वर्ल्ड हार्ट डे के उपलक्ष्य में इंदौर में "बैक-ए-थान" का आयोजन | World heart day kr uplaksh main indore main back e than ka ayojan

वर्ल्ड हार्ट डे के उपलक्ष्य में इंदौर में "बैक-ए-थान" का आयोजन

वर्ल्ड हार्ट डे के उपलक्ष्य में इंदौर में "बैक-ए-थान" का आयोजन

धामनोद के लोगों ने भी कि सहभागिता 1 किलोमीटर बैक वॉक की

कार्डियोलॉजिस्ट ने जीवन सुरक्षा तकनीक की जानकारी दी

धामनोद (मुकेश सोडानी) - क्या आप जानते है उल्टा चलने से हृदय मजबूत होता है, और इस कसरत से हृदय के रोगों की संभावना कम होती है ? 

अतः आमजन के बेहतर स्वास्थ्य एवं स्वस्थ हृदय के उद्देश्य को लेकर विगत दिवस "वर्ल्ड हार्ट डे" के उपलक्ष्य में भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रीवेंटिव हेल्थकेयर संस्था इंडस हेल्थ प्लस द्वारा इंदौर के बापट चौराहे से मेघदूत गार्डन तक 1 किलोमीटर बेक - ए - थान" कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में आमजन ने बेक वाक करते हुए एक अनोखा कीर्तिमान रचा । जिसमे धामनोद से विजय नामदेव, कमलेश, नक्षत्र, नंदिनी मीनाक्षी इत्यादि ने भाग लिया ।

विजय नामदेव ने बताया कि यह बेक वॉक हृदय को मजबूत करने के साथ भविष्य में हृदय संबंधी रोगों की संभावना को कम कर देती है ।

जब यह बेक वॉक का आयोजन चल रहा था तो वह बड़ा ही अद्भुत दृश्य था । एक साथ बहुत सारे लोग पीछे की तरफ उल्टा चलते हुए आकर्षक लग रहे थे ।

समापन स्थल पर अपोलो राजश्री अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ के रोशन राव एवं टीम ने ह्रदय रोग पर
परिचर्चा आयोजित करते हुए सीपीआर प्रणाली एवं बेसिक लाइफ सपोर्ट तकनीक की पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन एवं लाइव डेमो के साथ जानकारी दी । 

क्या है बैक वॉक के फायदे

सीधा चलते समय व्यक्ति झुकता है जबकि उल्टा चलते समय पीछे तन जाता है जिससे शरीर के सामने के हिस्से के स्नायुओं पर जोर दिया जाता है और अधिक आराम मिलता है ।रीढ़ की हड्डी सीधी होती है ।

पीछे देखने से और बाएं दाएं वापस होने के कारण गर्दन की मांसपेशियों को बहुत अच्छी तरह से व्यायाम मिलता है, जो किसी भी तरह की कसरत में नहीं होते है ।

दिल को ढकने वाली मांसपेशियों को रक्त प्रवाह पंपिंग में आराम देता है ।

एड़ी और पैर की मांसपेशियों को आराम मिलता है और घुटने के दर्द के लिए रक्त परिसंचरण को आराम मिलता है।
पीठ दर्द दूर करता है ।

शरीर  के सभी सोए हुए उतको को जागृत करता है ।
ऐसी ही कई विशेषताएं मालूम पड़ती है जब व्यक्ति स्वयं इसे व्यावहारिक रूप से करता हैं । इसलिए नियमित रूप से 300 मीटर बैक वॉक करते हुए दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करना चाहिए ।

80 साल जीना है तो 80 का ये पहाड़ा याद रखो

विशेष रूप से उनके द्वारा बताया गया 80 का पहाड़ा जो कि सभी को बहुत पसंद आया । जिसके तहत डॉ रोशन राव ने बताया कि अगर मनुष्य अपने जीवन में कमर 80 सेंटीमीटर से कम, पल्स रेट 80 से कम, बीपी डायस्टोलिक 80 से कम, फास्टिंग सुगर 80 से कम, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 80 से कम रखने में सफल रहता है तो वह आसानी से 80 साल से ज्यादा जी सकते है । 

जीवन रक्षक तकनीक सिखाई 

इसके अलावा और भी कई जीवन उपयोगी जानकारियों एवं अचानक किसी को हार्ट अटैक या मूर्छित होने की अवस्था में एंबुलेंस के आने या मेडिकल सुविधा मिलने के पहले मरीज का जीवन बचाने के लिए क्या क्या किया जा सकता है उसकी विस्तार से जानकारी दी गई। अंत में स्वल्पाहार के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ

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