जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी ने टीबी कर्मियों को दिया प्रषिक्षण
प्रशिक्षणार्थियों ने अमल में लाने की कहीं बात
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - आरएनटीसीपी की ओर से जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ. जितेन्द्र बामनिया ने सीबीसीआई कार्ड संस्था के 25 टीबी कर्मियो को प्रशिक्षित किया। जिसमें टीबी बीमारी को अत्यधिक सरल तरीके से बताया गया।
डॉ. जितेन्द्र बामनिया ने बताया कि टीबी का कीड़ा अक्सर सांस के माध्यम से फैंफड़ों में चला जाता है और वहां पर अपना घर कर लेता है और पनपता रहता है, जब तक की वह अपनी तादाद नहीं बढ़ा लेता। इस दौरान मरीज में लगातार खांसी के लक्ष्ण दिखाई देने लगते है। यदि रोगी जागरूक और षिक्षित होता है तो वह दो हफतों से ज्यादा खासी होने तुरंत अपने बलगम की जांच समीपस्थ स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच करवाता है और समुचित उपचार करवाकर टीबी बिमारी से ठीक भी हो जाता है। अज्ञानतावष एवं अषिक्षित ग्रामीण फिर भी बाजार से खांसी की दवाई लेता रहता है और इस प्रकार बिमारी को लंबा कर देता है।
टीबी का डायरेक्ट ट्रीटमेंट या डॉट्स ही समाधान
डॉ. बामनिया ने आगे बताया कि डायरेक्ट ट्रीटमेंट या डॉट्स ही इसका संपूर्ण समाधान है, क्योकि काफी रिसर्च के बाद नए तरीके से इस दवाई को डब्ल्यूएचओ ने लागू किया है। प्रशिक्षण के दौरान अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी गई। अंत में सभी प्रषिक्षणार्थियों ने जिला क्षय अधिकारी का आभार मानते हुए इसे अपने कार्यक्षेत्र में अमल करने का वचन दिया। इस अवसर पर एपीएम प्रकाश डामोर, डीपीसी राजेश एवं सीबीसीआई कार्ड संस्था के समन्वयक जोन मंडोरिया आदि उपस्थित थे।
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