नवनियुक्त शहर के मुस्लिम सदर का जमकर हुआ विरोध
बिना शहर काजी की अनुशंसा एवं जिम्मेदार लोगो के बिना संज्ञान में दिए कर दी थी नियुक्ति
मनावर (पवन प्रजापत) - बीते दिन नगर में मुस्लिम समुदाय के नाम पर शहर की सुन्नी मुस्लिम सदर की घोषणा की गई जो कि एक नियम विरुद्ध कार्य हुआ। ना तो इस मुस्लिम सदर की नियुक्ति में शहर के मुस्लिम समाज के जिम्मेदार शहर काजी की अनुशंसा है ना ही शहर के वरिष्ठ समाज के लोगो व सभी मस्जिदों के इमामो की रायशुमारी। सेकड़ो लोगों ने इस नियुक्ति का खंडन करते हुए विरोध जताया है। समाज के लोगो का कहना है कि अगर समाज में किसी जिम्मेदार की नियुक्ति की जाती है तो उसकी चर्चा आम होनी चाहिए शहर के सभी वरिष्ठ मुसलमान समाज के लोगों को इकट्ठा कर उनकी कमेटी बनाकर उनकी रायशुमारी भी जरूरी है और हिंदुस्तान के अधिकतम शहर गांव में शहर काजी की अनुशंसा ही सर्वप्रथम रहती है फिर उन्हें संज्ञान में ना देते हुए यह कदम उठाना समाज के लिए आपत्तिजनक मसला है लेकिन यहां पर कुछ और ही हालात पैदा हो रखे हैं। हुसैनी मस्जिद के इमाम शमशाद अहमद सिद्दीकी द्वारा अपने लेटर पेड पर यह नियुक्ति की गई जिस लेटर का ना तो कोई रजिस्ट्रेशन नंबर है और ना ही उन्हें कोई राइट्स है कि वह शहर के सदर की नियुक्ति कर सकें, अगर उन्हें नियुक्त करने का अधिकार है तो सिर्फ अपनी मस्जिद के मेंबरान का ना कि शहर के सभी लोगों को गुमराह करके वह मनमानी करते हुए अपना फैसला जनता पर थोपे, हुसैनी मस्जिद के इमाम शमशाद अहमद सिद्दीकी द्वारा की गई इस नियुक्ति को न तो प्रशासन मान्य करेगा ना ही शहर के लोग। क्योंकि इसमें शहर के जिम्मेदार मुस्लिम शहर काजी की अनुशंसा तक नहीं है फिर किसी की भी मनमानी के चलते शहर सदर बनाकर जनता के ऊपर नहीं थोपा जा सकता। इस विषय को लेकर शहर के जिम्मेदार मुस्लिम व समाज के सेकड़ो लोग एवं पूर्व सदर शहर काजी के घर ज्ञापन देने गए।
क्या कहते हैं शहर काजी
शहर काजी डॉ जमील सिद्दीकी का कहना है कि इस नियुक्ति के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी नियुक्ति होने के बाद मुझे संज्ञान में यह जानकारी आई की सुन्नी मुस्लिम समाज का सदर नव नियुक्त किया गया है इसमें मेरी कोई अनुशंसा नहीं है और ना ही मेरे द्वारा कोई लेटर पर अनुमति है अगर शहर का सदर नियुक्त करना होता है तो सभी मस्जिदों के जिम्मेदार व्यक्ति एवं शहर के वरिष्ठ मुस्लिम समाज के लोग बैठकर चयन करें। इसी बात को लेकर अगले फैसले तक इस नियुक्ति को रद्द करने की बात कहि।
पूर्व सदर बोले नही दिया अभी स्तीफा बिना बताए नवनियुक्ती हुई
इबू खान पठान का कहना है कि मैं वर्तमान में सदर हु मुझे ही जानकारी दिए बिना एवं मेरे इस्तीफा लिये बिना ही हुसैनी मस्जिद के इमाम शमशाद अहमद सिद्दीकी ने अपनी मनमानी के चलते एवं चंद लोग इकट्ठे करके नवनियुक्त सदर की घोषणा की गई इसका में विरोध करता हूं। और शासन प्रशासन को इस गतिविधियों से अवगत कराते हुए यह निवेदन करता हूं कि शहर काजी एवं सभी मस्जिदों के जिम्मेदार कमेटी मेंबर की मौजूदगी में अगले फैसले तक इस शहर सदर के पद को निष्कासित किया जाए।
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