गणेश घाट में होती है दुर्घटना घायलों को करना पड़ता है इंदौर रेफर विधायक ने की ट्रामा सेंटर की मांग | Ganesh ghat main hoti hai durghatna ghayalo ko krna padta hai indore refer

गणेश घाट में होती है दुर्घटना घायलों को करना पड़ता है इंदौर रेफर विधायक ने की ट्रामा सेंटर की मांग

गणेश घाट में होती है दुर्घटना घायलों को करना पड़ता है इंदौर रेफर विधायक ने की ट्रामा सेंटर की मांग

धामनोद (मुकेश सोडानी) - गणेश घाट में सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती है इसलिए  कई बार घायलों को इंदौर रैफर करना पड़ता है इस दौरान कई घायल रास्ते में दम तोड़ देते हैं अब विधायक पाचीलाल मेड़ा ने विधानसभा में  स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से धामनोद में ट्रामा सेंटर खुलवाने की मांग की है जिससे  मरीजों को राहत मिल सके  विधायक मेड़ा ने बताया कि विगत दिवस विधानसभा में  शासकीय अस्पताल में कमियों को लेकर  गुजरी में अतिरिक्त बेड और अन्य  मांडव आदि जगह पर जहां विदेशी पर्यटक आते हैं स्वास्थ्य सुविधा में बढ़ोतरी के लिए  प्रश्न उठाया  जिसमें प्रमुख रूप से धामनोद में ट्रामा सेंटर खोलने की मांग की गई विधायक ने गणेश घाट में हुई दुर्घटना दुर्घटना के आंकड़े बताते हुए मंत्री सिलावट से जल्द धामनोद में ट्रामा सेंटर खोलने की बात की जिस पर मंत्री सिलावट  ने  ट्रामा सेंटर खुलवाने के लिए विधायक को आश्वासित किया 

क्या होता है ट्रामा सेंटर में

हड्डी रोग चिकित्सक की तैनाती

ट्राम सेंटर में  हड्डी रोग चिकित्सकों की तैनाती अलग से होती है इसके बादएक्सरे टेक्नीशियनों की भी भर्ती अलग होती है।

करोड़ो का  बजट है 

ट्रॉमा सेंटर का कुल बजट करोड़  रुपये से अधिक  है। इसमें डॉक्टरों, टेक्नीशियनों के अलावा उपकरण भी शामिल हैं। उपकरणों की खरीद फरोख्त इसी बजट से की जाएगी। टॉमा सेंटर बनने से हादसों में घायल होने वालों का बेहतर इलाज हो सकेगा ट्रॉमा सेंटर में अलग से स्टाफ रखा जाएगा ताकि यह सुचारु रूप से चल सके। यहां पर सर्जन, एनस्थेटिक, आर्थोपेडिक सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, ईएमओ आदि डॉक्टरों की तैनाती होगी। विशेषज्ञ रखे जाएंगे ताकि दो शिफ्टों में टॉमा सेंटर को चलाया जा सके। इसके अलावा स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय, फार्मासिस्ट आदि भी अलग ही रखे जाएंगे। ट्रॉमा सेंटर में 50 से अधिक कर्मचारियों को स्टाफ तैनात रहता है 

वेंटिलेटर तक की होगी व्यवस्था

टॉमा सेंटर के लिए आधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके लिए कलर एक्सरे, डिजिटल अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, वेंटीलेटर और आईसीयू की भी व्यवस्था होगी।

अभी इंदौर करना पड़ता है रेफर

शहर और आसपास के इलाके में अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो उनके घायलों के इलाज के लिए उचित व्यवस्था नहीं है। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर उन्हें इंदौर रेफर करते हैं। गंभीर रूप से घायलों को केवल प्राथमिक उपचार किया जाता है यदि ट्रामा सेंटर के शुरू हो  जाता है तो कई लोगों को फायदा मिलेगा।

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