प्राचार्य की लापरवाही से शिक्षक का परिवार परेशान
काकनवानी (शाहदब खान) - किसी अधिकारी की मानवीय संवेदनाएं अगर शून्य हो जाए तो लोगों को किस प्रकार परेशान होना होता है इसका जीता जागता उदाहरण काकनवानी संकुल केंद्र है विगत 22 अक्टूबर को संकुल केंद्र काकनवानी के अंतर्गत प्राथमिक शाला धारा फलिया काकनवानी में कार्यरत शिक्षक मुकेश भाबर का अपने ग्रह ग्राम शिवगढ़ जाते समय दुर्घटना हो जाने से निधन हो गया था शासन के स्पष्ट नियम है कि किसी शासकीय कर्मचारी की नौकरी के समय मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को तत्काल सहायता के रूप में रु 50,000 की राशि अनुग्रह के रूप में दी जाये लेकिन शिक्षक मुकेश भाकर की असामयिक मृत्यु के पश्चात संकुल प्राचार्य की जिम्मेदारी थी कि वह स्वर्गीय विजय भवर के परिवार को अनुग्रह राशि तत्काल उपलब्ध करवाते किंतु मानवीय संवेदनाओं से परे प्रभारी प्राचार्य अपने गृह नगर दतिया चले गए और आज तक वापस नहीं आए हैं
इधर शिक्षक का परिवार राशि के लिए संकुल केंद्र का चक्कर लगाता रहा और उधर प्रभारी प्राचार्य अपने परिवार के साथ मौज मस्ती करते भोजन करते हुए समय-समय पर अपने अधीनस्थों को फोन पर कागजी खानापूर्ति का निर्देश देते रहे प्रभारी प्राचार्य के इस अमानवीय व्यवहार को लेकर कांधला विकासखंड के शिक्षकों में भारी रोज और आक्रोश हैं।
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