सरकार आदिवासियों के हक को छीनना चाहती है लेकिन हम हमारा हक लेकर रहेंगे - जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल | Sarkar adivasiyon ke haq ko chhinna chahti hai

सरकार आदिवासियों के हक को छीनना चाहती है लेकिन हम हमारा हक लेकर रहेंगे - जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल

सरकार आदिवासियों के हक को छीनना चाहती है लेकिन हम हमारा हक लेकर रहेंगे - जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल

1 किमी लंबी ट्रेक्टर रेली में शामिल हुए सैंकड़ो रेत ठेकेदार,

कलेक्टर सुरभि गुप्ता को सौंपा ज्ञापन,रैली के कारण  लगा लंबा जाम

सरकार आदिवासियों के हक को छीनना चाहती है लेकिन हम हमारा हक लेकर रहेंगे - जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल

आलीराजपुर (अली असगर बोहरा) - मप्र की कमलनाथ सरकार द्वारा नई रेत उत्खनन नीति लागु करने के निर्णय के बाद आलीराजपुर मे आदिवासी रेत ठेकेदारो ट्रेक्टर चालकों व ग्रामीणों में जमकर आक्रोश है। गुरूवार को यह आक्रोश सड़कों पर देखने को मिला जब रेत बचाओं पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति के आव्हान पर सैंकड़ो रेत विक्रेता व ठेकेदार अपने टेªक्टर के साथ जिला मुख्यालय स्थित टंकी ग्राउंड पर एकत्रित हुए और समिति द्वारा निकाली गई आक्रोश रैली में सम्मिलित हुए। रैली दोपहर करीब 1 बजे प्रारंभ हुई जो नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची। जहां पर कलेक्टर सुरभि गुप्ता को राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपकर नई रेत नीति प्रतिबंधित कर स्थानीय लोगों को अधिकार प्रदान करने की मांग की गई।  

ट्रेक्टरो का 1 किमी लंबा चला काफिला   

प्रदेश कांग्रेस सरकार नई रेत उत्खनन नीति लागू करने के निर्णय के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व रेत बचाओं पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश पटेल व सरंक्षक भदू भाई पचाया के नेतृत्व में स्थानीय बस स्टेंड स्थित टंकी ग्राउंड से एक विशाल ट्रेक्टर रैली निकाली गई जो करीब 1 किमी लंबी थी। इस रैली में शामिल ट्रेक्टर मालिक अपने ट्रेक्टर पर नारो की तख्तीया लगाकर चल रहे थे। जिसमें सरकार की नई रेत नीति का विरोध किया जा रहा था। रैली में युवक कांग्रेस नेता शंकर बामनिया, पूर्व जनपद अध्यक्ष भुवानसिंह बामनिया सालम सोलंकी रितु लोहारिया संजय माझी विक्रम चोहान सहित समिति के उपाध्यक्ष गुमानसिंह हरवाल गिलदारसिंह चौहान कैलाश चौहान कोषाध्यक्ष केरू पटेल सचिव गोविंद परमार सह सचिव बहादुरसिंह भिंडे भी मौजूद थे।। ट्रेक्टर रैली इतनी बड़ी थी कि कई लोग तो ट्रेक्टर की गिनती करते रहे। ट्रेक्टरो का यह काफिला दोपहर करीब 2 बजे कलेक्टर कार्यालय पर पहुंचा। जहां पर समिति के सदस्यों व ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी के बाद कलेक्टर गुप्ता को ज्ञापन सौंपा।

आदिवासियों का हक नहीं छिनने देंगे

ज्ञापन सौंपे जाने के पूर्व समिति के अध्यक्ष महेश पटेल ने कहा कि मप्र शासन ने हाल ही में पूरे प्रदेश में नई नीति लागु की है। इस नई रेत नीति से इस आदिवासी बाहुल्य जिले में रेत बेचने का काम कर रहे आदिवासी ठेकेदारो व ट्रेक्टर मालिकों को काफी नुकसान होगा। पहले रेत नीति में अलग.अलग खदान के मान से ओपन खुली नीलामी होती थी। जिससे छोटे छोटे आदिवासियों को रोजगार मिलता था। लेकिन प्रदेश सरकार ने नई रेत नीति से ब्लॉक स्तरीय ऑनलाईन नीलामी का प्रावधान कर दिया है जिससे बाहर से आने वाले बड़े बड़े ठेकेदारो को इसका फायदा मिलेगा। पटेल ने कहा कि नई रेत नीति से जिले के गरीब आदिवासियों का रोजगार कम होगा। सरकार आदिवासियों के घर चलाने के प्रमुख साधन को छीनना चाहती है लेकिन हम उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे वहीं जिस दिन रेत खदानो की निलामी होगी हम लोग मिलकर बाहरी ठेकेदारो का जमकर विरोध करेंगे।  

ट्रेक्टरो से भराया कलेक्टर परिसर

रेत बचाओं पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा निकाली गई ट्रेक्टर रैली में करीब 200 से अधिक ट्रेक्टर शामिल हुए। जिससे रैली काफी लंबी दिखाई दी। उक्त रैली एमजी रोड़ नीम चौक पोस्ट आफिस चौराहा झंडा चौक रामदेव मंदिर मार्ग दाहोद नाका होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची तो पुरा कलेक्टर परिसर ट्रेक्टरो से भर गया। जिसके बाद धीरे धीरे कर के सभी ट्रेक्टर ज्ञापन सौंपे जाने के बाद अपने अपने गांव की और रवाना हो गए। हालाकि रैली इतनी बड़ी थी कि ज्ञापन सौंपे जाने के बाद भी बड़ी संख्या में ट्रेक्टरो का कलेक्टर परिसर में पहुंचने का सिलसिला काफी देर तक चलता रहा। 

क्या है नई रेत नीति के नियम

समिति के महेश पटेल भदू भाई पचाया व अन्य सदस्यों ने बताया कि संविधान की पांचवी अनुसुची एवं पैसा एक्ट के तहत जनजातीय इलाके में खनिजों के खनन कार्य को बिना आदिवासी बहुल ग्राम सभाओं की अनुमति से नही किया जा सकता है। लेकिन सरकार की वर्तमान खनन नीति आदिवासी इलाकों में बिना आदिवासियों से खनन किया जाएगा। साथ ही जो नीति बनाई गई है उसमें कोई भी आदिवासी रेत खनन प्रकिृया में भाग नही ले सकेगा। क्योंकि आनलाईन टेंडर से करोंडों रूपए का निवेश होगा। इसे वहन करने के लिए कोई भी गरीब आदिवासी सक्षम नही है। इस कारण नई रेत खनन नीति में संशोधन होना चाहिए। ताकि आदिवासी बहुल जिले के आदिवासियों को रेत खनन का कार्य एवं रोजगार उपलब्ध हो सकें। 

काफी देर तक रहा लंबा जाम

रेत बचाओं संघर्ष समिति की ट्रेक्टर रैली करीब 1 किमी लंबी रैली होने से बस स्टैंड दाहोद नाका चांदपुर रोड़ व अन्य मार्ग पर करीब आधे घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही। जब तक रैली उक्त मार्ग से पुरी नहीं हुई तब तक बाइक और चार पहिया वाहन चालक जाम में फंसे रहे। जाम को दूर करने के लिए यातायात के जवान भी अपनी और से प्रयास करते दिखाई दिए। हालाकि ट्रेक्टर रेली में शामिल सभी ट्रेक्टर चालक रोड की एक साइड से चल रहे थे ताकि दुसरी साइड से लोगों का आना जाना बना रहे। रैली संपन्न होने के बाद रैली में इतनी बड़ी संख्या में शामिल हुए ट्रेक्टरो को लेकर जन चर्चा बनी रही।  

क्या है ज्ञापन में

सौंपे गए ज्ञापन मे बताया गया कि मप्र सरकार द्वारा नई रेत खनन नीति लागु की गई है जिसके तहत मप्र में अब पंचायतों की जगह राज्य का खनिज निगम रेत खदानो की निलामी करेगा। यह प्रकिृया आनलाइन होगी पंचायत से ठेका वापस लेने की घोषणा लेकिन ठेके पर मिलने वाले लाभ का हिस्सा पंचायत को दिया जाएगा। वहीं एनजीटी की रिपोर्ट के अनुसार इस खनन नीति मे पर्यावरण का ख्याल रखा जाने वाला आदेश को भी अनदेखा किया गया है। आलीराजपुर झाबुआ बड़वानी खरगोन सहित कई ऐसे जिले है जो संविधान के अनुच्छेद पांचवी अनुसूची क्षैत्रांर्गत आते है जहां आदिवासियों के स्वशासन का उल्लेख है वहीं इसके अंतर्गत अनुसूचित क्षैंत्रों को रूढीगत ग्राम सभा को विधि का बल प्राप्त है। इसका मतलब यह हुआ कि ग्राम ही सर्वोपरी है इसके अनुसार बीना ग्राम सभा की इजाजत के बाहरी व्यक्ति के प्रवेश विचरण व्यापार व बसाहट पर प्रतिबंध है। ज्ञापन में बताया गया कि आम आदमी अपनी जरूरत अनुसार बेलगाड़ी ट्रेक्टर से रेत खरीदकर मकान बनाते है वहीं स्थानीय लोग रेत भरकर रोजगार व अपनी आजीविका चलाते है। ज्ञापन के माध्यम से आलीराजपुर जिले में नई रेत खनन नीति को लागु नही करने की मांग की गई। पटेल व अन्य सदस्यों ने सरकार को चेतावनी दी की 15 दिनो मे इस नीति को निरस्त नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।  रैली के प्रारंभ से लेकर अंत तक पुलिस का कड़ा प्रबंध रहा। थाना प्रभारी दिनेश सोलंकी भी पुलिस जवानो के साथ व्यवस्था संभालते दिखाई दिए।

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