अम्बेडकर कमेटी के तत्वाधान में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध मे अनिश्चितकालिन धरना प्रर्दशन जारी
आलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में रविवार को अंबेडकर कमेटी के तत्वावधान में अनिष्चित कालिन धरना आंदोलन शुरू किया गया। धरना आंदोलन कर रहे लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लागू किया गया यह कानून देश हित में नहीं है। इससे देश में अराजकता और भय का वातावरण बना हुआ है। इस कानून से देशवासियों को तोड़ने का काम किया जा रहा है। यह देश सभी धर्म संप्रदाय का देश है लेकिन सरकार इस तरह का कानून लाकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ अन्याय कर रही है। इसके पूर्व में भी मुस्लिम संगठन के लोगों ने मौन-जुलूस निकाल कर इस कानून का विरोध किया। वहीं धरना आंदोलन कर एक बार फिर इस कानून को लेकर आवाज उठाई। नागरिकता संशोधन कानून को देशहित और मुस्लिम समाज के हित में न होने की बात कहते हुए उक्त कानून को वापस लिए जाने की मांग उठाई है। धरने पर मौजूद प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है की धरना शाहीनबाग (दिल्ली) की तरह उस समय तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार सीएए को वापस नहीं ले लेती है। स्थानिय कुम्हारवाड़ा क्षेत्र में रविवार की दोपहर करीब दो बजे 25-30 महिलाओं ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया। देखते ही देखते देर तक प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में महिलाएँ जमा होने लगी। धरना स्थल पर पहुँची महिलाओं द्वारा सीएए के विरोध में नारे लगाए जा रहे हैं। महिलाओं के हाथों में प्लेकार्ड पर सीएए वापस लो, काला कानुन वापस लो जैसे नारे लिखे हैं। धरने पर बैठी महिलाओं की जुबां पर देशभक्ति नारे हिन्दुस्तान जिन्दाबाद, इंकलाब जिन्दाबाद थे। महिलाओं के धरने पर बैठने की सूचना के बाद कई पुरुष प्रदर्शनकारियों का भी सोमवार को वहां जमावड़ा लग गया। महिलाओं के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी प्रदर्शन में शामिल थे। दस-बारह साल के कई बच्चे हाथों में तिरंगा लेकर नारे लगाते हुए अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं।
देष के अल्पसंख्यको कि चिन्ता करो
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के जिलाध्यक्ष अजहर चंदेरी सोनू ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी जी आप इस देश के प्रधानमंत्री है आपको इस देश के अल्पसंख्यको कि चिंता होनी चाहिए। दुसरे देश के अल्पसंख्यको को चिंता आप छोड़ दो। इस देश में माब ब्लिंगचिंग के नाम पर मुस्लिमो को मारा जा रहा है। पहले अखलाक फिर पहलु खान ऐसे कितने अल्पसंख्यको कि जान ली जाएगी। अगर इस देश के किसी मुस्लिम को अगर डिटेन्सन सेंटर जाना पड़ा तो सभी अल्पसंख्यक एक साथ जाएगें, ओर इस डिटेंसन सेंटर को मोदी जी के लिए टेंसन सेंटर बना देंगे।
कल तक वोट मांगने वाले नेता आज प्रमाण मांग रहे है
प्रदर्शन में शामिल सलमा आपा का भाजपा “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का नारा सिर्फ एक जुमला है। चुनाव से पहले कई भाजपा नेता जो हम से वोट माँगने आए थे, वह नेता अब हमसे नागरिकता का प्रमाण माँग रहे हैं। सीएए कानून हिन्दुस्तान में रहने वाले लोगों के बीच विभाजन करने की नीयत से लाया गया है।
प्रदर्शनकारी निलोफर मकरानी ने कहा कि हमें अपना लोकतांत्रिक अधिकार मालूम है और वह शांतिपूर्ण ढंग से सीएए के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर रही हैं। सीएए से सिर्फ देश में नफरत फैलेगी और कुछ नहीं होगा। इसलिए सरकार को इस कानून को तुरंत वापस लेना चाहिए। केंद्र की बीजेपी सरकार एनआरसी के माध्यम से मुसलमानों का उत्पीड़न कर रही है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की हमेशा से नीति विभाजनकारी रही है और सीएए लाकर सरकार नगरिकता को भी धर्म से जोड़ना चाहती है, जो संविधान के विरुद्ध है। हम सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेगे। संविधान ने जो उन्हें नागरिकता दी है उससे किसी कानून से खत्म नहीं किया जा सकता है। केंद्र सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि एनआरसी नहीं होगा जबकि गृहमंत्री अमित शाह कहते हैं सारे देश में एनआरसी आएगा।
Tags
jhabua