रेत माफियाओं के आगे प्रशासन नतमस्तक बेखौफ खनन जारी
धामनोद (मुकेश सोडानी) - क्षेत्र में जलस्रोतों के मुहानों पर रेत चोर सक्रिय हैं खुलेआम रेत खनन के साथ ही परिवहन का काम व्यापक पैमाने पर चल रहा है। जवाबदार विभाग कभी कभार सिर्फ परिवहन होती रेत के ट्रैक्टरों को पकड़ने की कार्रवाई करता है। मौके पर पहुंचकर कोई कार्रवाई नहीं होने से इस रेत खनन पर लगाम नहीं लग पा रही। अब तो हालात यह हो गए हैं कि नदी किनारे वाले गांव में दिनभर खुले में ही रेत निकालने का काम जोरों पर चल रहा है शनिवार को भी ग्राम बलवारी धार फाटा छेत्र में स्थित कारम नदी के तट को छलनी कर रेत निकालकर ट्रॉलियों में भरने का काम करते लोग देखे गए। रेत चोर गांव के लोगों की मौजूदगी में दिनभर नदी के तटों को छलनी कर रेत निकाल रहे हैं। आसपास सभी गांवो में रोजाना पूरे दिन यही नजारा देखने को मिला जहां से भी नदियां प्रवाहित हो रही है, वहां कई छोटे बड़े खालों में व्यापक पैमाने पर अवैध रेत का खनन हो रहा है।
राजस्व की खुली चोरी
खनन कारोबारी रेत खनन कर हर माह लाखों रुपए के राजस्व की चोरी कर रहे हैं। क्षेत्र में प्रवाहित हो रही नदियों के मुहानों से करीब 200 ट्रॉली अवैध रेत का परिवहन प्रतिदिन हो रहा है। ऐसे में लाखों रुपए की राजस्व की चोरी हर दिन हो रही है। क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन की पूरी जानकारी खनिज विभाग व राजस्व विभाग में नीचे से लेकर ऊपर बैठे सभी अधिकारियों को है, बावजूद इस ओर कोई कार्रवाई नहीं होना कई सवालों को जन्म देती है।
बेखौफ हो चुके हैं खनन कारोबारी
अवैध खनन के कारोबार में लिप्त इन लोगों को न तो प्रशासन के किसी अधिकारी का डर रहता है और न हीं किसी अन्य का। इससे सिद्ध होता है कि कुंडा नमर्दा नदी के किनारों को देखा जाए तो रेत चोरों ने खनन की सारी पराकाष्ठा को लांघते हुए बड़े गड्ढे खोद दिए हैं। कभी कभार की कार्रवाई को छोड़ दे तो हर दिन रेत चोर अपना काम मनमर्जी से करते आ रहे हैं।
चारों तरफ छलनी कर रहे नदी
तहसील मुख्यालय के चारों दिशाओं में 20 किमी के दायरे में नदियों व खालों के मुहानों पर अब दंबंगों का राज कायम है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भले ही नदियों के मुहानों पर खनन पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन अफसरों की लापरवाही या यूं कहें कि अफसरों में ही खनन को रोकने का साहस नहीं जुटा पाने से इन अवैध रेत खनन के बाद परिवहन करने वाले के हौंसले बुलंद हो गए हैं। उत्खनन करने के बाद रेत माफिया अवैध रेत से भरी ट्रालियां रातोरात बेच देते हैं। दलालो की खबर मिलते ही ग्राहक के यहां रेत डाल दी जाती है। यहीं नहीं नर्मदा की तरह ही रेत माफियां अपनी अवैध रेत से भरी ट्राली गांवों में भी चौक चौराहों पर खड़ी रखते हैं। जिन पर ध्यान देने वाला कोई नहीं हैं।
समीपस्थ ग्राम बलवारी के पास कारम नदी में रेत का अवैध खनन भी जोर-शोर से चल रहा है । प्रशासन ओर अफसरो के सुस्त रवैये का फायदा खनन अवैध कारोबारी उठा रहे है । यह लोग बेखौफ दिन दिनदहाड़े जेसीबी मशीनो से नदी को खोखला करने में लगे हुए हैं जिसे प्रशासन रोकने मे नाकाम साबित हो रहा है । अधिकारियो की अनदेखी के कारण दुधी. बलवारी, जैतापुर, व मागबेडा नापी बलवारी लालबाग बासवी गूजरी बेगन्दा पंडानिया में पहाड़ीयो को मूरम व नदी में रेत की नामी खदाने बना दी गई है । खनन कारोबारी चरनोई भूमि व कारम नदी को नष्ट करने मे लगे हुए है एंव लगातार बिना अनुमति बिना रायल्टी के मूरम व रेत ढो रहे है जिसके कारण शासन को लाखो रूपये का राजस्व का नुकसान हो रहा है बाद भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई नही करना कही न कही उनकी कार्यप्रणाली पर प्रश्नात्मक चिन्ह लगा रहा है कई बार ग्रामीणो ने राजस्व विभाग को अवैध खनन की मोबाइल पर सूचना दी साथ ही शिकायत भी की लेकिन कभी कार्यवाही नहीं हुई
रोड पर करते हैं भंडारण
अवैध रेत का भंडारण बेखोफ होकर है कई बार जवाबदारों को अवगत कराने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ जांच का आदेश दे रहे हैं लेकिन कभी भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की हुई पहाडियों व नदी की खुदाई दीन रात दोनों में बेखौफ होकर जारी है इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी को कई बार अवगत भी कराया लेकिन टीम भेजकर कार्यवाही करने की बात कह कर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली जिसका नतीजा अभी हो सामने आ रहा है कि क्षेत्र में रेत माफिया खुलेआम खनन कर जमीन को खोखला कर रहै है
अधिकारियों की कार्रवाई रात में यह भी प्रश्नात्मक चिन्ह
खुले में पूरे दिन क्षेत्र में वाहन बेखौफ होकर रेत का परिवहन करते हैं लेकिन राजस्व विभाग की कार्रवाई रात में होना या जांच भी वाहनों की रात में करना एक विचारणीय प्रश्न है 2 दिन पूर्व भी राजस्व विभाग के जवाबदार ने दुद्धी क्षेत्र में खनन की जात रात में की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई अब सवाल यह उठता है कि दिन में देखो भोकर परिवहन करने वाले ट्रैक्टर जेसीबी और अन्य वाहनों पर कार्यवाही नहीं होना और रात में जांच होना इसका मूल कारण भी समझ से परे है उपरोक्त विषय में जिला खनिज अधिकारी एम एल खटिया को कई बार अवगत कराया लेकिन टीम भेजकर कार्रवाई करता हूं कह कर उन्होंने हमेशा जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा है जिसका नतीजा अब यह है कि खनन कारोबारी बेखौफ हो चुके हैं
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