रामकथा का कैलेंडर का विमोचन समाजसेवी सुरेश चंद पूरणमल जैन ने किया | Ramkatha ka calender ka vimochan samajsevi suresh chand puranmal jain ne kiya
रामकथा का कैलेंडर का विमोचन समाजसेवी सुरेश चंद पूरणमल जैन ने किया
मेघनगर (जियाउल हक क़ादरी) - दशहरा मैदान में चल रही रामकथा के आठवें दिन होने से धमतरी महिला एवं पुरुष धर्म प्रेमी पुरुष एवं महिलाएं एवं महिलाएं समय के पूर्व कथा प्रांगण में आकर अपना स्थान ग्रहण करने लगे आज आचार्य श्री नरेश शर्मा द्वारा हनुमान जी का चरित्र की विशेषता का वर्णन किया गया वीर हनुमान राम भक्त हमेशा उनकी सेवा के लिए तैयार रहते थे भगवान पंचवटी में आए आस पास देखा तो उन्होंने पूछा कि यह किसकी हड्डियां है ऋषि यों को मारने वाले राक्षसों का मैं नाश कर दूंगा पंचवटी में राम सीता के साथ लक्ष्मण भी थे तभी रावण की बहन सूर्पनखा सुंदर शरीर धारण करके आई राम की सुंदरता की प्रशंसा करके विवाह करने को तैयार हो गई तब राम ने सूर्पनखा को लक्ष्मण जी के पास भेजा सूर्पनखा ने लक्ष्मण जी की प्रशंसा करके उनसे शादी करने को तैयार हो गई लक्ष्मण जी ने वापस सूर्पनखा को भगवान राम के पास भेजा बार-बार इधर-उधर जाकर प्रशंसा की तो लक्ष्मण को क्रोध आया और उन्होंने सूर्पनखा की नाक कान काट दी भाई खर दूषण ने पूछा तो सारा अच्छे राम और लक्ष्मण पर लगा दिया खर दूषण से युद्ध करने आया और युद्ध में मारा गया पश्चात रावण ने बदला लेने की नीयत से मरीचिका को स्वर्ण का हिरण का भेष बनाकर पंचवटी में भेजा राम हिरण को मारने के लिए जंगल में गए मरीचिका की नकली आवाज सुनकर माता सीता ने लक्ष्मण जी को भगवान राम की सहायता के लिए भेजा लक्ष्मण ने माता सीता से रेखा को पार करने का मना बोला था पश्चात रावन साधु का भेष बनाकर आया और सीता को हरण करके विमान से ले गया राम के वापस आने पर सीता को नहीं पाया व्याकुल हो गए जटायु ने माता सीता को पहचान लिया जटायु ने सीता को पूर्ण आश्वासन दिया किंतु रावण ने जटायु को मार गिराया राम जटायु को उठाकर उसके शरीर पर हुए अनेक कष्टों कुछ क्षण में दूर कर दिया वहीं जटायू ने प्राण त्याग दिए राम ने जटायु का अग्नि संस्कार किया उसके पश्चात राम सीता की खोज में शबरी माता की झोपड़ी में पहुंचे शबरी माता को उनके गुरु ने बताया था यह तुझे भगवान राम के दर्शन होंगे 5 वर्ष से वह भगवान राम का रास्ता देख रही थी भगवान के लिए तो रोज फल एवं बेर इकट्ठे करती थी आज उसने राम को अपने झूठे बेर खिलाए भगवान भक्ति में जूठे बेर खा गए आज कथा में समाजसेवी सुरेश चंद्र पूरणमल जी जैन आचार्य पंडित नरेंद्र शर्मा को हार पहनाकर स्वागत किया तथा पप्पू भाई मित्र मंडल आरती में भाग लेकर अपने पुण्य अर्जित किए और बताया की कथा में कोई जरूरत हो तो मैं तन मन धन से सहायता करने को तैयार हूं पश्चात रामकथा का कैलेंडर का विमोचन समाजसेवी सूरज चंद पूर्ण मल जैन ने किया सुरेश चंद पूरणमल जैन के साथ उनके मित्र मंडल में हरिराम जी आनंद पडियार दिनेश बैरागी आदि मित्र उपस्थित है।
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