हैदराबाद रेप-मर्डर केस में चारो आरोपी पुलिस एकानउंटर में मारे जाने से भारतीय स्त्री संगठन ने जाहिर की खुशी | Hydrabad rape murder case main charo aropi police encounter main maare jane se

हैदराबाद रेप-मर्डर केस में चारो आरोपी पुलिस एकानउंटर में मारे जाने से भारतीय स्त्री संगठन ने जाहिर की खुशी

मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करवाया, महिलाओं ने व्यक्त की अपनी-अपनी प्रतिक्रिया

हैदराबाद रेप-मर्डर केस में चारो आरोपी पुलिस एकानउंटर में मारे जाने से भारतीय स्त्री संगठन ने जाहिर की खुशी

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - देश के तेलंगाना राज्य के हैदराबाद शहर में पिछले दिनों हुए एक महिला डाॅक्टर का सामूहिक रेप बाद उन्हें जिंदा जलाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। देष में चहूं ओर इस रेप कांड और जघन्य हत्या के आरोपियों को तत्काल फांसी की सजा देने की मांग की जा रहीं थी। इसी बीच 6 दिसंबर, शुक्रवार को अलसुबह यह खबर आई कि इस सनसनी खेज रेप एवं मर्डर कैस के चारो आरोपियो को हैदराबाद पुलिस ने मुठभेड़ में उनका एनकाउंटर कर मार गिराया है। जिससे संपूर्ण देष में जष्न का माहौल व्याप्त हो गया हे।

इसी बीच जिला मुख्यालय झाबुआ पर भी भारतीय स्त्री संगठन, जो देश में महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके अधिकारों के लिए काम करता है। संगठन ने हैदराबाद पुलिस की इस एनकाउंटर की कार्रवाई पर प्रसन्नता व्यक्त की है। साथ ही संगठन से जुड़ी महिलाओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करवाने के साथ जीत का सिंबोल दिखाकर अत्यधिक खुषी जाहिर की। अपनी प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए भारतीय स्त्री संगठन की प्रादेषिक एवं जिला स्तर की पदाधिकारियों ने हैदराबाद पुलिस को धन्यवाद देते हुए इसी तरह पिछले 7 वर्ष पूर्व हुए निर्भया रेप एवं मर्डर केस में अब तत्काल फास्ट ट्रेक कोर्ट का गठन कर आरोपियों को फांसी पर लटकाने की सजा देने की मांग की है। 

पूरे देष की महिलाएं हैदराबाद पुलिस पर महसूस कर रहीं गर्व 

शहर के राजगढ़ नाके पर स्थित गार्डन में भारतीय स्त्री संगठन की प्रदेष अध्यक्ष श्रीमती किरण शर्मा, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य सुषमा दुबे, झाबुआ जिला उपाध्यक्ष प्रवीणा माथुर, जिला कोषाध्यक्ष किर्ती देवल, अर्चना सिसौदिया, सुश्री रूक्मणी वर्मा, अंजु शर्मा, लता देवल, पवित्रा शर्मा आदि ने एकत्रित होकर हैदराबाद पुलिस की रेप-मर्डर केस में आरोपियों के एनकाउंटर की कार्रवाई पर प्रसन्ना व्यक्त करते हुए अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी है। इस अवसर पर संगठन की प्रदेष अध्यक्ष श्रीमती किरण शर्मा ने कहा कि तेलंगाना पुलिस का एक अत्यधिक साहसिक कदम है। जब आरोपी पुलिस हिरासत से भाग रहे थे, तो उनका एनकाउंटर किया। इससे आज महिला डाॅक्टर एवं उनके परिवारजनों को न्याय मिला है। इससे पूरे देष में खुशी का माहौल है। संगठन की प्रांत कार्य समिति सदस्य सुषमा दुबे ने कहा कि इस घटना को लेकर देश भर में विषेशकर महिलाओ में गहरा आक्रोश होकर दुख भी था। आज जो पुलिस ने अपराधियों के भागने पर उन्हें फायर मार गिराया है, उससे अब आने वाले समय में भी इस तरह की घटना करने वाले अपराधियों में खौफ का माहोल पैदा होगा और वह इस तरह का कृत्य करने से पहले 100 बार सोचेंगे।

उन्नाव की घटना में भी मिले तत्काल न्याय

भारतीय स्त्री संगठन की जिला उपाध्यक्ष प्रवीणा माथुर ने कहा कि देश में हैदरबाद की तरह ओर इस तरह की अन्य घटनाएं भी है। ताजा मामला उन्नाव का भी है। इन मामलों में भी देष की सरकारों, पुलिस के साथ फास्ट ट्रेक कोर्ट गठित कर आरोपियों को अतिशीध्र फांसी के फंदे पर लटकाया जाना चाहिए। लता देवल ने कहा कि आज देश में महिलाओ के साथ रेप और हत्या के अपराधो में निरंतर वृद्धि हो रहीं है। पुलिस की इस नायाब कार्रवाई से अपराधों का ग्राफ घटेगा। कानून में रहकर हैदरबाद पुलिस ने आरोपियों का एनकाउंटर किया। यह सराहनीय कार्य हे। 

निर्भया को भी जल्द मिलना चाहिए न्याय 

इस अवसर पर सुश्री रूक्मणी वर्मा ने कहा कि हैदराबाद पुलिस द्वारा आरोपियों से मुठभेंड में जो उन्हें मार गिराया है, यह निर्णय साहसिक है। इससे देश की महिलाओं को आशा जागी है कि उन्हें अब समय पर न्याय मिलने लगेगा। अर्चना सिसौदिया ने कहा कि दिल्ली में निर्भय कांड में भी उनके परिवारजनांे को 7 साल बीत जाने के बाद भी अब तक न्याय नहीं मिल सका है। भारतीय स्त्री संगठन के माध्यम से हमारी मांग है कि इस घटनाक्रम में भी जल्द ही आरेापियों की फांसी मिले और परिवाजनों को न्याय प्राप्त हो। 

विषेष बेंच (पीठ) गठित कर तत्काल आरेापियों को हो सजा

भारतीय स्त्री संगठन की जिला कोषाध्यक्ष किर्ती देवल ने भारत सरकार एवं उसके मुखिया देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करते हुए कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार ने बड़े साहसिक रूप से कष्मीर से 370 हटाई, उसी तरह का साहसिक कदम या निर्णय देष में महिलाओं के साथ होने वाले बलात्कार, अपहरण एवं हत्या जैसे मामलों में भी लिए जाना चाहिए। ऐसे मामलों में एक विषेष बेंच (पीठ) का गठन होकर वह तत्काल फैसला कर आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दे।

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