मार्च 2020 तक कैसे होगा रोड का पूरा काम अब जनता परेशान | March 2020 tak kese hoga road ka pura kaam ab janta pareshan

मार्च 2020 तक कैसे होगा रोड का पूरा काम अब जनता परेशान

मार्च 2020 तक कैसे होगा रोड का पूरा काम अब जनता परेशान

धामनोद (मुकेश सोडानी) - धामनोद से मनावर तक बनने वाले रोड का निर्माण कार्य  अधूरा छोड़ दिया गया  अब स्थिति यह है कि यहां पर लोग  परेशान हो रहे हैं पूरे दिन रोड पर धूल उड़ती है  ठेकेदार  को  मार्च 2020 तक इस कार्य को पूरा करना है जो अब कहीं से कहीं तक मुमकिन नजर नहीं आ रहा  इस रोड की दुर्दशा सुधारने के लिए  जनप्रतिनिधि भी खामोश है स्थिति यह है कि सैकड़ों  गुजरने वाले किसान और राहगीर  अब परेशान है  गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग मनावर के अंतर्गत 150.29 करोड़ रूपये की लागत   के धामनोद  से व्हाया कालीबावड़ी उमरबन मनावर टू लेन सीसी रोड़ दुरी 56.11 किलोमीटर के रोड का निर्माण कार्य पिछले  चार महीनों से बंद होने से यात्री वाहनों ओर ग्रामीणों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है ! 56.11 किलोमीटर के इस रोड़ में जगह जगह बड़े बड़े बड़े गड्ढे हो गए है, यात्री बसे जान जोखिम में डाल यात्रियों को गंतव्य तक पहुचा रही है ! निजी वाहनों से धामनोद जाने वाले मुसाफिर 4 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगा कर चन्दावड़ से भुवानिया से सुंद्रेल मार्ग से धामनोद पहुच रहे है !वही उमरबन जाने वाले बामनपुरी से सुराणी वाले मार्ग से 10 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर उमरबन जा रहे  है ! सबसे ज्यादा खराब स्थिति उमरबन से भानपुरा सोंढुल रोड़ की है जहां कम्पनी  ने कार्य ही प्रारंभ नही किया है ! 

मार्च 2020 तक कैसे होगा रोड का पूरा काम अब जनता परेशान

विधानसभा चुनाव से पूर्व हुआ था कार्य प्रारंभ

निर्माण कम्पनी के द्वारा विधानसभा चुनाव से पूर्व केसरपुरा फाटा से पंधानिया तक रोड़ को चोड़ा कर मुरमीकरण करने का कार्य प्रारंभ करने के बाद पिछले चार माह से निर्माण कार्य बंद है !  निर्माण कम्पनी ने अपने प्रोजेक्ट केम्प से सामान भी समेट लिया है।  बड़े बड़े ट्रकों में ये सामान कम्पनी की दूसरी साईड जो सेंधवा की ओर चल रही है ले जाया जा रहा है ! 

नही हो रहा भुगतान

जब निर्माण कार्य बंद होने के कारणों को जानना चाहा तो पता चला कि कम्पनी को शासन के द्वारा अब तक किए कार्य का पूरा भुगतान मप्र में नई सरकार आने के बाद लोक निर्माण विभाग के पास फंड की  नही होने से पूरे प्रदेश में पीडब्ल्यूडी विभाग मात्र 20 प्रतिशत ही राशी दी गई है ! सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि रोड़ निर्माण कम्पनी ने अब तक 7 करोड़ रुपये का निर्माण कार्य किया जा चुका है जिसके एवज में कम्पनी को मात्र 70 लाख रुपये का ही भुगतान हो पाया है ! 

निर्माण कार्य  की पूरी राशी नही मिलने से कम्पनी ने यहां से अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया है ! यही कारण है कि कम्पनी अपने प्रोजेक्ट स्थल की साइड सामान अन्य साइड पर ले जा रही है ! 

सड़क निर्माण में मील का पत्थर है मनावर व्हाया उमरबन कालीबावड़ी धामनोद रोड़

मनावर-टोकी-भानपुरा-उमरबन-कालीबावड़ी- पूर्व शिवराज सरकार की  कैबिनेट में अनुपूरक बजट में रोड़ निर्माण की अनुमति दी गई थी ! 

जिसके बाद कम्पनी ने अपना प्रोजेक्ट ऑफिस केसरपुरा फाटा पर लगाकर  केसरपुरा फाटा से धामनोद के पंधानिया तक रोड़  टु लेन सीसी रोड़ पर मुरमीकरण कार्य प्रारंभ किया था ! लेकिन प्रदेश सरकार बदलते ही मनावर से धामनोद तक 56.11 किमी. बनने वाली इस टू-लेन सीमेंट कांक्रीट रोड़ की चौड़ाई 7 मीटर की होगी, जिसकी लगभग लागत राशि रु. 150.29 करोड़ रु. है । स्टेट हाइवे क्र. 38 से नेशनल हाइवे NH-3 को जोड़ने वाली इस सड़क से 12 से 13 बड़े गांव (कस्बे) व 50 से 60 छोटे गांव जुड़ जायेंगे जिनमें रहने वाले किसानो को अपनी उपज लाने ले जाने में ,व्यापारीयों को आवागमन में ,विद्यार्थी वर्ग व आमजन का आने जाने का समय बचेगा वहीं अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग में काम करने वाले मजदूर वर्ग को बसों की आवाजाही बढ़ने रोजगार के अवसर मिलने में मदद मिलेगी।

इस सड़क में 89 पुल-पुलियाओं का निर्माण होगा

56.11 किलोमीटर के टू लेन सीसी रोड में कुल 89 छोटे बड़े पुल पुलियाओं का निर्माण कार्य होना है !जिसमे केसरपुरा से पंधानिया तक छोटे पुलियाओं का निर्माण कार्य आधा अधूरा है  ! छोटे पुलियाओं की  लागत 4 करोड़ 75 लाख रु होगी, इसके अलावा 7 वृहद पुलो का निर्माण होगा जिनके बनने की लागत 15 करोड़ 60 लाख रु. होना है । नवीन स्वीकृत स्टेट हाइवे क्र.39 जो लुन्हेरा,मांडव,चन्दावड,मनावर,सिंघाना, चिखलदा, बड़वानी,पाटी, बोकराटा ,खेतिया होते हुए महाराष्ट्र को कनेक्ट करेगा उसे भी ये रोड चन्दावड में ओवरलैप करेगा । अब रोड़ निर्माण में हो रही देरी से रोड़ से जुड़े गांवो के लोगो में तरह तरह की चर्चाएं है ! 

इस रोड की स्वीकृति से क्षेत्र के निवासीयों में हर्ष था किंतु अब रोज-रोज गड्ढे ओर धूल से भरी सड़क पर हिचकोले खाते वाहनों से यात्रा करने को मजबूर यात्रियों को पुराना डामर रोड याद आने लगा है ! बारिश में कीचड़ से परेशान राहगीरों को अब धूल और गड्डो का सामना कर यात्रा करना पड़ रही है ! 

अमर प्रेम की  साक्षी नगरी मांडव तक जाने में लगेंगे महज 30 मिनट

धामनोद से मांडव जाने के तीन रास्ते हैं पहला रास्ता पलाश होटल से लुनेरा फाटा होकर नालछा होते हुए मांडव जात है इस मार्ग का निर्माण पूर्ण रूप से   चुका है इसकी दूरी करीब धामनोद से  45 से 50किलोमीटर है वही दूसरा रास्ता मांडव  जाने के लिए  पलाश होटल से ब्राह्मण पूरी होते हुए मांडव तक पहुंचता है  पलाश होटल से ब्राह्मण पुरी तक सिंगल गोला मार्ग है उसके बाद ब्राह्मण पुरी से फिर दोबारा मार्ग लगभग बनकर तैयार हो चुका है जिसकी धामनोद से दूरी लगभग 40 किलो मीटर होगी

अब से धामनोद से  काली बावड़ी मार्ग का डबल गोला निर्माण कार्य हो रहा है सबसे कम दूरी वाला मार्ग  अब यही होगा यहां सबसे पहले से चंदावड एवं वंहा से ब्राह्मण पूरी  तक जाना होगा जिसकी दूरी अन्य दो रास्तों के मुकाबले बहुत ही कम है चंदावड के संजय पाटीदार ने बताया कि  मांडव तक इस रास्ते से जाने में महज धामनोद से अधिकतम समय आधा घंटा लगेगा धामनोद तक अब डबल गोला मार्ग का निर्माण हो रहा है वह भी शीघ्र पूरा हो जाएगा अमर प्रेम की नगरी में अधिकांश  यात्री इसी मार्ग से पहुंचेंगे जिसकी दूरी 28 किलोमीटर के आसपास होगी लेकिन रोड का निर्माण कार्य नहीं होने से लोगों की मंशा निराश हो रही है

आवागमन बढ़ेगा तो व्यापार बढ़ेगा 

ग्रामीणों ने बताया कि धामनोद से लुनहेरा से मांडव जाते समय रास्ते में सिर्फ गांव ही बीच मे आते हैं जबकि इस मार्ग पर से  सेमलदा चंदावड एवं अन्य कई उन्नतशील  ग्राम  रास्ते में आएंगे यात्रियों के इस मार्ग से गुजरने पर व्यापार बढ़ेगा मांडव तक जाने के लिए सबसे उपयुक्त रास्ता अब यही होगा

बरसात में सैकड़ों पर्यटक जाते हैं

बताया जाता है कि   चंदवाद से ब्राह्मण पूरी होते हुए जब मांडव की ओर जाते हैं तो रास्ते में बेहद आकर्षक सुंदर घाट पड़ता है यहां पर रुक कर पर्यटक सेल्फी खींचते हैं तथा हसीन वादियों को निहारते हैं यह मार्ग नालछा हिकर मांडव पहुचने वाले मार्ग के  ठीक विपरीत दिशा में पहुंचेगा जब भारुड पूरा नालछा होकर जाते हैं तो सबसे पहले का काकड़ाखौ से मांडव देखने की शुरुवात होती  है लेकिन इस मार्ग पर गुजरने के दौरान सबसे पहले नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शन होंगे उसके बाद फिर मांडव की सुंदर  धरोहर पर्यटकों देखने को मिलेगी
 लेकिन अधूरे निर्माण से अब लोग परेशान हैं साथ-साथ उड़ती धूल से पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है

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