झाबुआ जिले में आदर्श आचार संहिता के चलते नवरात्रि में देर रात होने वाले गरबो का रंग होगा फीका | Jhabua jile main adarsh achar sahita ke chalte navratri main der raat hone wale garbo

झाबुआ जिले में आदर्श आचार संहिता के चलते नवरात्रि में देर रात होने वाले गरबो का रंग होगा फीका


आदर्श आचार संहिता के चलते झाबुआ जिले के सभी थाना क्षेत्रो में आयोजित गरबा आयोजनों के लिए रात 10 बजे तक की समयसीमा दी है

झाबुआ (मनीष कुमट) - मध्य प्रदेश में भी भारी  बारिश का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा। बात अगर झाबुआ जिले की करे तो यहाँ भी बारिश  सामान्य की अपेक्षा पिछले वर्ष से लगभग 23,24 इंची बारिश अत्यधिक हुई है। झाबुआ मौसम विभाग के विशेषज्ञ राजेश चौहान का कहना है की नवरात्रि घट स्थापना से आगामी 10 दिनो तक बारिश का अनुमान है। मौसम स्केल को देखते हुए  श्री राजेश ने बताया कि 29 तारीख को  10 मिमी बारिश का अनुमान ,30 को हल्की फुल्की बूंदाबांदी  1,2,3 तारीख को भी बारिश 10 व 12 मिमी के लगभग रहेगी। मानसून जाने एवं खाड़ी में दबाव के कारण बारिश का दौर अगले 10 से 12 दिन  बना रहेगा। ऐसे में मां भक्तों का उमंग और उत्साह बारिश के कारण फीका नजर आ रहा है।

आदर्श आचार संहिता के चलते झाबुआ अलीराजपुर जिले में नवरात्रि के देर रात गरबो का रंग होगा फीका

मध्य प्रदेश झाबुआ विधानसभा उप चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद चुनाव आचार संहिता का असर अब दुर्गा पूजा पंडाल और गरबा आयोजनों पर भी पड़ेगा।जिसके तहत नेताओं और उम्मीदवारों के लिए दिशानिर्देश जिला निर्वाचन अधिकारी प्रबल सिपाह द्वारा जारी किए गए है।झाबुआ उप चुनाव आदर्श आचार संहिता का असर अब नवरात्रि पर होने वाले गरबा पर भी पड़ने जा रहा है। जिला पुलिस कप्तान विनीत जैन ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के चलते झाबुआ जिले सभी थाना क्षेत्र में आयोजित गरबा आयोजनों के लिए रात 10 बजे तक की समयसीमा दी है। वहीं 10 डेसीबल से अधिक के लाऊड स्पीकर आवाज पर भी प्रतिबंध रहेगा। शुक्रवार को झाबुआ के एक गरबा ग्रुप की प्रचार रथ को भी झाबुआ पुलिस द्वारा तेज आवाज में डीजे से प्रचार करने पर पकड़ लिया गया व कार्रवाई की गई। लेकिन अभी हाल फिलाल में मेघनगर में प्रचार प्रसार में खुम रहे डीजे साउंड की गाड़ियों पर अभी भी अंकुश नही लगाया गया जब कि तेज साउंड में डीजे बजाए जा रहे ...??? 

अतिथि नहीं बन सकेंगे नेता, बैनर होर्डिंग पर भी नजर बनाए हुए हैं जिला निर्वाचन आयोग

यही नहीं, नवरात्रि में माता के दरबार और गरबा आयोजनों में जाकर नेतागिरी करने वाले और तामझाम के साथ जाकर जनता को लुभाने की कोशिश करने वाले नेताओं को भी आचार संहिता का झटका लगा है। चुनाव आयोग ने नेताओं को दो टूक कहा है कि गरबा आयोजनों में जाओ लेकिन साधारण व्यक्ति बनकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी.एल.कांताराव के मुताबिक नवरात्री उत्सव में राजनितिक लोगों की भागिदारी के लिए चुनाव आयोग ने 2012 में दिशानिर्देश जारी किए हैं। उसे ही लागू किया गया है। जिसके मुताबिक धार्मिक आयोजनों में राजनीतिक प्रतिनिधी या उम्मीदवार साधारण व्यक्ति के तौर पर जा सकेंगे और उस मंच का उपयोग राजनीतिक कार्य के लिए नहीं कर सकेंगे और ना ही चीफ गेस्ट बन सकेंगे। 

दरअसल दुर्गा पूजा और गरबा जैसे कार्यक्रमों के दौरान हिंदू वोटरों को लुभाने का इससे अच्छी तरीका नेताओं के पास नहीं होता। जहां वो होर्डिंग बैनरों के साथ अपनी उपस्थिति वोटरों के सामने दर्ज करा सकें। लेकिन चुनाव आयोग ने आचार संहिता लागू होते ही इन नेताओं के सपनों पर कुठाराघात कर दिया है। अब बीजेपी के नेता हों या कांग्रेस के, दोनों ही चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करने की बात कर रहे हैं।वैसे नेता अक्सर धार्मिक आयोजनों के जरिए वोट की जुगाड़ में रहते हैं। लेकिन ऐसा लहता है कि इस बार चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण नेता इसमे सफल नही हो पाएंगे।

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