निरोगी काया अभियान के तहत हाई ब्लड प्रेषर एवं शुगर बिमारी से बचाव हेतु किया जा रहा जनजागरूक | Nirogi kaya abhiyan ke tahat high blood pressure evam sugar bimari se bachao

निरोगी काया अभियान के तहत हाई ब्लड प्रेषर एवं शुगर बिमारी से बचाव हेतु किया जा रहा जनजागरूक

चिकित्सक सेहत के प्रति जागरूक रहने का दे रहे मंत्र

निरोगी काया अभियान के तहत हाई ब्लड प्रेषर एवं शुगर बिमारी से बचाव हेतु किया जा रहा जनजागरूक

अलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - जिले के ग्राम हवेलीखेडा निवासी वर्षीय मंगला देवडा की उम्र करीब 50 वर्ष है। घरेलू कामकाज के दौरान एक दिन अचानक आंखें के आगे अंधेरा झाया। चक्कर आने लगे। परिवार वाले कुछ समझ पाते वे चक्कर खा कर गिर गई। तत्काल परिवार वालों ने कट्ठीवाडा उपस्वास्थ्य केन्द्र पर लाकर चिकित्सक को दिखाया तो चिकित्सकीय जांच में पता चला की मंगला के शरीर में शुगर की मात्रा बढ गई है। अस्पताल में उपचार के बाद चिकित्सकों ने मंगला को शुगर का स्तर समान बनाए रखने संबंधित जानकारी और दिषा निर्देष दिए। चिकित्सकों के बताए मार्गदर्षन अनुसार मंगला अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच कराती है। वे दवाइयों के साथ-साथ अपने खानपान और दिनचर्या पर भी विषेष ध्यान देने लगी है लेकिन यह बात केवल एक मंगला की नहीं कई लोगों की है जिसमें शहरी के साथ-साथ ग्रामीणजन भी जुडते जा रहे है। जिन्हें शुगर की बिमारी होने पर ऐसी ही शारीरिक अवस्था से गुजरना पडता है। निरोगी काया अभियान के तहत जिले में बडी संख्या में शुगर की बिमारी अथवा शरीर में शुगर का स्तर बढने के मरीजों का चिन्हांकन किया गया है। निरोगी काया अभियान के दौरान जिले के 15 पीएचसी एवं 17 सब हैल्थ सेन्टर के माध्यम से गैर संचारी रोग के मरीजों का चिन्हांकन किया गया है। इसमें शुगर के मरीजों का चिन्हांकन भी किया गया। अभियान के दौरान चिन्हांकित शुगर मरीजों के आंकडे देखने के बाद चिकित्सकों का मानना है कि अनियमित दिन चर्या, जंक फूड, बेसमय का खानपान, निर्धारित से अधिक मात्रा में नमक का सेवन, शारीरिक दौड भाग और नियमित व्यायाम के अभाव के कारण शरीर में शुगर का स्तर बढना अब आम होता जा रहा है। चिकित्सक कहते है कि एक सामान्य व्यक्ति को प्रतिदिन केवल 5 ग्राम नमक का उपयोग अपने भोजन में करना चाहिए लेकिन देखने में यह आता है कि इससे भी अधिक मात्रा में नमक का सेवन एक सामान्य व्यक्ति प्रतिदिन कर रहा है। सीएमएचओ डॉ. प्रकाष ढोके एवं चिकित्सक डॉ. पवन देवडा बताते है कि 30 की उम्र के पष्चात प्रत्येक व्यक्ति को चिकित्सकीय जांच में शुगर लेवल और ब्लड प्रेषर जांच अनिवार्य किया गया है। शुगर के प्रारंभिक लक्षणों में थकान महसूस होना, अत्यधिक भूख लगना, तबीयत खराब होना, अत्यधिक प्यास लगना, बार-बार पेषाब आना, अचानक वजन कम होना, घाव का जल्दी ना भरना, आंखे कमजोर होना आदि लक्षण होते है। शरीर में शुगर के स्तर को बराबर बनाए रखने के लिए चिकित्सक सलाह देते है कि भोजन नियमित रूप से और समय पर लिया जाना चाहिए। भोजन में हरी पत्तेदार सब्जीयां, सलाद, कम तला-गला, जंक फूंड का उपयोग ना के बराबर करना चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम, योग आदि करना चाहिए।

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