बाबा रामदेव जी का विशाल भंडारा 8 सितम्बर को धार के ग्राम पानवा में | Baba ramdev ji ka vishal bhandara 8 september ko

बाबा रामदेव जी का विशाल भंडारा 8 सितम्बर को धार के ग्राम पानवा में

बाबा रामदेव जी का विशाल भंडारा 8 सितम्बर को धार के ग्राम पानवा में

धार/गंधवानी (महेश सिसोदिया) - बाबा रामदेव जी का जन्म 1409 ई में हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक भादवे की बीज (भाद्रपद शुक्ल द्वित्या) के दिन रुणिचा के शासक अजमल जी के घर अवतार लिया था. इनकी माता का नाम मैणादे था. इनके एक बड़े भाई का नाम विरमदेव जी था।

तोमर वंशीय राजपूत में जन्म लेने वाले बाबा रामदेव जी के पिता अजमल जी निसंतान थे. सन्तान सुख प्राप्ति के लिए इन्होने द्वारकाधीश जी की भक्ति की उनकी सच्ची भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान् ने वरदान दिया था. कि भादवे सुदी बीज को वे स्वय आपके घर बेटा बनकर अवतरित होंगे।

पोकरण के राजा अजमाल जी निसंतान थे, उन्हें इस बात से इतना दुःख नही होता था. वे अपनी प्रजा को ही सन्तान समझते थे. दूसरी तरफ भैरव राक्षस के आतंक से सम्पूर्ण पोकरण क्षेत्र में लोगों के भय का माहौल बना हुआ था. एक दिन की बात थी. मुसलाधार वर्षा होने के बाद किसान पुत्र खेत जोतने जा रहे थे.

बाबा रामदेव जी जन्म कथा

तभी उन्हें अजमाल जी महाराज के दर्शन हो गये. इनके बाँझ होने के कारण बड़ा अपशगुन हुआ और वही से वापिस लौट गये. जब अजमल जी ने उन किसानो को रोककर यु वापिस चले जाने का कारण पूछा तो पता चला वे निसंतान हैं. और खेती की वेला बाँझ व्यक्ति के दर्शन से अपशगुन होता हैं. ये शब्द अजमल जी के कलेजे को चीरने लगे. अब तक प्रजा की भलाई के लिए भगवान् द्वारकाधीश से आशीर्वाद मागने वाले अजमल जी अब पुत्र कामना करने लगे।

इस दोरान कई बार वो गुजरात के द्वारका नगरी दर्शन भी करने गये. मगर उनकी मनोइच्छा पूर्ण ना हो सकी थी. आखिर उन्होंने हार मानकर मैनादे से यह कहकर अंतिम दवारका यात्रा को निकल गये कि यदि इस बार भगवान् नही मिले तो वे अपना मुह लेकर वापिस नही आएगे. अजमल जी के द्वारका जाने पर वे मन्दिर की मूर्ति से पूछने लगे – हे भगवान् आखिर मैंने ऐसा क्या पाप किया, जिसकी सजा मुझे दे रहे हो. आप जवाब क्यों नही देते. कई बार ये कहने पर उन्हें मूर्ति से कोई जवाब नही मिला तो तामस में आकर अजमल ने बाजरे के लड्डू द्वारकाधीश की मूर्ति को मारे. यह देख पुजारी बौखला गया और पूछा तुम्हे क्या चाहिए।

अजमल जी कहने लगे मुझे- भगवान् के दर्शन चाहिए. पुजारी ने सोचा इसको भगवान् के दर्शन का कितना प्यासा हैं? सोचकर कह दिया इस दरिया में द्वाराधिश रहते हैं. अजमल जी ने आव देखा न ताव झट से उसमे कूद पड़े. भगवान् द्वारकाधीश सच्चे भक्ति की भक्ति भावना देखकर गद्गद हो उठे. उन्होंने उस दरिया में ही अजमल जी को दर्शन दिए और भादवा सुदी बीज सोमवार को उनके घर अवतरित होने का वचन देकर सम्मान विदा किया.

बाबा रामदेव के जन्मदिन को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मनाने के लिए 8 सितंबर रविवार को ग्राम पानवा (मालपुरा) तहसील गंधवानी में बड़ी संख्या में एकत्रित होंगे। जय बाबा रामदेव समिति द्वारा आयोजित भंडारा कार्यक्रम में सभी भक्तगण आमंत्रित है। आयोजक पर्वतसिंह सिसौदिया ने बताया कि बाबा रामदेव की स्मृति में आयोजित भंडारा कार्यक्रम में अलीराजपुर के श्री श्री 1008 गुरु श्री हरेसिंह जी महाराज सानिध्य और आशीर्वाद से बीते 20 वर्षो से आयोजन किया जा रहा है। भंडारे के दौरान सभी भक्तों को गोद भराई रस्म में शामिल होने के साथ भोजन प्रसादी ग्रहण करने का अवसर भी प्राप्त होगा। भक्तो से निवेदन है कि अधिक संख्या में आकर आयोजन को सफल बनाए।  

आयोजक जय बाबा रामदेव सेवा समिति, ग्राम पानवा तहसील गंधवानी जिला धार 
दिनांक-  8 सितंबर रविवार
समय - सुबह 11.30 बजे से

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