किसानों ने फसलों की कटाई करी शुरू | Kisano ne faslo ki katai kari shuru

किसानों ने फसलों की कटाई करी शुरू 

खराब फसलों के मुआवजे के लिए नही हुआ सर्वे

किसानों ने फसलों की कटाई करी शुरू

आमला (रोहित दुबे) - ब्लाक के कई ग्रामो में किसानों ने फसलों की कटाई शुरू कर दी है ।लेकिन किसानों की खराब हुई फसलों के मुआवजे हेतु शासन द्वारा अब तक सर्वे नही करवाए गए है ।जिससे फसलों के मिलने वाले मुआवजे किसानों के लिए सफेद लकीर साबित हो रहे है ।किसानों ने कम समय वाली फसल जैसे सोयाबीन ,मक्का व अन्य फसलों की बुआई की थी जिसका कटाई का समय बीतने के बाद अब उन्हें किसान काट रहे  है ।दूसरी तरफ आगामी फसलों के लिए भी किसान अपने खेतों को साफ करने की दृष्टि से फसल की कटाई कर रहे है ।वैसे ब्लाक में सोयाबीन व मक्का का रकबा इस बार अधिक है ।अधिक वर्षा के कारण इस बार मक्का व सोयाबिन की फसल को क्षति पहुची है बोरदेही ,खेडलीबाजर, जम्बाडा, मोरखा ,सोनतलाई,अँधारिया, ससावड, अम्बाडा, परसोडा ,नरेरा ,लालावाड़ी सहित सैकड़ों ग्रामो की फसले बर्बाद हो गई है ।खराब फसलों के सर्वे नही होने के पीछे प्रशासनिक अधिकारी पटवारियों की हड़ताल होने से सर्वे नही होना बतला रहे है ।वही किसान प्रदेश की नई सरकार द्वारा खेतो की खराब फसलों के सर्वे व मुआवजा की आस लगाए बैठे हुए थे ।लेकिन अब अधिकत्तर किसानों ने मुआवजे की उम्मीद छोड़ फसलों की कटाई शुरू कर दी है ।

भाजपा ने प्रदेश कांग्रेस सरकार को बताया किसान विरोधी

भाजपा द्वारा किसानों की खराब फसलों के सर्वे नही होने के लिए प्रदेश में बैठी कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया ।शहर भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेंद्र गडेकर का कहना है कि सरकार के मंत्री द्वारा पटवारियों के खिलाफ दिए बयान के चलते राजस्व विभाग द्वारा सर्वे नही करवाया गया ।कांग्रेस द्वारा जानबूझकर पटवारियों के खिलाफ टिपण्णी की गई जिससे किसान मुआवजा से वंचित रहे ।अगर सरकार चाहती तो खराब फसलों के  सर्वे अभी तक हो जाते फसल कटाई के बाद कैसे सर्वे क्या मुआवजा ।

भारतीय किसान संघ नाराज कृषि विभाग से

भारतीय किसान संघ के मनोज नावँगे का कहना है कि सरकार चाहती तो अब तक सर्वे हो गया होता है कृषि विभाग द्वारा भी सर्वे किया जा सकता था ।श्री मनोज नावँगे ने बताया वैसे भी कृषि विभाग के अधिकारी सिर्फ औपचारिकता ही निभा रहे है ब्लाक में किसानों को प्रशिक्षण हेतु देश विदेशों में यात्रा करवाते है लेकिन यात्रा करने वाले किसानों के खेतों में उस प्रशिक्षण के बाद भी औसतन उपज नही दिखाई देती ।विभाग अपने चहेतों को यात्रा पर ले जाता है जिन्हें कृषि से कोई सरोकार ही नही ।दूसरी तरफ सब्जी बागवानी करने वाले मालियों की माली हालत खराव है कृषि विभाग का कार्य होता है बीज उपचार करवाना ,दवाई बुआई कटाई समय समय पर सलाह देना लेकिन यहां तो अधिकारी सहित कर्मचारी अन्य शहरों से अपडाउन कर रहे है ।अधिकारियों जैविक से पूछा जाए कि ब्लाक में कहा किसान जैविक खाद का उपयोग कर रहे खेती कर रहे क्योकि तरह तरह की योजनाओं में प्रशिक्षण की जानकारी देते है।

किसानों की खराब फसलों के सर्वे व मुआवजा के मामले में आमला सारणी विधायक को कई मर्तबा काल करने पर उन्होंने काल रिसीव नही किये।।

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