प्रन्यास प्रवर ने प्रवचनां में महापुरूष श्रीयक के जीवन का बताया वृतांत | Pranyas pravar ne pravachna main mhapurush shriyak ke jeevan ka bataya vyatant
प्रन्यास प्रवर ने प्रवचनां में महापुरूष श्रीयक के जीवन का बताया वृतांत, अष्ट प्रभावक ने आचार्य हेमेन्द्र सूरीजी की मांगलिक श्रवण करवाई
झाबुआ (मनीष कुमट) - जैन तीर्थ श्री ऋषभदेव बावन जिनालय स्थित पोषध शाला भवन में 21 सितंबर, शनिवार को सुबह धर्मसभा में समाजजनां को प्रवचन देते हुए प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा ने संसार की असारता का संयम धर्म की उपादेयता और मोक्ष-सुख की स्वाधीनता हेतु श्री कृष्ण पुत्र. धनकुमार के जीवन में घटित हुईं घटना का वृतांत किया।
प्रन्यास प्रवर ने आगे महापुरूष श्रीयक का वर्णन करते हुए कहा कि जैसे संसार में छात्र होता है, वैसे समिति की कीमत होती है। श्रीयक ने अपने पुण्य प्रभाव से पिता शकडाल के सहायक के रूप में उनका साथ दिया। नव्य नंद राजा ने पिता पर शंका की और राज्य सुख को नहीं भोगते हुए प्राथमिकता राजा को दी तथा अपने श्री वर रूचि को हित षिक्षा दी, परन्तु वर रूचि ने नहीं माना। यह भरहेसर की सच्चाई के माध्यम से प्रयास करने पर हुआ।
आचार्य हेमेन्द्र सूरीष्वरजी की मांगलिक श्रवण करवाई
शनिवार को विशेष रूप से कार्यक्रम में अहमदाबाद (गुजरात) से यंग अलर्ट ग्रुप के नवयुवक पधारे और उन्हांने जिन शासन की प्रभावना के अनेक विद कार्यों की जानकारी दी। झाबुआ श्री संघ के अनेक युवकों ने उनके कार्यों की प्रसंषा करते हुए यंग अलर्ट में कार्य करने वाले सभी नवयुवकों की अनुमोदना की। शनिवार को अष्ट प्रभावक आचार्य नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा ने दादा गुरूदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीष्वरजी मसा के षष्ठम पट्टधर आचार्य श्रीमद् विजय हेमेन्द्र सूरीष्वरजी मसा की मांगलिक फरमाई।
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