर्कर के 2 पद, फिल्ड वर्कर के 5 पद तथा भृत्य के लिए 2 पद स्वीकृति के लिए आदेशित है।

जानकारी के अनुसार 2 जनवरी 2020 को जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अनूपपुर ने प्रक्रियाओं की अनदेखी करते हुए कलेक्टर दर पर सर्वलेंस वर्कर के दो पदों पर बाहरी आवेदकों की नियुक्ति कर भर्ती नियमों को धता कर दिया था। जबकि रोस्टर नियमों के अनुसार अनूपपुर जिले में पहला पद आरक्षित, दूसरा पद अनुसूचित जनजाति का है। बावजूद इसके अधिकारियों ने आरक्षण रोस्टर के विपरीत दोनों पदों पर सामान्य आवेदकों की भर्ती कर दी। इस पद के लिए विभाग के पास संभाग के अनूपपुर, शहडोल, उमरिया जिलों से कोई आवेदन नहीं प्राप्त हुए। बल्कि सीधी रीवा जिले से मात्र दो आवेदन ही प्राप्त हुए। इन दोनों वर्करों को पुष्पराजगढ़ पदस्थापित कर दिया। जबकि भर्ती जिला मलेरिया कार्यालय विभाग जिला मुख्यालय में किया जाना था।

पदोन्नति पद पर सीधी भर्ती:-

अनूपपुर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नवीन जिला मलेरिया कार्यालय अनूपपुर के लिए स्वीकृत हुए पदोन्नति पद पर भी सीधी भर्ती प्रक्रिया की गई। सहायक मलेरिया अधिकारी, लैब टेक्नीशियन, मलेरिया निरीक्षक, सर्वलेंस निरीक्षक, उच्च श्रेणी लिपिक ऐसे पद है, जिन पर शासन स्तर से पदोन्नति के आधार पर पदभर्ती प्रक्रिया पूर्ण कराई जानी है। बावजूद अधिकारियों ने इनमें कुछ पदों पर सीधे अप्रशिक्षित आवेदकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर दी है। बताया जाता है कि इन भर्ती प्रक्रिया में जिला मलेरिया अधिकारी को ही अलग कर दिया गया है। जहां विभाग के चंद कर्मचारियों की समिति बनाकर विभागीय कर्मचारी के रिश्तेदारों को ही आवेदक के रूप में भर्ती कर लिया है।

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