झाबुआ विधानसभा के उप-चुनाव से पहले ही अलग-अलग गुटों में बंटी कांग्रेस, आपस में रस्सा-कस्सी हुई् तेज, प्रभारी मंत्री सुरेन्द्रसिंह बघेल झाबुआ की सीमा से वापस लोटे इंदौर
झाबुआ (मनीष कुमट) - झाबुआ विधानसभा के उप-चुनाव देहलीज पर खड़े है और इससे पहले ही झाबुआ जिले की कांग्रेस अलग-अलग गुटों में बंटकर अपने-अपने उम्मीद्वारों को टिकीट दिलवाने के लिए अब खुले रूप से सार्वजनिक स्थानों पर भी प्रदर्षन करने एवं नारेबाजी करने से नहीं चूक रहीं है। ताजा मामला है जब 19 सितंबर, गुरूवार को दोपहर 1 बजे मप्र शासन के पर्यटन विकास प्राधिकरण मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री सुरेन्द्रसिंह बधेल (हनी भैया) को स्थानीय सर्किट हाऊस पहुंचकर कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों से अलग-अलग मुलाकात करना थी, लेकिन उन्हें झाबुआ में गुटीय राजनीति की जानकारी मिलते ही किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति को देखते हुए उन्हें एनवक्त पर जब वह झाबुआ आ ही रहे थे, झाबुआ की सीमा से यू-टर्न लेते हुए सीधे इंदौर के लिए रवाना हो गए।
झाबुआ विधानसभा का उप-चुनाव एक बार फिर पिछले चुनाव का इतिहास दौहराता नजर आ रहा है। चुनाव से पहले ही कांग्रेस के चुनाव जीतने के समीकरण पूरी तरह से गडबड़ा रहे है। यह सब हो-हल्ला होने के कारण भोपाल सूत्रों से झाबुआ विधानसभा उप-चुनाव से कांग्रेस पार्टी से पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा का टिकीट फायनल होने की खबर पिछले दिनों समाचार-पत्रों और सोष्यल मीडिया पर वायरल होने के बाद से शुरू हुआ है। जिसके बाद जैसे झाबुआ जिले की कांग्रेसी राजनीति में भूचाल सा आ गया है।
जिपं कार्यालय पर कांग्रेस पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं ने जेवियर मेड़ा का किया खुलकर विरोध
इसी के चलते गत दिनों जिले के कांग्रेस पार्टी के कुछ पदाधिकारी एवं यहां तक की जनप्रतिनिधियों ने भी ताबड़तोब जिला पंचायत कार्यालय झाबुआ पर बैठक कर बाद पत्रकारवाता्र्र में अलग-अलग यह व्यक्तव्य दिया कि यदि कांग्रेस के आलकमानद इस सीट से पार्टी से जेवियर मेड़ा को टिकीट देते है, हम सभी पार्टी के पक्ष में प्रचार-प्रसार एवं जनसंपर्क नहीं करेंगे। साथ ही यहां तक भी कहा कि यदि जेवियर मेड़ाको टिकीट मिला तो कई पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता निर्दलीय चुनाव लड़कर भी अपना विरोध दर्ज करवाते हुए पार्टी के उक्त उम्मीद्वार को जीतने नहीं देंगे। जेवियर मेड़ा को टिकीट मिलने पर प्रचार-प्रसार एवं जनसंपर्क की कमान स्वयं आलाकमान सभाले।
जेवियर मेड़ा ने हमेषा किया पार्टी के विरोध में कार्य
जिसका कारण उपस्थित कांग्रेस पदाधिकारी एवं स्वयं जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि जेवियर मेड़ा ने हमेषा से ही पाटी्र्र के विरूद्ध जाकर कार्य किया हे, जब वे पूर्व में झाबुआ के विधायक रहे, तब भी वे पार्टी के विपरित चले और बीते मप्र के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने झाबुआ विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याषी डॉ. विक्रांत भूरिया को हराने के लिए कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय उम्मीद्वार के रूप में खड़े होकर कांग्रेस पार्टी के विपरित माहौल पैदा किया। इस कारण कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रत्याषी को हार को सामना करना पड़ा और इसका फायदा भाजपा प्रत्याषी को होने से उसकी जीत हो गई।
फिर मची कांग्रेसजनों में आपाधापी
19 सितंबर गुरूवार को जब जिले के कांग्रेसजनों को यह पता चला कि मप्र शासन के पर्यटन मंत्री एवं जिले के प्रभारी सुरेन्द्रसिंह बघेल (हनी भैया) कांग्रेस पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों से चर्चा करने सर्किट हाऊस पर आ रहे है, तो ऐसे में कांग्रेसजनों ने दो गुट एक कांतिलाल भूरिया समर्थक एवं एक गुट जेवियर मेड़ा समर्थक बनाकर अपना शक्ति प्रदर्षन उनके समक्ष दिखाना चाहा। लगातार प्रभारी मंत्री से उनके झाबुआ आने की लोकेषन पूछी गई। दोनो गुटों का मकसद था कि वे प्रभारी मंत्री बघेल के समक्ष अपने पसंदीदा उम्मीद्वार का टिकीट फायनल करवाने के लिए एड़ी-चोटी का बल लगा सके, लेकिन प्रभारी मंत्री बघेल को अपने वाहन से झाबुआ आते समय रास्ते में इसकी भनक (खबर) लगते ही कार्यकर्ताओं में किसी भीप्रकार की विवाद की स्थिति को देखते हुए उन्होंने झाबुआ नहीं आना ही मुनासिब समझा और झाबुआ की सीमा से ही यू-टर्न लेते हुए अपने चार पहिया वाहन से इंदौर के लिए रवाना हो गए।
अलग-अलग गुटों में बंट गई है कांग्रेस
झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव की तिथियां घोषित होने से पूर्व ही झाबुआ जिले के कांग्रेसजन अलग-अलग गुटों में बंट गए है और अपने-अपने पसंदीदा उम्मीद्वार को टिकीट दिलवाने के लिए जद्दोजहद करने में जुट गए है। इस बीच कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने के इच्छुक पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया एवं पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा दोनो ही पार्टी से टिकीट पाने के लिए अंदरूनी तैयारियों में जुट हुए है। साथ ही भूरिया एवं मेड़ा द्वारा इस हेतु जिले के कांग्रेसजनों को अपनी-अपनी तरफ करने के साथ ही लगातार प्रदेष एवं राष्ट्रीय स्तर के नेताओं और पदाधिकारियों से संपर्क साधकर टिकीट पाने के लिए एड़ी-चोटी का बल लगाया जाने लगा है।
मंत्री नहीं चाहते कांतिलाल भूरिया को मिले टिकीट, इसलिए जेवियर का नाम सामने
उधर भोपाल सूत्रों से मिल रहीं जानकारी के अनुसार मप्र की सत्ता पर आसीन वर्तमान कांग्रेस पार्टी के मंत्रियों में भी पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया को टिकीट देने पर स्पष्ट रूख नहीं है। मिली जानकरी के अनुसार झाबुआ विधानसभा के उप-चुनाव के लेकर मप्र के मुख्यमंत्री एवं मप्र कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमलनाथ के साथ मंत्रिदल एवं पार्टी के आला पदाधिकारियों की बैठक से यह रूझान निकलकर कहीं ना कहीं सामने आया कि यदि पार्टी से कांतिलाल भूरिया को टिकीट मिलता है, तो चूंकि वे पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेताओं होने से उनका तूती ना केवल भोपाल अपितु दिल्ली में भी बोलती है। वे स्वयं कांग्रेस पार्टी की हाईकमान सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी से संपर्क साधकर टिकीट पाने के लिए गठजोड़ कर सकते है। सूत्रों से यह भी ज्ञात हुआ था कि यदि कांतिलाल भूरिया झाबुआ विधानसभा से पार्टी से चुनाव जीतते है, तो उनको मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पद देना आवष्यक है, जिसको भांपकर मप्र शासन के वर्तमान कई मंत्रियां का ेअपनी जमीन खिसकती दिखने पर उनमें कांतिलाल भूरिया को टिकीट देने को लेकर खुला समर्थन नहीं देने के साथ ही अंदरूनी तौर पर भी इसका विरोध कर पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा का नाम टिकीट के लिए सामने किया जा रहा है।
भाजपा को मिल रहा लाभ
सीधे-सीधे देखा जाए तो कांग्रेसी जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं में अंतर कलह का फायदा मप्र में विपक्ष में बैठी भाजपा को मिलता दिख रहा है और भाजपा के नेता-पदाधिकारी अंदरूनी तौर पर इसकी चुटकियां भी लेते देखे जा रहे है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में लगातार गुटबाजी की राजनीति चलती रहीं तो पिछले चुनाव की तरह यह तय है कि आपसी लड़ाई में एक बार फिर इस सीट से भाजपा प्रत्याषी फतह हासिल करने में कामयाब हो जाए। इससे पूर्व कांग्रेस के आलाकमान को झाबुआ जिले में कांग्रेस पार्टी में चल रहीं गुटबाजी को चुनाव से पूर्व समाप्त करना जरूरी होगा ओैर उन्हें एकसूत्र में बांधकर पार्टी के हित में कार्य करने हेतु मनाना होगा।
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