वेतन के बिना होमगार्ड सैनिक जमा नहीं कर पा रहे स्कूल फीस तो किसी के पास इलाज के लिए नहीं रुपए | Vetan ke bina homeguard sainik jama nhi kr pa rhe school fee

वेतन के बिना होमगार्ड सैनिक जमा नहीं कर पा रहे स्कूल फीस तो किसी के पास इलाज के लिए नहीं रुपए

वेतन के बिना होमगार्ड सैनिक जमा नहीं कर पा रहा स्कूल फीस तो किसी के पास इलाज के लिए नहीं रुपए

बालाघाट (देवेन्द्र खरे) - पुलिस के लिए काम ही नहीं बेगार करने के लिए तैनात रहने वाले होमगार्ड सैनिक तीन महीने से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। कोई अपने बच्चों की फीस नहीं भर पा रहा है तो किसी के पास बूढ़े मां-बाप के इलाज और दवाओं के लिए रुपए का टोटा है। वेतन के साथ ही बेटा-बेटियों की सगाई संबंधों की चर्चाएं शुरू हो गई है सो कुछ परिवार संबंध तय करने के दौरान आने वाले खर्च के इंतजाम के लिए भी तनाव झेल रहे हैं। यह वे मुश्किलें हैं जिनकी गिरफ्त में इनदिनों बालाघाट जिले में तैनात अधिकांश होमगार्ड सैनिक परिवार हैं। तीन महीने से वेतन नहीं मिलने के बाद भी ये सैनिक तय समय से पहले थानों, अधिकारियों के बंगलों और सरकारी दफ्तरों में अपनी ड्यूटी पर पहुंच जाते हैं लेकिन उनकी इस व्यथा को समझने और हल करने के लिए कोई संवेदनशील नहीं है।

जानकारी के अनुसार बालाघाट जिले में होमगार्ड सैनिकों के पद स्वीकृत हैं  ये सैनिक पुलिस थानों के अलावा विभिन्न विभाग, न्यायालय, अधिकारियों के बंगलों पर भी ड्यूटी करते हैं। सैनिकों को सितम्बर माह में आखिरी वेतन मिला था उसके बाद से खाते खाली पड़े हैं। होमगार्ड सैनिक कई बार अपने विभाग व ट्रेजरी के चक्कर काट चुके हैं लेकिन खाते में राशि न होने की बात कहकर टाल दिया जाता है। वहीं सारे
फीके लग रहे त्यौहार

वहीं होमगार्ड लाइन में तैनात सैनिकों के चेहरे पर इनदिनों उदासी बनी  है। बात   छुट्टियों की हो या त्यौहार पर खरीदारी की वे उस पर कोई प्रतिक्रिया देने से भी कतराते हैं। एक सैनिक ने बताया कि छह माही परीक्षा का समय आ गया है। बेटे की चार महीने की फीस जमा करना है। स्कूल से भी बार-बार खबर आने लगी है। बेटा भी कहता है लेकिन रुपए ही नहीं है। वहीं दूसरे उम्रदराज सैनिक ने बताया कि त्यौहार के बाद बेटी के लिए रिश्ता देखा है बात पक्की हो गई तो खर्च करना पड़ेगा लेकिन अभी तो कर्ज की स्थिति बनी हुई है। एक अन्य सैनिक ने बताया कि दूसरे विभाग के कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है इसलिए वे त्यौहार पर नए कपड़े-सामान खरीद रहे हैं जिसे देखकर उनके बच्चे भी कहते हैं लेकिन वे अपनी खस्ता हालत के कारण असहाय बने हुए हैं।

नियमित वेतन न मिलने से सैनिकों में निराशा के सवाल पर होमगार्ड कमांडेंट श्री पंद्रे ने बताया कि उन्हें  वेतन के भुगतान की जानकारी दी गई है। यह भी बताया गया है कि जल्द की शेष दो माह अक्टूबरऔर नवम्बर की राशि भी भुगतान के लिए ट्रेजरी पहुंच जाएगी। जिला कमांडेंट पंद्रे के अनुसार वेतन के बिल भी तैयार हैं। यदि किसी सैनिक को व्यक्तिगत रूप से परेशानी है वे उनके पास पहुंचकर परेशानी साझा कर सकते हैं

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