मिलादुन्नबी नबी पर हुए अनेकों कार्यक्रम | miladuunnabi per hue anek karykram
मिलादुन्नबी नबी पर हुए अनेकों कार्यक्रम
(कादर शेख)
थांदला । मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम का विलादत जन्मदिन बड़ी शान ओ शौकत से मनाया गया पीर साहब गली में मुस्लिम समाज के बच्चे बूढ़े नौजवान सभी इकट्ठा हुए एवं सबसे पहले सभी को चाय नाश्ता किया गया उसके बाद निजामी ग्रुप थांदला द्वारा मौलाना इस्माइल कादरी साहब मौलाना अहद साहब मौलाना वसीम रजा मोइनुद्दीन साहब का साफा बांधकर पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया गया उसके पश्चात पीर साहब गली में नात शरीफ पढ़ते-पढ़ते नूरी गार्डन पहुंचे वहां पर मौलाना साहब ने हमारे आका ने जो 14 सौ साल पहले इस दुनिया को संदेश दिया वह बताया जिस जमाने में नारी जाति का जो अपमान होता था उस दौर में अगर सबसे पहले किसी ने आवाज उठाई है तो वह सरकार ने एवं उनका हर तरह से इम्तिहान लिया गया सभी इम्तिहान में वह सफल हुए यहां तक की सच के लिए अपने पूरे खानदान को खत्म करवा दिया अपना प्यारा नवासा इमाम हुसैन सजदे में शहीद हो गए उन्होंने अपने घर वालों को भूखा रखकर जो अपने घर पर आया मेहमान उसे खाना खिलाया आज इतना बड़ा दिन है कि उनके सदके में आज चांद सूरज जमीन आसमान बनी नबी ना होते तो कुछ नहीं होता हमारे नबी ने हमें इंसानियत का पैगाम दिया सभी वक्ताओं ने भाईचारा का पैगाम दिया सदर साहब ने सभी को ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दी वहीं मौलाना साहब ने फातिहा पड़ी और सबसे पहले अपने वतन हिंदुस्तान में अमन सुख शांति भाईचारा हम सब मिलकर इस देश को आगे बढ़ाएं हम सभी स्वस्थ रहें एवं सभी एक रहें ऐसी दुआएं की एवं मौलाना साहब ने बताया कि हमारे आका ने 14 Oo साल पहले कहा था हिंदुस्तान से मुझे खुशबू आ रही है एवं हमारे आका को भी हिंदुस्तान से प्यार था इसके बाद सभी को तबर्रुक तकसीम किया गया
(कादर शेख)
थांदला । मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम का विलादत जन्मदिन बड़ी शान ओ शौकत से मनाया गया पीर साहब गली में मुस्लिम समाज के बच्चे बूढ़े नौजवान सभी इकट्ठा हुए एवं सबसे पहले सभी को चाय नाश्ता किया गया उसके बाद निजामी ग्रुप थांदला द्वारा मौलाना इस्माइल कादरी साहब मौलाना अहद साहब मौलाना वसीम रजा मोइनुद्दीन साहब का साफा बांधकर पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया गया उसके पश्चात पीर साहब गली में नात शरीफ पढ़ते-पढ़ते नूरी गार्डन पहुंचे वहां पर मौलाना साहब ने हमारे आका ने जो 14 सौ साल पहले इस दुनिया को संदेश दिया वह बताया जिस जमाने में नारी जाति का जो अपमान होता था उस दौर में अगर सबसे पहले किसी ने आवाज उठाई है तो वह सरकार ने एवं उनका हर तरह से इम्तिहान लिया गया सभी इम्तिहान में वह सफल हुए यहां तक की सच के लिए अपने पूरे खानदान को खत्म करवा दिया अपना प्यारा नवासा इमाम हुसैन सजदे में शहीद हो गए उन्होंने अपने घर वालों को भूखा रखकर जो अपने घर पर आया मेहमान उसे खाना खिलाया आज इतना बड़ा दिन है कि उनके सदके में आज चांद सूरज जमीन आसमान बनी नबी ना होते तो कुछ नहीं होता हमारे नबी ने हमें इंसानियत का पैगाम दिया सभी वक्ताओं ने भाईचारा का पैगाम दिया सदर साहब ने सभी को ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दी वहीं मौलाना साहब ने फातिहा पड़ी और सबसे पहले अपने वतन हिंदुस्तान में अमन सुख शांति भाईचारा हम सब मिलकर इस देश को आगे बढ़ाएं हम सभी स्वस्थ रहें एवं सभी एक रहें ऐसी दुआएं की एवं मौलाना साहब ने बताया कि हमारे आका ने 14 Oo साल पहले कहा था हिंदुस्तान से मुझे खुशबू आ रही है एवं हमारे आका को भी हिंदुस्तान से प्यार था इसके बाद सभी को तबर्रुक तकसीम किया गया
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