मंत्रोच्चार के साथ गणधर मंदिर एवं दादावाड़ी के 27 शिखरों पर हुआ भव्य ध्जवारोहण
जिन दत्त सूरीजी एवं जिन कुशल सूरीजी की ध्वजा के साथ 24 तीर्थंकर भगवान के शिखरों पर हुई ध्वजा
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - मप्र के एकमात्र अद्वितीय नयनाभिराम गणधर मंदिर एवं प्राचीन चमत्कारिक दादावाड़ी के सभी 27 शिखरो पर ध्वजारोहण का भव्य कार्यक्रम 24 नवंबर, रविवार को मगसर वदि तेरस को अष्ट प्रभावक आचार्य नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा ‘नवल’ एवं पंन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा ‘जलज’ की निश्रा में संपन्न हुआ। सभी आयोजन श्वेतांबर जैन श्री संघ की ओर से किए गए। इसके साथ ही मंदिर परिसर में नवकारसी का आयोजन सिरोही जैन श्री संघ की ओर से रख गया।
शहर के जगमोहन दास मार्ग स्थित गणधर मंदिर पर सुबह 6.30 बजे ध्वजारोहण निमित्त सत्तर भेदी पूजन श्री आदिनाथ राजेन्द्र जयंत संगीत मंडल द्वारा पढ़ाई गई। विधि विधिकारक ओएल जैन एवं शैलेषभाई शाह इंदौर द्वारा संपन्न करवाई गई। पुंडरिक गणधर मंदिर के मुख्य शिखर सहित सभी ध्वजाओं पर मंत्रोच्चार के साथ वाक्षेप अष्ट प्रभावक नरेन्द्र सूरीजी एवं पन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी ने किया। पश्चात् लाभार्थी परिवारों द्वारा ध्वजाओं की अष्टप्रकारी पूजन की गई। पूजन के पश्चात् गणधर मंदिर के मुख्य शिखर पर लाभार्थी निर्मलकुमार, प्रतीककुमार मेहता परिवार ने ध्वजारोहण कियां। ध्वज दंड के ऊपर विभिन्न मंत्रोच्चार के साथ अष्ट प्रभावक एवं पन्यास प्रवर ने ध्वजा की विधि संपन्न करवाई।
मंगलदीपक कर दादा गुरूदेव की आरती की गई
दादावाड़ी में जिन दत्त सूरीजी की ध्वजा के शिखर पर लाभार्थी सुरेन्द्रकुमार, उदयलाल, अमित, अंकुश कांठी परिवार एव जिन कुशल सूरी के षिखर पर अषोककुमार, अर्पितकुमार सकलेचा परिवार द्वारा एवं 24 तीर्थंकर भगवान के सभी षिखरों पर विभिन्न लाभार्थी परिवारों ने मंत्रोच्चार के साथ ध्वजारोहण ऊं पुण्याहा-पुण्याहां प्रियंताम-पिय्रंताम …. के मंत्रोच्चार के साथ कियाा। सभी षिखरों पर ध्वजारोहण बाद श्रीमती आनंदीदेवी लक्ष्मीचंद जैन ‘नेताजी’ परिवार द्वारा पुंडरिक स्वामीजी का मंगल दीपक किया गया। दादा गुरूदेव की आरती का लाभ समाजरत्न सुभाषचन्द्र कोठारी परिवार ने लिया। तत्पष्चात् दादावाड़ी की वार्षिक बोलियां भी बोली गई। अशोक कुमार सकलेचा परिवार की ओर से सभी को ध्वजरोहण निमित्त भाता का वितरण किया गया।
सिरोही जैन श्री संघ ने किया नवकारसी का आयोजन
सिरोही जैन श्री संघ द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी मंदिर के षिखरों पर ध्वजारोहण के अवसर पर मंदिर परिसर में नवकारसी का आयोजन रखा गया। नवकारसी का श्री संघ के सदस्यगणों ने बड़ी संख्या में लाभ लिया। सुबह करीब 9.30 बजे मंदिर परिसर से बैंड-बाजों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। जो शहर के जगमोहनदास मार्ग, राजवाड़ा, लक्ष्मीबाई मार्ग होते हुए श्री ऋषभदेव बावन जिनालय पहुंची। शोभयात्रा में बड़ी संख्या में श्रावकजन शामिल हुए।
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