नए निर्माण को पीछे छोड़ती है 15 साल पुरानी इमारत
बडवाह (गोविंद शर्मा) - मध्यप्रदेश बडवाह के मिडिल स्कूल ग्राऊंड पर आजादी के 15 साल बाद नोनिहालो के भविष्य को सवारने वाली बनी शिक्षा के मंदिर की 6 कमरों वाली मजबूत इमारत आज भी नए निर्माण को पीछे छोड़ती हुई जैसी की तैसी खड़ी है। केवल इमारत के ऊपरी हिस्से में बनी छत लकडी व कवेलू के जीर्ण शीर्ण होने के कारण पिछले 3-4 वर्षों से खण्डर पड़ी है।
पुरानी निर्माण सामग्री से निर्मित इस भवन की मोटी मोटी दीवारों पर आज भी लोहे की कील टोकना मुश्किल ही नही बल्कि नामुमकिन है। शहर के मध्य मिडिल स्कूल प्रागण में स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय क्रमांक 1 की 1962 में बनी इस धरोहर में करीब 150 विद्यार्थीयो के अध्ययन के लिये 6 कमर बने हुए है।
आजादी के बाद से इस इमारत के समीप ही पूरे शहर के निजी व शासकीय स्कुलो के सयुक्तरूप से स्वतंत्रता एव गणतन्त्र दिवस के आयोजन सम्पन्न होते हैं। व इसी प्रागण में बीआरसी व बीईओ कार्यालय स्थित है
जिस इमारत की जमी पर बैठकर तालीम हासिल करते हुऐ आंसमा की जिन बुलंदियों को छुआ आज जब उसे खण्डहर में तब्दील होते देखकर हर वो शक़्स मायूस नजर आता है जिसने अपने अतीत में बालशखाओ के साथ जीवन के सबक यंहा से सीखे।
जी हां हम बात कर रहे बड़वाह की उस इमारत की जंहा पर यंहा के अनेक बाशिंदों ने अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल कर सरकारी और निजी क्षेत्रों में ऊंचे मुकाम हासिल किए।किन्तु जब आज वही लोग इस विधालय को जर्जर अवस्था मे देखते है तो उनके मन मे मायूसी छा जाती है और जिमेदारो के प्रति एक रोष भी नजर आने लगता है।
आज की स्थिति में इतनी मजबूती के साथ खड़ी
इस इमारत को अगर प्रशासनिक पहल करते हुए पुनःअपने मूल स्वरूप में लाया जाता है तो क्षेत्र के लिये एक बड़ी उपलब्धि होगी।
बीआरसी दशरथ पँवार का कहना है की इमारत की मजबूती को देखते हर हमारे द्वारा छत को दुरुस्त करवाने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। अगर यह पुरानी धरोहर अपने मूल स्वरूप में पुनः आती है तो शहर के लिये एक उपलब्धि होगी।
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