जिला मलेरिया अधिकारी ने बीते वर्षों के मलेरिया के ऑकड़ें और उस पर की गई रोकथाम से करवाया अवगत | Jila maleria adhikari ne bite varsho ke maleria ke ankde

जिला मलेरिया अधिकारी ने बीते वर्षों के मलेरिया के ऑकड़ें और उस पर की गई रोकथाम से करवाया अवगत

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मीडिया कार्यशाला का किया गया आयोजन

जिला मलेरिया अधिकारी ने बीते वर्षों के मलेरिया के ऑकड़ें और उस पर की गई रोकथाम से करवाया अवगत

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक दिवसीय मीडिया कार्यषाला का आयोजन 28 दिसंबर, शनिवार को दोपहर 3.30 बजे से मुख्य एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पर किया गया। जिसमें उपस्थित प्रभारी सीएमएचओ डॉ. निसार खान पठान ने सघन मिषन इंद्रधनुष 2.0 एवं राष्ट्रीय पल्स पोलियों अभियान के बारे में जानकारी दी। जिला मलेरिया अधिकारी डीएस सिसौदिया ने मलेरिया एवं डेंगू के जिले में पिछले वर्षों के ऑकड़े बताकर स्वास्थ्य एवं मलेरिया विभाग द्वारा इन ऑकड़ों में लाई गई कमी से अवगत करवाया। वहीं जिला नोडल अधिकारी कोमल राठौर ने 108 एंबुलेंस और जननी सुरक्षा वाहन के बारे में बताया कि यह वाहन 24 घंटे निःषुल्क मरीजों के लिए उपलब्ध रहता है।

सर्वप्रथम जिला मलेरिया अधिकारी डीएस सिसौदिया ने जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया 4 प्रकार का होता है। सबसे न्यूनतम 0 एवं सबसे अधिकतम 3 तक मार्किंग होती है। मलेरिया का यह प्रकार 1000 हजारों मरीजों की वायरल फीवर में से जांच के आधार पर निकाला जाता है। मलेरिया फ्री बनाने के लिए जिला मलेरिया विभाग को पूर्व में प्रमाण-पत्र भी प्राप्त हो चुका है। भारत सरकार का उद्देष्य है कि वर्ष 2027-2030 तक देष को मलेरिया को 0 केटेगरी में लाना है। श्री सिसौदिया ने वर्ष 2014 से 2019 तक के ऑकड़े बताए कि लगातार मलेरिया के ऑकड़ों में कमी आई है। केवल वर्ष 2015-16 में यह ऑकड़ा बढ़ा था, उसके बाद लगातार घटा हे। इसके साथ जिले में मलेरिया की रोकथाम के लिए मच्छरदानियों का वितरण कार्य भी जारी है। वर्ष 2017 से 2019 तक 3 लाख 35 हजार से अधिक मच्छरदानियों का वितरण किया जा चुका है। इस तरह 2 लाख परिवारों को कवर करने का कार्य किया गया है। इसके साथ ही 5 हजार 682 होस्टलों एवं अवासीय परिसरों में भी मच्छरदानी वितरित की गई है, चूंकि छात्रावासो और आवसीय परिसरों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को भी मच्छरों के काटने से उन्हें मलेरिया होने की षिकायत अधिक रहती है, इसलिए उन्हें भी सोते समय मच्छरदानी की सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रयास किए गए है। वर्ष 2020 में 4 लाख मच्छरदानियां ओर वितरण करने का लक्ष्य है।

306 मलेरिया केस में से 76 हल किए गएं

डीएस सिसौदिया ने बताया कि मलेरिया के पिछले वर्षों के 306 केस में से 76 केस हल किए गए। जिसमें आषा कार्यकर्ताओं की भूमिका भी सराहनीय रहीं है। इसके साथ ही आयुष विभाग एवं होम्योपैथिक विभाग के माध्यम से वर्ष 2017 में 11, 2018 में 4 एवं 2019 में 9 केस मलेरिया के हल किए गए। वर्ष 2019 में 1 केस आषा कार्यकर्ता के माध्यम से भी प्राप्त हुआ। मलेरिया में जितनी जल्दी मरीज का उपचार मिलेगा, उतनी ही जल्दी उसेलाभ भी प्राप्त होगा। इसी बीच मलेरिया विभाग द्वारा मलेरिया की रोकथाम के लिए 1 से 2 लाख गंबुसिया मछलियां डालने का भी कार्य किया गया है।

वर्ष 2019 में सरकारी ऑकड़े में डेंगू का एक केस आया

डेंगू की जानकारी श्री सिसौदिया ने देते हुए बताया कि जिले में प्रायः डेंगू जैसी जानलेवा बिमारी के मरीज कम ही पाए जाते है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से डेंगू की पुष्टि भी होने लगी है। वर्ष 2019 में डेंगू का एक प्रकरण रानापुर में एक कालिका निलोफर के रूप में सामने आया। डेंगू स्वाईन फलू से भी खतरनाक बिमारी है। जिसके उपचार के रूप में अलग-अलग सिमटन (रोगों) की अलग-अलग जांच होने के साथ अलग-अलग उपचार हे। प्रायः डेंगू से पीडि़त लोग गुजरात एवं मप्र के बड़े शहरों में जाकर ही उपचार करवाना पसंद करते है, जबकि झाबुआ जिले में भी डेंगू की जांच के साथ इसका उपचार भी संभव है।

सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान 6 से 16 जनवरी तक

बाद जानकारी देते हुए प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पठान ने बताया कि सघन मिषन इंद्रधनुष 2.0 अभियान आगामी 6 से 16 जनवरी 2020 तक संचालित होगा। इसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में पिछले दिनों ट्रास्क फोर्स की बैठक संपन्न हो चुकी है। यह अभियान चार चरणों में चलेगा। पहले 2 से 12 दिसंबर तक प्रथम चरण हो चुका हे। दूसरा चरण 2020 में जनवरी में 6 से 16 जनवरी और तीसरा चरण फरवरी तथा चौथा एवं अंतिम चरण मार्च माह में संचालित होगा। सघन मिषन इंद्रधनुष अभियान में 0-2 वर्ष तक के बच्चों को संपूर्ण टीके लगाया जाना है।

राष्ट्रीय पल्स पोलियों अभियान 19 से 21 जनवरी तक

इसके साथ ही राष्ट्रीय पल्स पोलियों अभियान आगामी 19 से 21 जनवरी तक संचालित होगा। जिसमें 0 से 5 वर्ष तक के बच्चें को पोलियों की दवा पिलाई जाएगी। प्रथम दिन जिले में बनाए गए बुथों पर एवं दूसरे तथा तीसरे दिन घर-घर जाकर बच्चों को दवाई पिलाने का कार्य किया जाएगा। पिछले चरण में 1 लाख 93 हजार 219 के लक्ष्य से भी बढ़कर 2 लाख 13 हजार 998 बच्चों के दवाई पिलाने का कार्य सफलतापूर्वक किया गया। डॉ. पठान ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि आगामी चरण में भी लोग अपने बच्चो को शत-प्रतिशत दवाई पिलाने का कार्य करे, ताकि पोलियों जैसी बिमारी बच्चों में ना फैले।

108 एंबुलेंस और जननी सुरक्षा वाहन निःशुल्क रूप से उपलब्ध

अंत में जिला नोडल अधिकारी कोमल राठौर ने 108 एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस वाहन के बारे में बताया कि यह वाहन 24 घंटे रोगियों एवं घायलों की सुविधा के लिए तत्पर रहते है। 108 एंबुलेंस से गंभीर रोगियों एवं घटना-दुर्घटना में गंभीर घायलों को जिला चिकित्सालयों या समीपस्थ स्वास्थ्य केंद्रों में निःषुल्क रूप से लाने एवं ले जाने का कार्य किया जाता है वहीं जननी सुरक्षा वाहन गर्भवती महिलाआें और बच्चों को लाने एवं ले जाने का कार्य निःषुल्क रूप से करती है। नोडल अधिकारी राठौर ने जिले के लोगों से जरूरत पड़ने पर इन दोनो वाहनों के नंबर पर कॉल कर यह सुविधा का लाभ हेतु अपील की।

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