अफसर भले ही गदगद हों, लेकिन स्थिति बेहद खराब, अधूरे पड़े शौचालय, बने भी तो घटिया, ग्रामीण अब भी खुले में शौच को मजबूर | Afsar bhale hi gadgad ho lekin sthiti behad kharab

अफसर भले ही गदगद हों, लेकिन स्थिति बेहद खराब, अधूरे पड़े शौचालय, बने भी तो घटिया, ग्रामीण अब भी खुले में शौच को मजबूर

अफसर भले ही गदगद हों, लेकिन स्थिति बेहद खराब, अधूरे पड़े शौचालय, बने भी तो घटिया, ग्रामीण अब भी खुले में शौच को मजबूर

 पेटलवाद (मनीष कुमट) - जनपद क्षेत्र में शौचालय निर्माण को लेकर अफसर भले ही गदगद हों, लेकिन शौचालय निर्माण में बरती गई अनियमितताओं की पोल लगातार खुलती जा रही है। इसका ताजा उदाहरण क्षेत्र के गांव नाहरपुरा (बोडायता) में देखने को मिला। जंहा आधे-अधूरे पड़े शौचालयों से ग्रामीण परेशान है।

गांव के दितुडा मांगू पारगी ने बताया कि गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत जो शौचालय बने हैं, उन में से कई शौचालय आज भी आधे-अधूरे पड़े हैं। ओर जो शौचालय बनाये गए है उनकी स्थिति भी बेहद खराब है। शोचालय कभी भी धराशाही हो सकते है। वही सेफ्टी टैंक को भी खुला छोड़ दिया गया है। जिससे भी हादसे का डर बना रहता है।

जबकि विभागीय अधिकारी दावा करते हैं कि जनपद के सभी गांवों में शौचालयों का निर्माण पूरा हो गया है। साथ ही जनपद को भी खुले में शौच से मुक्त करने की बात की जाती है। जबकि गांव में बने आधे-अधूरे शौचालयों की जांच की जाए तो अफसरों के दावों की पोल खुल जाएगी। इन शौचालयों का निर्माण पूरा करवाने में पूर्ण रूप से अनियमितताए बरती गई है। और इसका खामियाजा गरीब आदिवासी ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। साथ ही ग्रामीण आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।

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