मुक्ता ढोलेकर बनी लगातार दूसरी बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य | Mukta dholekar bani lagatar dusri bar akhil bhartiya vidhyarthi parishad

मुक्ता ढोलेकर बनी लगातार दूसरी बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य

संगठन में सक्रियता को देखते हुए मिली जिम्मेदारी

मुक्ता ढोलेकर बनी लगातार दूसरी बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य

आमला (रोहित दुबे) - अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्य भारत प्रांत का 52 वा प्रांतीय  अधिवेशन खंडवा में संपन्न हुआ इस अधिवेशन में मध्य भारत प्रांत के 34 जिलों से 697 छात्र 124 छात्राएं प्राध्यापक और पांच अतिथि आए हुए थे यह अधिवेशन तीन दिवसीय था इस अधिवेशन में आए छात्र-छात्राओं को संगठन की कार्य पद्धति एवं कार्यशैली के बारे में बताया और देश के प्रति छात्र-छात्राओं में राष्ट्रप्रेम जगाने की बात कही विद्यार्थी परिषद कि इकाई  आमला से छात्रा नेत्री मुक्ता ढोलेकर  को प्रांतीय अधिवेशन में  संचालन समिति में भी जगह मिली यह समिति पूरे अधिवेशन का संचालन करता है उनकी कार्य छमता को देख लगातार दूसरी बार प्रांत कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है उन्हें  यह जिम्मेदारी संगठन में अपनी सक्रियता और उनकी कार्यशैली से अपना लोहा तो मनवाया साथ ही छात्रा होते हुए भी  पूरे जिले में भ्रमण कर अपने कार्य क्षेत्र को बढ़ाया इसी को देखते हुए उन पर संगठन ने दोबारा भरोसा जताया है बता दें कि वर्तमान में मुक्ता ढोलेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जिला छात्रा प्रमुख की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं गौरतलब है कि पूर्व में वे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर शासकीय महाविद्यालय आमला में वर्ष 2017 में हुए छात्र संघ चुनाव में निर्दलीय छात्रसंघ की  अध्यक्ष भी  चुन्नी गई थी।

मुक्ता की छात्र राजनीति में ऐसे हुई दस्तक

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर शासकीय महाविद्यालय आमला की छात्र रही मुक्ता ढोलेकर स्पोर्ट्स में बहुत सक्रिय थी व अन्य जगह भी कॉलेज की तरफ से खेलने भी कई बार गई जिससे उन्हें कालेज में अपनी एक नई पहचान बनाई फिर वह वर्ष 2017 में एबीवीपी से संपर्क में आई वह उसी वर्ष हुए प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव जिसमें आमला कॉलेज से कक्षा प्रतिनिधि चुनने के बाद वे निर्दलीय एबीवीपी के छात्र संघ अध्यक्ष बनी वहीं दूसरी ओर एनएसयूआई के पदाधिकारी अपने अध्यक्ष पद के प्रतिनिधि  का कोरम भी पूरा नहीं कर पाए  थे जिससे वह निर्दलीय चुनी गई और सुर्खियों में आयी अध्यक्ष बनने के बाद वह महाविद्यालय में और सक्रिय हो गई छात्र राजनीति के माध्यम से छात्रों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करना वह उनकी बुलंद आवाज बनकर  छात्रा नेत्री के रूप में उभरी यहां तक का सफर तय करने के लिए मुक्ता ढोलेकर  ने बताया कि उनके पिता जयकिशोर ढोलेकर ने   उन्हें पूरा सहयोग किया  वहीं उन्होंने संगठन के कार्यकर्ता पदाधिकारी ने भी उन्हें पूरा सहयोग किया जिसके कारण आज इस मुकाम पर है जिम्मेदारी मिलने पर नीलेश राठौर नीलेश सोनी नितिन खातरकर रवि राठौर छोटेलाल बामने पंकज पाल  छोटू यादव कपिल निरापुरे वंदना ठाकरे भारती झाड़े शिवानी सोनी बड़ी संख्या में बधाई व सुभकामनाये दी ।

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